राजद सुप्रीमो को पूछताछ के लिए नयी दिल्ली बुला सकती है सीबीआइ
पटना : राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के खिलाफ सीबीआइ का शिकंजा बढ़ता जा रहा है. लालू प्रसाद के रेलवे मंत्री रहते हुए उनके पूरे कार्यकाल के दौरान जितने भी ठेके और नीलामी की प्रक्रिया हुई है, सब की जांच सीबीआइ कर रही है. इसके लिए सीबीआइ ने रेलवे मंत्रालय से संबंधित सभी दस्तावेजों की […]
पटना : राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के खिलाफ सीबीआइ का शिकंजा बढ़ता जा रहा है. लालू प्रसाद के रेलवे मंत्री रहते हुए उनके पूरे कार्यकाल के दौरान जितने भी ठेके और नीलामी की प्रक्रिया हुई है, सब की जांच सीबीआइ कर रही है. इसके लिए सीबीआइ ने रेलवे मंत्रालय से संबंधित सभी दस्तावेजों की मांग की थी, जो मंत्रालय ने उन्हें दे दिया है. इन तमाम दस्तावेजों के आधार पर उनके रेलवे मंत्री के कार्यकाल में हुई तमाम वाणिज्यिक सौदों की गहन छानबीन की जा रही है. अब तक हुई छानबीन में कई स्तर पर गड़बड़ी मिली है. इसके आधार पर सीबीआइ ने लालू प्रसाद से पूछताछ करने का पूरा प्लेटफॉर्म तैयार कर लिया है. इस मामले को लेकर उनसे कभी-भी पूछताछ हो सकती है और उन्हें इसके लिए जल्द ही नयी दिल्ली से बुलावा आ सकता है. चूंकि पूरे मामले की जांच सीबीआइ की नयी दिल्ली इकाई कर रही है, इससे संबंधित प्राथमिकी भी वहीं दर्ज हुई है. इसलिए पूछताछ भी नयी दिल्ली बुलाकर ही की जायेगी.
सीबीआइ पहले से ही लालू प्रसाद के कार्यकाल में ‘रेल रत्न’ में शामिल होटलों के आवंटन में हुई व्यापक स्तर पर गड़बड़ी की जांच कर रही है. कोचर बंधुओं को होटल का टेंडर देने के लिए जिस तरह से तमाम नियमों की अनदेखी की गयी और इन्हें बदला तक गया. साथ ही इस दलाली के खेल में पटना स्थित सगुना मोड़ में तीन एकड़ जमीन की रजिस्ट्री करायी गयी. इस मामले में एफआइआर दर्ज कर उनके सरकारी आवास का सर्च तक हो चुका है. अब इस तरह के अन्य सभी टेंडर प्रक्रिया या डील की जांच की जा रही है. अगर उनमें भी किसी तरह की बड़ी गड़बड़ी पायी जाती है, तो सीबीआइ एफआइआर में इसे जोड़ सकती है या कोई नयी एफआइआर दर्ज कर सकती है. सीबीआइ उन्हें सिर्फ एक मामले में नहीं, बल्कि अन्य कई मामलों में हुई गड़बड़ी से संबंधित मामले में पूछताछ कर सकती है. नयी दिल्ली बुला कर उनसे कुछ अन्य मामलों में भी पूछताछ होगी.
रेलवे मंत्रालय से जिन फाइलों को मंगवाकर सीबीआइ जांच कर रही है, उनमें सबसे ज्यादा फाइलें रेल रत्न होटलों के आवंटन से ही जुड़ी हुई हैं. हालांकि, सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस जांच के दौरान कुछ अन्य टेंडरों में हुई गड़बड़ी की बात भी सामने आयी है. जांच अभी चल ही रही है, पूरी होने के बाद ही यह स्पष्ट हो पायेगा कि रेलवे मंत्री के कार्यकाल में उन्होंने कितनी और कहां-कहां गड़बड़ी की है.