विभाग ने 1077 संवेदकों को किया डिबार

ग्रामीण कार्य विभाग के पास 1.27 लाख किलोमीटर सड़कें हैं पटना : सड़क निर्माण और उसके देखरेख को लेकर ग्रामीण कार्य विभाग ने बड़ा फैसला लिया है. एक सप्ताह के भीतर विभाग ने 1077 संवेदकों को डिबार कर दिया है. डिबार किये गये संवेदक अगली निविदा में भाग नहीं ले पायेंगे. इस संवेदकों के पास […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 15, 2017 7:37 AM
ग्रामीण कार्य विभाग के पास 1.27 लाख किलोमीटर सड़कें हैं
पटना : सड़क निर्माण और उसके देखरेख को लेकर ग्रामीण कार्य विभाग ने बड़ा फैसला लिया है. एक सप्ताह के भीतर विभाग ने 1077 संवेदकों को डिबार कर दिया है. डिबार किये गये संवेदक अगली निविदा में भाग नहीं ले पायेंगे. इस संवेदकों के पास 1746 सड़कों के निर्माण व उसके देखरेख का काम था. ग्रामीण कार्य विभाग के पास 1.27 लाख किलोमीटर सड़कें हैं जिसमें से करीब 68 हजार किलोमीटर सड़क का निर्माण हो चुका है. विभाग ने अगले चार साल में सभी सड़कों के निर्माण का लक्ष्य तय कर रखा है. राज्य में पीएमजीएसवाइ के पहले चरण का काम लगभग पूरा हो चुका है अब दूसरे चरण के लिए तैयारी शुरू हो गयी है. सड़क निर्माण की पॉलिसी के तहत जो संवेदक सड़क बनायेगा उसे पांच साल कर उसका रखरखाव भी करना है.
देखरेख को लेकर विभाग हुआ सक्रिय : सड़क निर्माण की तय समय सीमा और उसके देखरेख को लेकर विभाग सक्रिय हुआ है. विभाग को बड़ी संख्या में शिकायत मिल रही थी कि संवेदक समय पर सड़क का निर्माण नहीं कर रहे हैं. साथ ही पांच साल तक सड़क के रखरखाव ‌की जिम्मेवारी भी संवेदक को है उसका भी सही तरह से पालन नहीं हो रहा है.
संवेदक समय पर तो सड़क का निर्माण नहीं ही कर रहा है साथ ही सड़कों के पांच साल के रखरखाव का भी पालन नहीं कर रहा है. विभाग ने सभी अधीक्षण व कार्यपालक अभियंताओं से रिपोर्ट मंगवायी. रिपोर्ट के आधार पर विभाग ने चार जुलाई को 433 संवेदकों को डिबार किया. इन संवेदकों के जिम्में 633 सड़क है. इसके बाद विभाग ने 29 जून को 317 संवेदक को डिबार किया. इनके पास 518 सड़क का काम है. 29 जून को विभाग ने 327 संवेदकों को डिबार किया. डिबार होनेवाले इन संवेदकों के पास 595 सड़क का काम है.
डिबार होनेवाले संवेदक जब तक काम पूरा नहीं करेंगे तबतक नया टेंडर में भाग नहीं ले सकेंगे. ग्रामीण कार्य विभाग मेंटनेंस पॉलिसी की तरह एसेट्स मैनेजमेंट पॉलिसी बनायेगा. विभाग सड़क के देखभाल और उसके अपग्रेडेशन को लेकर अगले 25 साल को ध्यान में रखकर यह पॉलिसी बनायेगा.
पालिसी ओटो मोड में सिंगल विंडों सिस्टम की तरह होगा. इसमें सड़कों की प्राथमिकता तय होगी और उसकी प्रमुखता के साथ सड़क का देखभाल होगा. विभाग जिला सड़कों, रेलवे स्टेशन और अस्पताल, थाना, विभिन्न सरकारी कार्यालयों को जोड़नेवाली सड़कों के साथ-साथ सामान्य ग्रामीण सड़कों की प्रमुखता तय करेगा. इसी रेकिंग के आधार पर भविष्य में सड़कों की मरम्मती और अपग्रेडेशन होगा. इसमें इस बात की जानकारी रहेगी कि कब कौन सी सड़क की मरम्मत होनी है. कब किसका अपग्रेडेशन होना है.

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