पटना : बिहार में किसी भी महत्वपूर्ण परीक्षा का पेपर लिक हो या न हो अफवाह और झूठी खबर जरूर तैरने लगती है. कुछ ऐसा ही हुआ है, रविवार को आयोजित बिहार प्रारंभिक शिक्षक पात्रता परीक्षा टीईटी 2017 परीक्षा को लेकर. परीक्षा शुरू होने से कुछ ही देर पहले फर्जी प्रश्न पत्र और उसके उत्तर को सोशल मीडिया और वाट्सएप पर वायरल कर दिया गया. हालांकि, परीक्षा के बाद जब प्रश्नों का मिलान किया गया, तो वह बिल्कुल गलत और फर्जी निकला. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने सभी जिलों में शांतिपूर्ण और कदाचार मुक्त परीक्षा होने का दावा किया है. यहां तक की परीक्षार्थियों ने भी वायरल उत्तर को फर्जी बताया. बोर्ड के अध्यक्ष ने मीडिया को बताया है कि पेपर लीक होने की बात पूरी तरह अफवाह है और ऐसा करने वालों पर प्राथमिकी दर्ज की जायेगी. मामले की जांच चल रही है और ऐसे लोगों को चिह्नित कर कार्रवाई की जायेगी.
पूरे परीक्षा के दौरान बोर्ड ने 31 छात्रों को नकल के आरोप में निष्कासित किया. सूबे के कोसी, सीमांचल और भागलपुर सहित सहरसा, मुंगेर और मधुबनी, कटिहार में नकल करते हुए परीक्षार्थी पकड़े गये. भागलपुर में छापेमारी के दौरान प्रश्नपत्रों की कॉपी मिलने की बात सामने आ रही है. बता दें कि एक के बाद एक बिहार में होने वाली परीक्षाओं में प्रश्नपत्र और वायरल होने की घटनाएं सामने आयी थीं. इससे पहले भी बिहार में हुई कई बड़ी परीक्षाओं से जुड़े प्रश्न पत्र सोशल मीडिया में वायरल होने की खबर आयी थी, जिसमें कुछ में सच्चाई थी तो कुछ महज अफवाह थे.
टीइटी परीक्षा को कदाचारमुक्त संचालित करने के लिए बिहार बोर्ड ने हर केंद्र पर सीसीटीवी कमरा लगाया था. बोर्ड की मानें, तो अभ्यर्थी नकल करते पकड़े गये हैं, वे एसटीइटी में भी शामिल नहीं हो पायेंगे. बोर्ड ने टीइटी को लेकर कंट्रोल रूम बनाया था, जो सुबह नौ बजे से शाम छह बजे तक कार्य कर रहा था. बोर्ड के मुताबिक किसी तरह की दिक्कत होने पर, फोन नंबर 0612-2222575, 2222576 या ई-मेल coe.matricboard@gmail.com पर संपर्क कर सकते हैं.
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