पटना : बिहार में सीवान के पूर्व राजद सांसद शाहबुद्दीन को तत्कालीन एसपी एसके सिंघल पर गोली चलाने के मामले में निचली अदालत से मिली सजा को पटना हाई कोर्ट नेआज खारिज कर दिया है. मंगलवार को इस मामले में शाहाबुद्दीन की अपील याचिका पर फैसला आया. जस्टिस विनोद कुमार सिन्हा की कोर्ट ने निचली अदालत द्वारा इस मामले में उन्हें दिये 10 वर्षों के कारावास की सजा को निरस्त कर दिया. वहीं आर्म्स एक्ट के दो अन्य मामलों में निचली अदालत द्वारा दिये गये 10 और पांच साल की सजा एवं जुर्माना को बरकरार रखा है.
गौरतलब है कि पहला मामला सिवान के दरौंदा मठिया थाना में 1996 में तत्कालीन एसपी एसके सिंघल के उपर कातिलाना हमला से जुड़ा हुआ है. इस मामले में सूचक तत्कालीन एसपी ने अपने बयान में बताया था कि तीन मई, 1996 को करीब 7.30 बजे दस-पंद्रह व्यक्यिों ने उनपर जानलेवा हमला किया था. जिसमें उन्होंने फायरिंग कर रहे शहाबुद्दीन, मो जहागीर खान और मो खालिद को पहचाना था. निचली अदालत ने मामले की सुनवाई पूरी करते हुए तीन अगस्त, 2016 को शहाबुद्दीन एवं अन्य को दोषी करार देते हुए दस साल की सजा और दो हजार रुपये का जुर्माना लगाया था.
इस मामले में शहाबुद्दीन के दो बॉडीगार्ड को भी अभियुक्त बनाया गया था. पटना उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में कहा कि इसमें भादवि की धारा 307 का मामला नहीं बनता है और ना ही पुलिस ने हवाई फायरिंग का कोई पुख्ता साक्ष्य अदालत में प्रस्तुत किया है. हालांकि, अदालत ने इस मामले में आर्म्स एक्ट में निचली अदालत द्वारा दिये गये पांच वर्षों की सजा को बरकरार रखने का निर्देश दिया.