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5000 प्लस टू स्कूलों में से 2345 में ही शौचालय

अव्यवस्था : शौचालय नहीं होने से छात्राएं अधिक देर स्कूल में नहीं रुकना चाहती हैं पटना : मै म, स्कूल में शौचालय नहीं है. हमें दिक्कत होती है. सुबह से दोपहर तक शौचालय नहीं जा पाते हैं. अगर क्लास का समय कम हो जाये, तो हम सब घर जल्दी जा पायेंगे. यह आवेदन है, इसे […]

अव्यवस्था : शौचालय नहीं होने से छात्राएं अधिक देर स्कूल में नहीं रुकना चाहती हैं
पटना : मै म, स्कूल में शौचालय नहीं है. हमें दिक्कत होती है. सुबह से दोपहर तक शौचालय नहीं जा पाते हैं. अगर क्लास का समय कम हो जाये, तो हम सब घर जल्दी जा पायेंगे. यह आवेदन है, इसे जिला शिक्षा कार्यालय के पास कई स्कूलों की तरफ से भेजा गया है. स्कूल में शौचालय नहीं हैं. कई महीनों से आवेदन प्राचार्य और प्राचार्य द्वारा जिला शिक्षा कार्यालय को भेजे जा रहे हैं. ज्ञात हो कि प्रदेश भर में प्लस टू स्कूलों की संख्या पांच हजार के लगभग है. इन स्कूलों में से 2345 स्कूलों में शौचालय नहीं हैं. शौचालय नहीं हाेने से छात्राएं स्कूल में रहना नहीं चाहती हैं.
छात्राें के लिए इंतजाम, छात्राएं रहती हैं परेशान
उन विद्यालयों की स्थिति और भी बुरी है, जहां पर छात्र-छात्राएं एक साथ पढ़ते हैं. छात्रों के लिए तो शौचालय है, लेकिन छात्राओं के लिए शौचालय की स्थिति ठीक नहीं है. इस कारण छात्राएं शौचालय का इस्तेमाल नहीं करती हैं. दयानंद कन्या उच्च विद्यालय, मीठापुर में आठ शौचालय हैं, लेकिन इनमें से एक भी शौचालय काम नहीं कर रहा है.
मिलर हाइ स्कूल में छह शौचालय हैं, जो केवल छात्रों के लिए हैं. छात्राओं के लिए एक भी शौचालय नहीं है. राजधानी की बात करें, तो अधिकांश स्कूलों में शौचालय नहीं हैं. इसको लेकर बराबर डीइओ ऑफिस के पास शिकायत भी आती रहती है. बालिका उच्च विद्यालय, गंगा ब्रिज कॉलोनी प्रशासन की मानें, तो स्कूल में 10 शौचालयों की आवश्यकता है. लेकिन इस स्कूल के पास मात्र एक ही शौचालय है. कुछ ऐसा ही हाल रघुनाथ बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय, कंकड़बाग का है. इस स्कूल को 15 शौचालयों की आवश्यकता है. लेकिन स्कूल के पास मात्र एक शौचालय है.
शौचालय हैं भी, तो दरवाजे टूटे हुए हैं
स्कूलों में शौचालय की स्थिति बहुत ही खराब है. खास कर छात्राअों के लिए शौचालय होना चाहिए. कई स्कूलों में शौचालय हैं भी, तो दरवाजे टूटे हुए हैं. शौचालय बनवाने के लिए कई बार स्कूलों को कहा भी गया है.
अशोक कुमार, डीपीओ, जिला शिक्षा कार्यालय

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