पटना :वार्षिक समारोह के नाम पर, तो कभी स्कूल एक्टिविटी के नाम पर अभिभावकों से पैसे लिये जाते हैं. कभी चैरिटी, तो कभी फैस्टिवल के नाम पर अभिभावकों से पैसे की वसूली स्कूल प्रशासन करता है. अभिभावक डर से बोलते नहीं हैं, लेकिन अब स्कूल के इस दबाव पर सीबीएसइ की नजर है. सीबीएसइ ने स्कूलों को सालाना और प्रतिमाह की फीस संबंधित जानकारी स्कूल के नोटिस बोर्ड पर अंकित करने को कहा है. बोर्ड के अनुसार, स्कूल हर महीने क्या फीस लेता है, इसकी जानकारी बोर्ड के साथ अभिभावकों को पता होना चाहिए. किस मद में कितने पैसे लिये गये और स्कूल को ये पैसे स्टूडेंट्स से लेने की जरूरत क्या हुई, इसकी जानकारी भी देनी है.
हर महीने तीन से चार सौ रुपये देते है अभिभावक ट्यूशन फीस के अलावा
राजधानी पटना की बात करें तो अधिकतर स्कूल 1500 रुपये के ऊपर ही ट्यूशन फीस लेता है. इसके बावजूद हर महीने या हर दो महीने पर तीन से चार सौ रुपये किसी ना किसी मद में अभिभावकों को जमा करने को बोलते है. ये रुपये स्कूल प्रशासन लेता तो है, लेकिन इसका कोई रसीद नहीं दिया जाता. अभिभावकों की शिकायत होती है कि जिस भी मद में पैसे लिये जाते हैं, उसका रसीद स्कूल प्रशासन क्यों नहीं देता है.
सितंबर में होगी स्कूल का औचक निरीक्षण
फीस संबंधित जानकारी स्कूल नोटिस बोर्ड पर दे रहा है या नहीं, इसकी जांच भी सीबीएसइ द्वारा किया जायेगा. बोर्ड सूत्रों की मानें, तो अभी स्कूलों को इसके लिए अगस्त तक का समय दिया गया है. अगस्त तक स्कूल इस प्रक्रिया को शुरू कर दे. सितंबर में स्कूलों का औचक निरीक्षण किया जायेगा. नोटिस बोर्ड पर सभी कक्षाओं के फीस की जानकारी देनी है.
क्या कहते हैं अधिकारी
स्कूल के फीस स्ट्रक्चर की जानकारी बोर्ड के पास रहेगी. इसके लिए स्कूलों को स्कूल के वेबसाइट के अलावा नोटिस बोर्ड पर भी देने को कहा गया है. इन दोनों सिस्टम से स्कूल के फीस स्ट्रक्चर के बारे में पूरी जानकारी बोर्ड के पास रहेगा.
एलआर मीणा, रीजनल ऑफिसर, सीबीएसइ पटना