लालू की अन्य बेनामी संपत्ति भी जब्त करने की तैयारी में आयकर

पटना : राजद प्रमुख लालू प्रसाद की बेनामी संपत्ति को खोजने का सिलसिला आयकर विभाग ने जारी रखा है. बेनामी संपत्ति जब्त करने के पहले नोटिस के बाद आयकर विभाग लालू प्रसाद और उनके परिवार को दूसरा या तीसरा नोटिस भी जारी कर सकता है. इसके साथ ही बाद में उजागर हुई बेनामी संपत्तियों को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 17, 2017 7:21 AM
पटना : राजद प्रमुख लालू प्रसाद की बेनामी संपत्ति को खोजने का सिलसिला आयकर विभाग ने जारी रखा है. बेनामी संपत्ति जब्त करने के पहले नोटिस के बाद आयकर विभाग लालू प्रसाद और उनके परिवार को दूसरा या तीसरा नोटिस भी जारी कर सकता है. इसके साथ ही बाद में उजागर हुई बेनामी संपत्तियों को पहले से सामने आयी बेनामी संपत्तियों की सूची में जोड़ा या अटैच भी किया जा सकता है, जिसकी तैयारी शुरू हो गयी है. नयी दिल्ली स्थित आयकर मुख्यालय के स्तर पर इस मामले की सीधी जांच की जा रही है. वित्त मंत्रालय के स्तर पर भी इस मामले को लेकर लगातार नजर रखी जा रही है. फिलहाल विभाग उनसे जुड़े तमाम जानकारी की जांच कई चरणों में कर रहा है. इसके बाद ही ठोस कार्रवाई की जायेगी.
करीबियों के नाम पर भी हैं कई प्लॉट
अब तक की जांच में लालू प्रसाद और उनके परिवार के नाम पर अन्य कई बेनामी संपत्ति मिली है. इसमें बिहटा और पालीगंज में जमीन के कई प्लॉट शामिल हैं. इसमें कुछ प्लॉट तो उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर है, जबकि कुछ प्लॉट उनके जानने वाले या करीबियों के नाम पर हैं. इनमें तकरीबन सभी प्लॉट का डिटेल मिल गया है. इसके अलावा पटना के आसपास के कई इलाके मसलन संपतचक, बैरिया समेत अन्य स्थानों में इस पारिवारिक कुनबे के सदस्यों के नाम पर जमीनों के प्लॉट मौजूद हैं. इनकी तलाश तेजी से चल रही है.
तेजप्रताप पर भी हो सकती है कार्रवाई
सूत्रों के अनुसार जांच में एक अहम जानकारी यह भी सामने आयी है कि पटना में एयरपोर्ट के पास भी जमीन का एक बड़ा प्लॉट है. बताया जा रहा है कि यह प्लॉट एक फर्जी या शेल कंपनी के नाम पर है. इस कंपनी का मालिकाना हक लालू प्रसाद के बड़े बेटे और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव के नाम पर है. इस मामले में तेजप्रताप पर भी कार्रवाई हो सकती है. अब तक घोटाले और दलाली से जुड़े जितने भी मामले दर्ज किये गये हैं, उनमें तेजप्रताप का नाम स्पष्ट रूप से कहीं भी सामने नहीं आया है. परंतु इस मामले में इस बात के ठोस प्रमाण मिल रहे हैं कि स्वास्थ्य मंत्री की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. उन पर भी आयकर का शिकंजा कभी भी कस सकता है.

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