पटना :बिहारके पूर्व मुख्यमंत्री सह हिंदुस्तानी अवाम मोरचा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने महागठबंधन सरकार पर निशाना साधते हुए जदयू-राजद के बीच चल रहे झगड़े को नूरा कुश्ती बताया है. अपने आवास पर प्रेसवार्ताकेदौरान मांझी ने बुधवार को कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमारने बिहार के कई नेताओं से मामूली धाराओं में प्राथमिकी होने पर त्यागपत्र ले लिया था, लेकिन अब कौन-सी बातें सामने आ रही हैं, जिस कारण वह उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव को बार-बार समय देते जा रहे हैं?
जीतन राम मांझी ने हमला तेज करते हुए आगे कहा कि नीतीश कुमार को मामले में कमजोर पड़ने का कारण मुख्यमंत्री की कुर्सी जाने का भय है. नीतीश कुमार ने अपनी कुर्सी बचाने के लिए ‘जीरो टॉलरेंस नीति की तिलांजलि दे दी है. अब उनको ‘जीरो टॉलरेंस’ पर बात करने का नैतिक अधिकार नहीं है. मांझी ने कहा कि बाहर की बैठकों में तेजस्वी यादव के नेमप्लेट ढंकते हैं या हटाते हैं. राजद के मंत्री को भी साथ बैठाने में परहेज करते हैं. लेकिन, मंत्रिमंडल की बैठकों में तेजस्वी प्रसाद यादव को नंबर दो की कुर्सी पर आसीन होने देते हैं.
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सत्ता का लोभ और भय के सिवायऔर कुछ नहीं है. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि तेजस्वी यादव से मिल कर नीतीश कुमार क्या स्पष्टीकरण चाहते हैं? जबकि मामला सीबीआइ व आर्थिक अपराध संगठन के साथ है. मांझी ने कहा कि जदयू-राजद का यह झगड़ा राज्य में हो रहे महिलाओं के साथ दुष्कर्म, रिश्वरतखोरी और विकास का काम ठप रहने की घटना को लोग भूल रहे थे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यही चाहते थे. क्योंकि वादों को पूरा करने में महागंठबंधन की सरकार असक्षम रही है. मांझी ने कहा कि जनता का ध्यान समस्याओं से हटा कर जदयू और राजद के बनावटी झगड़े की ओर किया गया.
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