पटना : जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय संरक्षक व मधेपुरा के सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने आज कहा कि नीतीश कुमार होशियार जरूर हैं,लेकिन जान लें कि लालू प्रसाद अधिक चालाक हैं. वे किसी भी सूरत में तेजस्वी यादव से इस्तीफा नहीं दिलायेंगे. लालू प्रसाद चाहेंगे कि नीतीश कुमार स्वयं तेजस्वी यादव को बर्खास्त करने की अनुशंसा राज्यपाल को भेजें. फिर इसके बाद वे बर्खास्तगी को राजनैतिक और सामाजिक रूप से भुनायेंगे.
पप्पू यादव ने कहा कि बर्खास्तगी को बलिदान बता बिहार की जनता को ठगेंगे. हजारों करोड़ की संपत्ति कहां से आई, यह कभी नहीं बतायेंगे. यादवों से कहेंगे- देखो, नीतीश कुमार को, साथ में, लालू प्रसाद बिहार की सरकार में शामिल राजद के सभी मंत्रियों से भी इस्तीफा दिला देंगे. उपकार दिखाने को नीतीश कुमार की सरकार का समर्थन बाहर से जारी रखने का एलान करेंगे. इन सब के पीछे पूरी सियासी चाल है.
पप्पू यादव ने कहा कि लालू प्रसाद कभी नहीं चाहेंगे कि डिप्टी सीएम की कुर्सी तेजस्वी यादव के सिवाय और किसी को मिले. वे तेजप्रताप यादव को नहीं चाहते, मजबूरी में तैयार हो भी गये, तो नीतीश कुमार राजी नहीं होंगे. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार तेजस्वी के बदले किसी अकलियत, दलित या किसी अन्य यादव नेता को डिप्टी सीएम बनाने को राजी हैं, पर लालू प्रसाद ऐसा हरगिज नहीं होने देना चाहते. कारण कि वह नेतृत्व को घर के बाहर नहीं जाने देने को तैयार हैं. लेकिन,लालू जी को समझना होगा कि जब न्यायालय लालू जी और परिवार के दूसरे सदस्यों को जेल जाने का आदेश देगा,तब पार्टी का क्या होगा.
सांसद पप्पू यादव ने कहा, नीतीश कुमार भी इस दिन का इंतजार बेताबी से करेंगे. पप्पू बोले कि हमें नहीं लगता कि नीतीश कुमार तुरंत में भाजपा के साथ कोई खिचड़ी पकाने जा रहे हैं. बस, इतना है कि वे अपने इमेज के वास्ते दूसरे किसी की भी कुर्बानी ले सकते हैं. दूसरी ओर, लालू प्रसाद परिवार और पार्टी में संभावित टूट को जानते हुए अभी बाहर से ही समर्थन देकर बिहार की जनता को फिर एक बार ठगने के रास्ते पर आगे बढ़ेंगे.
उन्होंने कहा कि सुशील कुमार मोदी परिपक्व नेता हैं. उन्हें हल्के बयानों से बचना चाहिए. तेजस्वी मामले में निर्भया रेप कांड की तुलना कहीं से ठीक नहीं बात नहीं थी. ऐसे, वक्तव्यों से सुशील मोदी को बचना चाहिए, क्योंकि मुख्य बहस ऐसे बयानों से गौण में चला जाता है.