कहीं ताले में बंद केंद्र, कहीं सेविकाएं गायब

बदहाल आंगनबाड़ी केंद्र. भगवान भरोसे हैं अधिकतर केंद्र, कई खुलते तक नहीं प्रहलाद कुमार पटना : पटना में आंगनबाड़ी केंद्रों का हाल बेहाल है. सरकार की नाक के नीचे चलनेवाले सभी केंद्र भगवान भरोसे हैं और खुलते तक नहीं हैं. झोंपड़ियों में बने आंगनबाड़ी केंद्रों की सेविका अाती तक नहीं है और सहायिका बच्चों को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 15, 2017 7:59 AM
बदहाल आंगनबाड़ी केंद्र. भगवान भरोसे हैं अधिकतर केंद्र, कई खुलते तक नहीं
प्रहलाद कुमार
पटना : पटना में आंगनबाड़ी केंद्रों का हाल बेहाल है. सरकार की नाक के नीचे चलनेवाले सभी केंद्र भगवान भरोसे हैं और खुलते तक नहीं हैं. झोंपड़ियों में बने आंगनबाड़ी केंद्रों की सेविका अाती तक नहीं है और सहायिका बच्चों को संभालती है.
प्रभात खबर की टीम ने जब छह जगहों का निरीक्षण किया, तो पाया कि एक बस एक सेंटर पर चार बच्चों को पढ़ाया जा रहा था. बाकी सभी सेंटरों से सहायिका गायब मिली और कुछ बंद मिले. सरकार के निर्देश पर इस सेंटर को सुबह नौ से एक बजे तक खुला रखना है. सेंटर पर आसपास के लोगों से यह भी जानकारी मिली है कि एक सहायिका दो जगहों पर रहती हैं, जो जांच का विषय है.
आंगनबाड़ी केंद्रों का हिसाब
बिहार में 88,072 जबकि पटना में 4,072 आंगनबाड़ी केंद्र चल रहे हैं. इसको चलाने के लिए सरकार की ओर से विभिन्न मदों में 15,700 रुपये प्रति केंद्र मिलते हैं. इसके अलावा सेविका को 3750 रुपया, जबकि सहायिका को 1500 रुपया प्रतिमाह मानदेय मिलता है.
तो होगी कार्रवाई
आंगनबाड़ी केंद्र अगर बंद पाये जायेंगे, तो संबंधित अधिकारी, सेविका और सहायिका पर कार्रवाई की जायेगी.
संजय कुमार अग्रवाल, डीएम, पटना
कमला नेहरू नगर, सेंटर कोड : 40
सेविका : अनिता कुमारी (सेंटर बंद ) : सहायिका : स्मिता कुमारी
इस सेंटर पर 10 बजे पहुंचा, तो यह सेंटर बंद था. जब इसकी तसवीर खींचने लगा, तो सहायिका पहुंची. बोली तबीयत खराब है. इसलिए नहीं खोल पाये हैं. यह सेंटर प्रभार में चल रहा है और इसके अागे भी बोर्ड नहीं लगा था. गेट पर कपड़ा पसरा मिला.
आंबेडकर कॉलोनी, यारपुर, सेंटर कोड : 24
सेविका : सीमा कुमारी (सेंटर पर मिली) : सहायिका : रेखा देवी
इस सेंटर पर 10:50 बजे पहुंचा, तो यहां सेविका व सहायिका दोनों मौजूद थी, लेकिन बच्चे नहीं थे. एक व्यक्ति वहां बैठ कर खाना खा रहा था और तीनों गप्पे मार रहे थे. तसवीर खींचने के बाद उस व्यक्ति ने कहा कि हम शिक्षक हैं और उधर बच्चे थे इसलिए खाना खा रहे हैं, लेकिन स्कूल परिसर में चलनेवाले आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चे न के बराबर थे.
तारामंडल झोंपड़ी, सेंटर कोड : 31
सेविका : उषा देवी (यह सेंटर पर नहीं मिली) À सहायिका : मंजू देवी
इस सेंटर पर 10:30 पर पहुंचा, तो पांच बच्चे थे. एक महिला बरतन लेकर झाेंपड़ी से बाहर निकली, तो मालूम हुआ कि यह सहायिका है. जब उनसे पूछा कि सेविका मैम कब आयेंगी, तो कोई जवाब नहीं था. पास की एक महिला बोली कि वह कभी-कभी आती हैं.
कमला नेहरू नगर
सेंटर कोड : 174
सेविका : मीना देवी (नहीं मिलीं)
सहायिका : चंदा देवी
इस केंद्र पर 9:50 बजे पहुंचा, तो यहां सेविका नहीं थी. सहायिका चंदा देवी चाय पी रही थी और 10 छोटे-छोटे बच्चे जमीन पर लोट रहे थे. सेंटर पर बोर्ड भी लगा था. जब सहायिका से पूछा, तो बताया गया कि सेविका बस आ रही है.
आंबेडकर कॉलोनी यारपुर, सेंटर कोड : 173
सेविका : उषा देवी (सेंटर पर मिली)
सहायिका : विमला
इस सेंटर पर 10:45 बजे पहुंचा, तो सेविका व सहायिका दोनों मिली और चार बच्चे भी थे. जिसको वह पढ़ा रही थी. झोंपड़ी में चलनेवाला आंगनबाड़ी केंद्र की सेविका ने कहा कि बरसात में परेशानी होती है.
चपरासी कॉलोनी गर्दनीबाग, कोड : 21
सेविका : शोभा रानी (सेंटर बंद )
सहायिका : रूबी देवी
11 बजे पहुंचा, तो यहां का सेंटर बंद था. सेंटर के बाहर बोर्ड नहीं रहने से इसे खोजने में भी परेशानी हुई. आसपास के लोगों ने बताया कि यह अधिकांश समय बंद ही रहता है.

Next Article

Exit mobile version