दो वर्षों में 20% ही आये दूसरी किस्त लेने

गड्ढे में अटका ओडीएफ : स्वच्छ भारत मिशन के तहत व्यक्तिगत, सामुदायिक व सार्वजनिक शौचालय का करना है निर्माण पटना : वर्ष 2015 से पटना नगर निगम में स्वच्छ भारत मिशन के तहत राजधानी को ओडीएफ (खुले में शौच मुक्त) करने की योजना चल रही है. इस योजना के तहत निगम को सभीवार्डों में व्यक्तिगत, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 15, 2017 7:56 AM
गड्ढे में अटका ओडीएफ : स्वच्छ भारत मिशन के तहत व्यक्तिगत, सामुदायिक व सार्वजनिक शौचालय का करना है निर्माण
पटना : वर्ष 2015 से पटना नगर निगम में स्वच्छ भारत मिशन के तहत राजधानी को ओडीएफ (खुले में शौच मुक्त) करने की योजना चल रही है. इस योजना के तहत निगम को सभीवार्डों में व्यक्तिगत, सामुदायिक व सार्वजनिक शौचालय का निर्माण किया जाना है. निगम की ओर से व्यक्तिगत शौचालय निर्माण के लिए एक व्यक्ति को दो किस्तों में 12 हजार रुपये की राशि दी जानी है,
मगर निगम लक्ष्य के अनुरूप अभी तक न तो व्यक्तिगत शौचालय का निर्माण पूरा कर पाया है और ना ही सामुदायिक शौचालय का निर्माण स्लम बस्तियों में जरूरत के हिसाब से हो पाया है. वहीं दूसरीतरफ आम लोग भी योजना में फर्जीवाड़ा कर रहे हैं. शौचालय निर्माण के लिए गड्ढा खोद कर निगम की ओरसे शौचालय निर्माण के लिए पहली किस्त साढ़े सात हजार रुपये लेने के बाद दूसरी किस्त लेने के लिए आवेदन कर ही नहीं रहे हैं. दो वर्षों में महज20 फीसदी लोगों ने ही शौचालय का निर्माण कर दूसरी किस्त के लिए आवेदन किया है. ऐसे में अब राजधानी को ओडीएफ बनाने की योजना गड्ढे में अटक गयी है.
निगम देगा नोटिस : निगम की ओर से दो वर्षों से योजना चल रही है. योजना में सबसे बड़ा घटक व्यक्तिगत शौचालय का निर्माण करना है. दो वर्षों में अभी तक निगम ने साढ़े सात हजार रुपये पहली किस्त 3500 लोगों को दिया है, जबकि 700 के करीब लोगों को दोनों किस्त यानी 12 हजार रुपये
की राशि दी जा चुकी है, मगर सबसे बड़ी समस्या है कि पहली किस्त लेने के बाद अधिकांश आवेदनकर्ताओं ने दूसरी किस्त का आवेदन ही नहीं किया है. कई बार आवेदनकर्ताओं से बात करने के बाद भी वो अपने शौचालय का निर्माण पूरा नहीं कर रहे हैं. मजबूरन निगम की ओर से ऐसे लोगों को नोटिस जारी करने की तैयारी अंचल स्तर से की जा रही है.
क्यों नहीं करते दोबारा आवेदन
सूत्रों की मानें तो शौचालय निर्माण के लिए दूसरी किस्त वैसे ही लोग लेने नहीं आ रहे, जिन्होंने बगैर जरूरत के या फर्जी गड्ढा खोद कर पहली किस्त लेने के बाद उसको भर दिया है. इसके अलावा निगम की ओर से पहला आवेदन लेने के बाद इसकी जांच नहीं की गयी है. कुल मिला कर ऐसा मामला फर्जीवाड़ा का ही है.
12 वार्डों को ओडीएफ में लाने की है तैयारी, फिर जुर्माना
नगर निगम पहले चरण में 12 वार्डों को ओडीएफ करने की तैयारी कर रहा है. इसके लिए इन वार्डों में विशेष रूप से तैयारी कर खुले में शौच मुक्त करने का प्रयास किया जा रहा है. नगर आयुक्त अभिषेक सिंह ने बताया कि इन वार्डों में नगर निगम 80 फीसदी से अधिक काम पूरा कर चुका है.
एक माह के भीतर इन्हें ओडीएफ घोषित कर दिया जायेगा. उन्होंने बताया कि निगम जिन वार्डों को ओडीएफ घोषित करेगा, इसके बाद वहां खुले में शौच करने वालों पर जुर्माना लगाने का भी प्रावधान है. इन वार्डों में 500 मीटर पर एक सामुदायिक शौचालय या एक किलो मीटर पर सार्वजनिक शौचालय रखने का प्रावधान है.

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