पटना : राजद सुप्रीमोलालू प्रसाद यादव, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और राजद ने जदयू की सभी तीन शर्त्तों को ठुकरा कर यह साफ कर दिया है कि ना तो तेजस्वी यादव इस्तीफा देंगे और ना लालू प्रसाद यादव अपनी बेनामी संपत्ति का खुलासा करेंगे. साथ ही सीबीआई, ईडी और इनकम टैक्स द्वारा लगाये गये आरोपों का बिंदुवार तथ्यात्मक जवाब भी नहीं देंगे. दूसरी ओर, सभी मंत्री के इस्तीफा देने की धमकी देकर राजद ने मुख्यमंत्री की ऑथरिटी को ही चुनौती दे दी है. ऐसे में एक बार गेंद फिर नीतीश कुमार के पाले में आ गयी है.
अपेक्षा तो थी कि तेजस्वी यादव अपने ऊपर लगे आरोपों का बिंदुवार जवाब देते हुए बतायेंगे कि डिलाइट मार्केटिंग को पटना में तीन एकड़ जमीन कैसे मिली, वह जमीन उनके कब्जे में कैसे आयी, उस पर बन रहे 750 करोड़ के मॉल के वे मालिक कैसे बने, दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी का चार मंजिला मकान तथा करीब एक दर्जन शेल कंपनियों को उन्होंने किस तरह से हासिल किया? मगर उनके पास कोई जवाब नहीं है. इसलिए ‘‘बदले की भावना से कार्रवाई की गयी है’’ का राग अलाप रहे हैं.
हास्यास्पद है कि राजद के मंत्री के विभाग के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के साथ भाग नहीं लेकर तेजस्वी ने कार्यक्रम का बहिष्कार नहीं, बल्कि मुख्यमंत्री की अवलेहना और अपमान किया है. सीबीआई की छापेमारी के बाद से ही तेजस्वी अपने कार्यालय नहीं गये हैं. शासन-प्रशासन का काम बुरी तरह से प्रभावित है. ऐसे में मुख्यमंत्री को अविलंब तेजस्वी को बर्खास्त करने का फैसला लेना चाहिए.