पटना : बिहार में महागठबंधन के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है, यह सभी को पता है. इसके साथ ही लालू परिवार की बेनामी संपत्ति से शुरू हुआ विवाद तेजस्वी के ऊपर सीबीआई द्वारा दर्ज एफआइआर तक पहुंच गया. इन सभी घटनाक्रमों को एक निगाह में देखें तो पता चलेगा कि आखिर पूरा मामला किस क्रम में और कैसे घटित हुआ. आइए जानते हैं महागठबंधन में पैदा हुए विवाद से जुड़ी दस बड़ी बातें.
1. उल्लेखनीय है कि लालू प्रसाद के रेल मंत्री रहने के दौरान 2004 में रांची और पुरी स्थित आईआरसीटीसी के दो होटलों का लाइसेंस जारी किये जाने के बदले लालू के परिवार को तीन एकड़ भूखंड दिये जाने के मामले में तेजस्वी यादव, लालू प्रसाद, राबड़ी देवी और पांच अन्य का नाम आने के मद्देनजर सीबीआई ने गत शुक्रवार को लालू के आवास सहित 12 ठिकानों पर छापे मारे थे.
2. इसके बाद करीब पांच दिनों तक चुप रही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने तेजस्वी से उन पर लगे आरोपों के बारे में पूर्ण तथ्यों के साथ जनता की अदालत के बीच जाने को कहा था लेकिन राजद प्रमुख ने अपनी ओर से महागठबंधन को तोड़ने से इनकार करते हुए अपने विधायक दल के उस निर्णय कि तेजस्वी के इस्तीफे का कहीं कोई प्रश्न ही नहीं उठता का हवाला देते हुए इस कार्वाई को राजनीति से प्रेरित बताया था.
3.तेजस्वी के इस्तीफे कीबातसामने आने और जदयू द्वारा संपत्ति का ब्योरा मांगे जाने पर लालू ने कहा कि सारी बातें पहले से सार्वजनिक है, जिसे देखना हैं देखे.
4. उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के मंगलवार को दिये अपने बयान में एक तरह से अपने इस्तीफा देने की मांग को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि यह केवल मीडिया में है. नीतीश कुमार और जदयू ने हमसे इस्तीफे की मांग नहीं की है.
5. गत बुधवार को की बैठक के बाद पुराने सचिवालय मुख्य द्वार पर उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की प्रतिक्रिया लेने पहुंचे मीडियाकर्मियों के साथ उपमुख्यमंत्री के सुरक्षा गार्डों के कथित दुर्व्यवहार की घटना के बाद मंगलवार कोमंत्रिपरिषद की बैठक के समय मीडियाकर्मियों का पुराने सचिवालय में प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया था और मंत्रिपरिषद की ब्रीफिंग सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के सभागार में हुई.
6. तेजस्वी के इस्तीफे की मांग कर रहे भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने लालू और उनके परिवार पर अपने प्रहार को जारी रखते हुए आज कहा कि तेजस्वी यादव एवं 7 अन्य पर सीबीआई ने आईपीसी की धारा 120 बी एवं 420 तथा भ्रष्टाचार निरोध अधिनियम 1988 की धारा 13 (2) 13 (1) डी के तहत दर्ज किया है.
7.मंगलवार को पत्रकारों को संबोधित करते हुए सुशील ने आरोप लगाया कि डिलाईट मार्केंटिंग की 3 एकड़ जमीन जब सरला गुप्ता ने तेजस्वी को 201314 में सौंपी उस समय वे दाढ़ी मूंछ सहित पूरी तरह बालिग थे.
8. पूर्व में बड़े बेनामी संपत्ति को लेकर आरोप लगा चुके मोदी ने कहा कि जब तेजस्वी ने 3 एकड़ जमीन पर 7 लाख 66 हजार स्क्वायर फुट का 12 मंजिला बिहार के सबसे बड़े मॉल के निर्माण का उद्घाटन 5 मई 2016 को सुरसंड विधायक दोजाना की कंपनी के साथ किया उस समय तेजस्वी केवल दाढ़ी-मूंछ वाले ही नहीं बल्कि राज्य सरकार के उपमुख्यमंत्री भी थे.
9. सुशील ने आरोप लगाया कि डिलाईट मार्केंटिंग के माध्यम से जब तेजस्वी दिल्ली एवं पटना की 13 अन्यसंपत्ति के मालिक बने उस समय तेजस्वी ‘दुधमुंहां ‘ बच्चे नहीं बल्कि 23 वर्ष के थे और पूरी तरह बालिग थे. उन्होंने आरोप लगाया कि इस प्रकार तेजस्वी यादव कुल 26 सम्पति के मालिक हैं. इसमें से 13 सम्पति कम्पनियों के माध्यम से हैं और 13 सम्पति जो उनके नाम से पंजीकृत हुई है.
10. उन्होंने कहा कि उपरोक्त 26 में से 13 संपत्ति को आय कर विभाग ने बेनामी घोषित कर औपबन्धिक रूप से जब्त कर लिया है. सुशील ने आरोप लगाया कि तोहफें लेते समय या जमीन लिखवाते समय कभी नहीं कहा कि मेरी दाढी-मूंछ नहीं है इसलिए जमीन नहीं लूंगा लेकिन दाढी-मूंछ होने पर 13 बेनामी सम्पति के मालिक बन गए और फंस गए तो कहते हैं कि मेरी तो उस समय दाढी मूंछ भी नहीं थी.
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