कागजों पर चल रहे 90 सीबीएसइ स्कूल!
पटना : स्कूलों को एफिलिएशन तो मिल जाता है, लेकिन एफिलिएशन के बाद स्कूलों के इन्फ्रास्ट्रक्चर का हाल क्या है? इसकी कोई जांच सीबीएसइ की ओर से नहीं की जाती है. प्रदेश भर की बात करें, तो अब तक सीबीएसइ ने 794 स्कूलाें को एफिलिएशन दिया है. इसमें से 704 स्कूलों की जानकारी तो सीबीएसइ […]
पटना : स्कूलों को एफिलिएशन तो मिल जाता है, लेकिन एफिलिएशन के बाद स्कूलों के इन्फ्रास्ट्रक्चर का हाल क्या है? इसकी कोई जांच सीबीएसइ की ओर से नहीं की जाती है. प्रदेश भर की बात करें, तो अब तक सीबीएसइ ने 794 स्कूलाें को एफिलिएशन दिया है. इसमें से 704 स्कूलों की जानकारी तो सीबीएसइ के पास है, लेकिन 90 स्कूलों की ग्राउंड स्थिति क्या है? इसके बारे में सीबीएसइ अनजान है. स्कूलों के पास कितने क्लास रूम, कितने स्टूडेंट्स, प्ले ग्राउंड है या नहीं, जमीन कितनी है, इन तमाम जानकारियों से बोर्ड अनभिज्ञ हैं. ये सारे स्कूल केवल कागजों पर चल रहे हैं. इनके बारे में कोई जानकारी बोर्ड को नहीं है.
वेबसाइट पर भी अपडेट नहीं : सीबीएसइ ने 2016 में सारे स्कूलों को वेबसाइट पर अपडेट करने को कहा था. स्कूल वेबसाइट पर संबंधित सारी जानकारी देनी थी, जिससे अभिभावक को स्कूल की पूरी जानकारी मिल सके. लेकिन, स्कूलों ने वेबसाइट तो अपडेट कर दी, लेकिन, स्कूल की जानकारी बोर्ड को पता नहीं है. सीबीएसइ सूत्रों की मानें, तो 90 ऐसे स्कूल हैं, जिन्हें एफिलिएशन तो मिल चुका है, लेकिन उनके बारे में कोई जानकारी बोर्ड को नहीं है. इन स्कूलों ने वेबसाइट भी अपडेट नहीं किये हैं.
गलत टेलीफाेन और मोबाइल नंबर दिये हैं स्कूलों ने : जिन स्कूलों ने वेबसाइट पर जानकारी दी है, उन स्कूलों की कई खामियां पकड़ी गयी है. बोर्ड ने स्कूलों से सारी जानकारी के साथ टेलीफोन नंबर और प्राचार्य का मोबाइल नंबर भी देने को कहा था. अधिकांश स्कूलों ने टेलीफोन नंबर और मोबाइल नंबर या तो गलत दिया है या फिर वो नंबर बंद हो चुके हैं. अधिकांश नंबर चालू नहीं है.
ये देनी हैं जानकारियां
कुल छात्रों की संख्या. इसमें अलग-अलग छात्रों व छात्राओं की संख्या देनी है
स्कूलों में पोट्रेबल ड्रिंकिंग वाटर की व्यवस्था है या नहीं, अगर हैं तो कितने नल लगे हुए है
स्कूलों में टॉयलेट की संख्या कितनी है.
ऐसे स्कूलों की सूची तैयार की जायेगी, जो कागजों पर चलते हैं. औचक निरीक्षण से ऐसे स्कूलों को पकड़ा जायेगा. वेबसाइट पर जांच होगी, जो स्कूल वेबसाइट पर पूरी जानकारी नहीं देंगे, ऐसे स्कूल पर कार्रवाई की जायेगी.
एलएल मीणा, रीजनल ऑफिसर, सीबीएसइ, पटना