भाजपा नेताओं के लिए ‘किलर प्वाइंट’ बना बिहार, डेढ़ साल में 5 की हत्या

आशुतोष कुमार पांडेय @ पटना पटना : बिहार में हाल में हुई अपराध की वारदातों ने महागठबंधन के सियासी घमसान के बीच एक नयी बहस छेड़ दी है. 24 घंटे के अंदर कटिहार से एक डॉक्टर के अपहरण, भागलपुर में एक युवती से गैंग रेप और भाजपा नेता की हत्या ने एक बार फिर कानून-व्यवस्था […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 20, 2017 12:36 PM


आशुतोष कुमार पांडेय
@ पटना

पटना : बिहार में हाल में हुई अपराध की वारदातों ने महागठबंधन के सियासी घमसान के बीच एक नयी बहस छेड़ दी है. 24 घंटे के अंदर कटिहार से एक डॉक्टर के अपहरण, भागलपुर में एक युवती से गैंग रेप और भाजपा नेता की हत्या ने एक बार फिर कानून-व्यवस्था पर सवालिया निशान लगा दिया है. डेढ़ साल के अंदर पांच भाजपा नेताओं की हत्या ने विपक्ष को एक बड़ा मुद्दा दे दिया है. जानकार मानते हैं कि हाल के दिनों में बिहार की कानून-व्यवस्था की स्थिति में काफी गिरावट आयी है. उधर, भाजपा नेता की हत्या के बाद पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि महागठबंधन की सरकार में अपराधी व्यवसायियों को टारगेट कर हत्या कर रहे हैं. जो अपराधी कभी पुलिस के डर से भागे फिरते थे, अब वे आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने के बाद परची गिराकर खुलेआम जिम्मेवारी ले रहे हैं. प्रदेश का यह हाल सिर्फ इसलिए हुआ है कि सरकार में बैठे लोग दागी विधायकों और अपराधियों को संरक्षण दे रहे हैं. मोदी ने कहा कि उत्तर बिहार में अपराध के मामले में चार जिले-समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, बेगूसराय और पूर्वी चंपारण शीर्ष पर हैं. यहां अपराधी खुलेआम एके-47 लेकर घूम रहे हैं और घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं.

बढ़ रहा है अपराध का ग्राफ

राजनीतिक जानकार आशंका व्यक्त कर रहे हैं कि कहीं बिहार में पूर्व की तरह राजनीतिक हत्याओं का सिलसिला तो नहीं शुरू हो गया है ? यदि ऐसा हुआ तो यह महागठबंधन के भविष्य के लिए ठीक नहीं होगा. बिहार पुलिसद्वारा 2017 मेंमुहैयाकराएगये अपराध के आंकड़े भी काफी चिंतित करने वाले हैं. हालांकि, कई बार सार्वजनिक मंच से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, अन्य राज्यों की तुलना में बिहार में अपराध कम होने की बात कह चुके हैं. बिहार में साल 2017 में जनवरी से लेकर मई तक के अपराध के आंकड़ों को देखें, तो यह साफ पता चलता है कि अपराध की रफ्तार में वृद्धि हुई है. आंकड़ों के मुताबिक जनवरी से मई 2017 तक संज्ञेय अपराधों की संख्या 90044 है, जिसमें हत्या-1098, डकैती-137, लूट-594, अपहरण-3684, फिरौती के लिए अपहरण-16, रेप-495 है. इन पांच महीनों के आंकड़े में अपहरण के बाद सबसे ज्यादा हत्या की घटनाएं दर्ज हुई हैं.

कृष्णा शाही की हत्या

भाजपा के वरिष्ठ नेता व व्यावसायिक प्रकोष्ठ के बिहार प्रभारी कृष्णा शाही की मंगलवार की रात हत्या कर दी गयी. बुधवार की दोपहर में फुलवरिया थाने के मांझा गांव के शिव मंदिर के पास कुएं से उनका शव मिला. कृष्णा शाही हथुआ थाने के चैनपुर गांव के निवासी थे. इनकी पत्नी शांता शाही हथुआ प्रखंड की चैनपुर पंचायत की मुखिया हैं. भाजपा नेता कृष्णा शाही की जान को पहले से खतरा था. जिला प्रशासन ने उन्हें सुरक्षा के लिए चार बॉडीगार्ड दिये थे. इन पर पहले कई बार हमले भी हो चुके हैं. परिजनों ने साजिश के तहत हत्या करने का आरोप लगाया है. हत्या के बाद साक्ष्य छुपाने के लिए कुएं में शव को फेंका गया था. कृष्णा शाही शुरू से ही राजनीति में थे. पिता मैनेजर शाही की हत्या के बाद से कृष्णा शाही के परिवार की राजनीतिक में एक अलग पैठ थी. वर्ष 2009 में हथुआ विधानसभा क्षेत्र से कृष्णा शाही ने बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था, जिसमें उनकी हार हो गयी थी. वर्ष 2001 से हथुआ प्रखंड की चैनपुर पंचायत में मुखिया पद पर कब्जा रहा.

भाजपा नेता विशेश्वर ओझा की भी हुई थी हत्या

12 फरवरी 2016 को भोजपुर में बीजेपी नेता विशेश्वर ओझा की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी. विशेश्वर को अपराधियों ने सोनवर्षा बाजार में गोली मारी थी. विशेश्वर ओझा राज्‍य बीजेपी के प्रदेश उपाध्‍यक्ष थे और उन्‍होंने 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में शाहपुर सीट से चुनाव लड़ा था. उस समय भाजपा ने सरकार को 72 घंटे का अल्टीमेटम दिया था. मामले की जांच चल रही है और कई लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. विशेश्वर ओझा 2015 के विधानसभा चुनाव में शाहपुर से बीजेपी की टिकट पर चुनाव लड़े थे और हार गए थे. 2005 और 2010 में उनकी रिश्तेदार मुन्नी देवी बीजेपी की विधायक थी. 2016 में ही 11 फरवरी को सारण जिले के छपरा तरैया थाना के गंडार पुल के निकट रात में अपराधियों ने भाजपा नेता केदार सिंह की गोली मार कर हत्या की दी थी. केदार सिंह शाम में बाइक से मशरख के बंगरा स्थित अपनी बहन के घर गये थे. रात्रि में घर वापसी के दौरान पहले से घात लगाये अपराधियों ने गंडार पुल के निकट उनपर हमला बोला था और गोली मार उनकी हत्या कर दी थी. वहीं, 18 अगस्त 2016 को दानापुर में रक्षा बंधन के दिन भाजपा नेता अशोक जयसवाल की अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी.

जनवरी 2017 में भी हुई थी भाजपा नेता की हत्या

ज्ञात हो कि जनवरी 2017 में बिहार के सारण जिले के मांझी थाना क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता आचार्य केशवानंद गिरी की अपराधियों ने गोली मार कर हत्या कर दी थी. पुलिस ने उस वक्त बताया था कि कुछ लोगों ने किसी बहाने से गिरी को बाहर बुलाया था. वह घर वालों को तुरंत वापस आने की बात कह कर चले गये थे. बाद में केशवानंद का शव मांझी-बंगरा पथ पर पुलिया के समीप से बरामद किया गया था, उनकी गोली मारकर हत्या की गयी थी. वहीं लोजपा नेता बृजनाथी की हत्या भी चर्चा में रही थी और बिहार की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े हुए थे. इन घटनाओं से भाजपा के नेताओं में काफी आक्रोश है और उन्होंने महागठबंधन सरकार के खिलाफ पूरे बिहार में कानून-व्यवस्था को लेकर आंदोलन छेड़ने की चेतावनी दी है.

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