पटना : सौम्य व्यवहार और स्पष्टवादी होने के कारण नीतीश कुमार ने अपनी शर्तों पर राजनीति की है. उन्होंने हमेशा अपने पद को आचरण की कसौटी पर तौलते हुए नैतिक जिम्मेदारी ली है. नीतीश कुमार अब तक चार बार अपने पद से इस्तीफा दे चुके हैं. आइए जानें, कब-कब नीतीश कुमार ने अपने पद से इस्तीफा दिया है.
पहली बार नीतीश कुमार ने वर्ष 1999 में पश्चिम बंगाल के गैसाल में हुए ट्रेन हादसे के बाद इस्तीफा दिया था. वह केंद्र की तत्कालीन भाजपा सरकार में वह कृषि मंत्री थे. तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने उन्हें रेल मंत्री बनाया. वह कुछ दिन के लिए ही रेल मंत्री रहे. इसी बीच उनके कार्यकाल में पश्चिम बंगाल के गैसाल में एक बड़ा रेल हादसा हो गया. गैसाल रेल हादसे में करीब 300 लोग मारे गये थे. रेल हादसे की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए नीतीश कुमार ने पहली बार इस्तीफा दिया था.
दूसरी बार वर्ष 2000 के मार्च में नीतीश कुमार भाजपा के सहयोग से मुख्यमंत्री की कुर्सी पर विराजमान हुए. लेकिन, सदन में पर्याप्त संख्या बल नहीं होने के कारण तीन मार्च को सत्ता संभालने के एक सप्ताह बाद ही 10 मार्च, 2000 को अपने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया.
वहीं, वर्ष 2014 के आम चुनाव में जदयू की शर्मनाक पराजय के बाद 17 मई, 2014 को नीतीश कुमार ने पार्टी की हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. उनकी पार्टी को इस लोकसभा चुनाव में मात्र दो सीटें मिली थीं.
चौथी बार नीतीश कुमार ने बेनामी संपत्ति मामले में सूबे के उप मुख्यमंत्री व राजद नेता तेजस्वी यादव का नाम आने के बाद से सूबे में मचे सियासी घमसान के बीच 26 जुलाई, 2017 को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया.