पटना : घोड़ासहन रेलवे ट्रैक पर बम प्लांट मामले में बहुत बड़ा खुलासा हुआ है. जानकारी के मुताबिक राजधानी स्थित एनआईए कोर्ट में दाखिल चार्जशीट में इस बात का खुलासा हुआ है. बताया जा रहा है कि पाकिस्तानी युवक मो. शफी ने घोड़ासहन रेलवे ट्रैक पर बम प्लांट कर उसे उड़ान की खतरनाक साजिश रची थी. उसने भारत में कई जगहों पर रेलवे ट्रैक और पुल उड़ाने की पूरी योजना बनायी थी. मो. शफी के साथ इस साजिश में नेपाल का रहने वाला शमसुल होदा और ब्रज किशोर गिरी भी शामिल था. इस काम के लिए संयुक्त अरब अमीरात से भारत और नेपाल के कई बैंक खातों में पैसा डाला गया था.
ज्ञात हो कि इसे लेकर पटना के एनआईए कोर्ट में सुनवाई चल रही है. इस वारदात में शामिल सभी तीनों विदेशी नागरिकों के खिलाफ एनआईए का अनुसंधान जारी है. जांच एजेंसी की मानें तो इस घटना के अंजाम देने और साजिश रचने के लिए शमसुल होदा जुलाई 2016 में मो. शफी के साथ पाकिस्तान का दौरा किया था. वहां से आने के बाद दोनों ने ब्रज किशोर गिरी के साथ मिलकर मोतिहारी के एक युवक व भोजपुरी गायक गजेंद्र शर्मा, राकेश यादव, उमाशंकर पटेल , मुकेश यादव, मोतीलाल पासवान, रंजय साह और अरुण राम को इस घटना को अंजाम देने के लिए चुना.
मो. शफी ने इन लोगों के साथ मिलकर घोड़ासहन रेलवे ट्रैक पर बम को रखवाया था. आरोपित युवकों ने प्रेशर कुकर बम को तीस सितंबर 2016 को ट्रेन गुजरने से पहले रेलवे ट्रैक पर रखा था. हालांकि, स्थानीय युवक ने प्लांट किये गये बम को देख लिया था और पुलिस को खबर कर दी थी. इसमें बड़ा हादसा इससे बड़ा हादसा होने से बच गया था. इसके अलावा आदापुर स्टेशन (पूर्वी चंपारण). और रक्सौल-सीतामढ़ी रेलखंड पर नकरदेई रेलवे स्टेशन नकरदेई रेलवे स्टेशन के पास 2 दिसंबर और 3 दिसंबर 2016 को बम प्लांट की योजना बनायी थी.
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