अब भी ‘कालापानी’ झेल रहे कई मोहल्लों के लोग

पटना : मॉनसून की पहली झमाझम बारिश 15 दिनों पहले हुई थी. इस बारिश का पानी अमूमन इलाकों से निकल गया, लेकिन निगम प्रशासन की अनदेखी की वजह से दर्जनों मोहल्लों में अब भी जलजमाव की समस्या है. जिस कारण कई मोहल्लों में जमा पानी रंग अब काला हो गया है. स्थिति यह है कि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 24, 2017 11:02 AM
पटना : मॉनसून की पहली झमाझम बारिश 15 दिनों पहले हुई थी. इस बारिश का पानी अमूमन इलाकों से निकल गया, लेकिन निगम प्रशासन की अनदेखी की वजह से दर्जनों मोहल्लों में अब भी जलजमाव की समस्या है. जिस कारण कई मोहल्लों में जमा पानी रंग अब काला हो गया है. स्थिति यह है कि रामलखन पथ में बारिश के पानी के साथ नाले का पानी भी सड़क पर जमा है. सड़कों व मोहल्लों में जमा पानी से अब बदबू आने लगी है. यह स्थिति सिर्फ रामलखन पथ की नहीं, बल्कि ट्रांसपोर्ट नगर, जगनपुरा, जक्कनपुर, सरिस्ताबाद, जवाहरनगर, तारकेश्वर नगर सहित दर्जनों इलाकों की है. इससे इन इलाकों की सड़कों से आने-जाने वाले लोगों के साथ-साथ इन इलाकों में रहने वाले लोगों की परेशानी काफी बढ़ हुई है.
सालिमपुर अहरा हो या फिर पश्चिमी लोहानीपुर का इलाका. इन इलाकों की सड़कों पर बारिश के पानी के साथ-साथ नाले का पानी भी जमा है, जिससे जलजमाव की समस्या बनी है. स्थिति यह है कि सालिमपुर अहरा की सड़कों से पैदल आना-जाना बंद हो गया है. सड़क किनारे रहने वाले लोगों का घरों से निकलना मुश्किल है. वहीं, पश्चिमी लोहानीपुर में दर्जनों घरों में अब भी बारिश की पानी जमा है. इससे लोग काफी परेशान हैं और घर छोड़ने को मजबूर हैं.
पानी निकालने की नहीं की जा रही व्यवस्था
कंकड़बाग के चांदमारी रोड, पोस्टल पार्क, खास-महल का इलाका, तारकेश्वर पथ, जक्कनपुर, ट्रांसपोर्ट नगर, रामलखन पथ और अशोक नगर के कुछ हिस्सों के साथ-साथ नूतन राजधानी अंचल के सरिस्ताबाद व जवाहर नगर इलाकों में भयंकर जलजमाव की समस्या है. स्थिति यह है कि इन इलाकों में भी पानी काला होने के साथ-साथ बदबू आने लगी है. लेकिन, निगम प्रशासन पानी निकालने को लेकर गंभीर नहीं है. इससे इन इलाकों में रहने वाली एक लाख से अधिक आबादी जलजमाव की समस्या से परेशान है.
पटना : नमामि गंगे परियोजना के तहत पटना में सीवरेज नेटवर्क योजना को पूरा करने की जिम्मेवारी बुडको को दी गयी. बुडको प्रशासन ने योजना को पूरा करने के लिए एलएनटी कंपनी को चयनित किया है. एजेंसी ने सीवरेज नेटवर्क का काम रविवार से शुरू कर दिया है. योजना का शुभारंभ नगर निगम के वार्ड संख्या 10 के अनिसाबाद स्थित पुलिस कॉलोनी में बुडको के जनरल मैनेजर (टेक्निकल) जैनेन्द्र नाथ सिंह और वार्ड पार्षद गीता देवी ने पूजा कर किया.
बताते चलें कि इस योजना को 398 करोड़ की लागत से तीन वर्षों में पूरा किया जायेगा. एजेंसी अनुबंध के अनुसार 10 वर्षों तक ऑपरेशन व मेंटेनेंस का भी कार्य करेगा. बुडको के प्रबंध निदेशक अमरेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि सीवरेज नेटवर्क तैयार होने से गंगा में गंदा पानी नहीं गिरेगा.
इसके साथ ही नगर निगम के वार्ड संख्या 10 से 20 और 30 नंबर वार्ड के लगभग 6 लाख लोगों को लाभ मिलेगा. जीएम (टेक्निकल) ने बताया कि सीवरेज नेटवर्क तैयार होने के साथ-साथ हाउस कनेक्शन, पाइप लाइन बिछाने और मेनहोल ढकने के साथ कई टेक्निकल कार्य पूरा किया जाना है, जिसमें आम लोगों के सहयोग की भी जरूरत है. इस मौके पर बुडको के जीएम कार्य ओमप्रकाश सिंह, इंजीनियर विजय कुमार एलएनटी के प्रोजेक्ट हेड डी सुदर्शन व बुडको पीआरओ चंद्र भूषण कुमार समेत कई उपस्थित थे.
पटना सिटी. सड़कों व गलियों में जलजमाव रहने से लोगों में संक्रामक बीमारी का खतरा मंडराने लगा है. दस दिनों से जलजमाव की पीड़ा झेल रहे लोगों का कहना है कि डेंगू का डर सताने लगा है. निगम व जनप्रतिनिधि सुनते नहीं, किससे फरियाद करें. इसी बात से नाराज वार्ड संख्या 64 के लोगों ने रविवार को आक्रोश मार्च निकाला और जलजमाव से मुक्ति दिलाने की मांग की. ऐसा नहीं होने पर सड़क जाम कर आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी .
स्थानीय लोगों ने बताया कि बाग मालू खां, चिक टोली, मच्छरहट्टा रोड, धोबी गली, पश्चिम मंगल तालाब में जलजमाव की स्थिति है. इसको लेकर ग्राम मुहल्ला सभा अभियान समिति के पटना साहिब अध्यक्ष सलीम रजा की अध्यक्षता में सभा हुई. इसके बाद बाग मालू खां दरगाह गली से आक्रोश मार्च निकाला गया, जो गुरु गोबिंद सिंह पथ होते हुए शहीद भगत सिंह चौक पहुंचा. मार्च में शामिल अरविंद कुमार पंकज, मो असलम, गिरिजा देवी, रतन कुमार गुप्ता, मोहन सिन्हा, लालती देवी, शकुंतला देवी व मीना देवी समेत अन्य का कहना था कि जब बारिश मूसलधार होती है, तो घरों के अंदर दूषित पानी चला आता है.
नतीजतन गंदा व दूषित पानी की वजह से काफी परेशानी होती है. जनप्रतिनिधि से लेकर निगम तक गुहार लगायी, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. पूरे बरसात के तीन माह घरों में कैद रह कर जीवन गुजारना पड़ता है. मार्च में शामिल लोगों ने चेतावनी देते हुए कहा कि वार्ड 64 में जलजमाव की समस्या का समाधान नहीं हुआ, तो इसके खिलाफ चक्का जाम आंदोलन की शुरुआत की जायेगी. मंगल तालाब में भी यही स्थिति है. जिस कारण सुबह की सैर के लिए आनेवालों को परेशानी होती है.

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