हर दिन के जाम के झंझट से बेहतर है गंगा पर बन जाता पीपापुल

पटना : महात्मा गांधी सेतु को जाम और ओवर लोडिंग से मुक्ति मिलने में अभी 12 महीने लगेंगे. दीघा-सोनपुर रेल सह सड़क पुल के निर्माण के बाद ही गांधी सेतु पर लोड कम होगा. 2016 तक बख्तियारपुर से बिदुपुर के बीच 5.55 किलो मीटर लंबा पुल भी बन . लेकिन, गांधी सेतु की जजर्र हालत […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 31, 2014 5:02 AM

पटना : महात्मा गांधी सेतु को जाम और ओवर लोडिंग से मुक्ति मिलने में अभी 12 महीने लगेंगे. दीघा-सोनपुर रेल सह सड़क पुल के निर्माण के बाद ही गांधी सेतु पर लोड कम होगा. 2016 तक बख्तियारपुर से बिदुपुर के बीच 5.55 किलो मीटर लंबा पुल भी बन . लेकिन, गांधी सेतु की जजर्र हालत और इस पर हर रोज लगने वाले जाम से निजात के लिए पीपापुल एक बेहतर विकल्प हो सकता है. पुल निर्माण निगम और नेशलन हाइवे गांधी सेतु के विकल्प के रूप में गाय घाट से जढ़आ के बीच पीपा पुल का निर्माण कराने की योजना पर विचार भी कर रहा है.

पीपा पुल निर्माण कराने के लिए फिलहाल तकनीकी सर्वे कराया जा रहा है. इसमें तकनीकी दिक्कत यह है कि अब तक जो भी पीपा पुल बने हैं, वे अधिकतम दो से ढाई किलो मीटर लंबे हैं. कच्ची दरगाह-बिदुपुर पीपा पुल 2.20 किलो मीटर लंबा है, हालांकि, कच्ची दरगाह पीपा पुल मात्र छह-सात माह तक ही लोगों के लिए खुलता है. बरसात में गंगा का जलस्तर बढ़ने के बाद उसे खोल लिया जाता है. कच्ची दरगाह पीपा पुल से भारी वाहन नहीं गुजर सकते, लिहाजा वाहनों की आवाजाही गांधी सेतु से ही हो रहे हैं.

हां, कार, ट्रैक्टर-ट्रेलर, बैल गाड़ी, टमटम और रिक्शे-ठेले पीपा पुल से किसी तरह अवश्य गुजर जाते हैं. गाय घाट से जढ़आ के बीच यदि पीपा-पुल बना, तो कम से कम छोटे वाहन (दोपहिया व कार-जीप आदि) आ-जा सकते हैं. इसका फायदा होगा कि बड़े वाहनों के बीच छोटे वाहन नहीं फंसेंगे. पुल निर्माण निगम के एक अभियंता ने बताया कि पीपा पुल बनाने के लिए नदी में कम-से-कम छह फुट गहरे पानी का होना जरूरी है. सूखे में पीपा डैमेज हो जाते हैं. गाय घाट से जढ़आ के बीच कई जगह गंगा सूखी हुई है.

क्या है समाधान

ओवरटेक करने पर जुर्माना. त्नक्रेन की व्यवस्था. त्नजीरो माइल रोस्टर में वाहनों को छोड़ने की आवश्यकता.त्नयातायात थाना

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