महागठबंधन से अलग होकर बिहार के हित में एनडीए के साथ आएं नीतीश : मांझी

नयी दिल्ली: बिहार की मौजूदा राजनीतिक अस्थिरता के लिए महागठबंधन में शामिल दल जिम्मेवार हैं. भ्रष्टाचार पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दो मानक नहीं हो सकते हैं. पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने कहा कि जब मुझ पर बीएड घोटाले में आरोप लगा तो महज कुछ ही घंटों में इस्तीफा ले लिया गया, लेकिन उपमुख्यमंत्री तेजस्वी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2017 10:08 AM

नयी दिल्ली: बिहार की मौजूदा राजनीतिक अस्थिरता के लिए महागठबंधन में शामिल दल जिम्मेवार हैं. भ्रष्टाचार पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दो मानक नहीं हो सकते हैं. पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने कहा कि जब मुझ पर बीएड घोटाले में आरोप लगा तो महज कुछ ही घंटों में इस्तीफा ले लिया गया, लेकिन उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर गंभीर आरोप लगने के बावजूद पद पर बने हुए हैं. मुख्यमंत्री को इस मामले में तत्काल कार्रवाई करते हुए भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति पर अमल करना चाहिए.

मांझी ने कहा कि राज्य महागठबंधन की सरकार में विकास कार्य ठप है और अपराध और भ्रष्टाचार काफी बढ़ गया है. ऐसे हालात में बिहार हित को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को महागठबंधन से अलग हो जाना चाहिए और एनडीए के सहयोग से सरकार चलाने की कोशिश करनी चाहिए. पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन में किसानों की बेहतरी के लिए उत्पादन मूल्य से अधिक का भुगतान करने के साथ ही कृषि खर्च में कमी लाकर किसानों की आत्महत्या को रोके जाने के उपायों पर मंथन किया गया. पांच एकड़ से कम रकबा वाले किसानों को मुफ्त में बिजली मुहैया कराने की मांग भी की गयी.

अधिवेशन में संगठन को मजबूत करने के साथ ही राजनीतिक और आर्थिक प्रस्ताव पारित किया. हिंदुस्तानी अवाम मोरचा के राष्ट्रीय अधिवेशन की बैठक में यह प्रस्ताव पारित किया गया कि बेरोजगारी की समस्या से निबटने के लिए शिक्षित बेरोजगारों को प्रति माह पांच हजार रुपये दिया जाये.

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