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भाजपा के आरोपों ने तोड़ा महागठबंधन, सुशील मोदी की 100 दिनों से अधिक की मेहनत रंग लायी

पटना : आखिरकार भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी की 100 दिनों से अधिक की मेहनत रंग लायी. बेनामी संपत्ति को लेकर लालू परिवार पर उनके आरोपों के चलते 26 जुलाई की शाम आखिरकार महागठबंधन की कमर टूट गयी. उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव के इस्तीफा नहीं देने के बाद मुख्यमंत्री ने खुद इस्तीफा दे दिया. […]

पटना : आखिरकार भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी की 100 दिनों से अधिक की मेहनत रंग लायी. बेनामी संपत्ति को लेकर लालू परिवार पर उनके आरोपों के चलते 26 जुलाई की शाम आखिरकार महागठबंधन की कमर टूट गयी. उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव के इस्तीफा नहीं देने के बाद मुख्यमंत्री ने खुद इस्तीफा दे दिया. मोदी ने पहली बार चार अप्रैल को लालू परिवार पर बेनामी संपत्ति का आरोप लगाया था.

लालू प्रसाद ने रेल मंत्रित्वकाल में रेलवे के रांची और पुरी के दो होटलों को हर्ष कोचर को गलत तरीके से बेच दिया. इसके बदले हर्ष कोचर ने पटना में दो एकड़ जमीन डिलाइट मार्केटिंग कंपनी प्राइवेट लिमिटेड को एक ही दिन में जमीन ट्रांसफर कर दी थी. इस कंपनी में राजद सांसद प्रेमचंद गुप्ता की पत्नी सरला गुप्ता की 70 प्रतिशत हिस्सेदारी थी. बाद में इस कंपनी में तेजस्वी प्रसाद यादव, तेज प्रताप यादव व चंदा यादव को 26 जून, 2014 को निदेशक बनाया गया. इसी जमीन पर बिहार का सबसे बड़ा मॉल बनाया जा रहा है. शॉपिंग मॉल के दो अंडर ग्राउंड फ्लोर की मिट्टी को संजय गांधी जैविक उद्यान को 90 लाख में बेच दिया गया.
बिहटा में बीयर फैक्टरी खुलवाने में मदद के एवज में कत्याल परिवार से करोड़ों की जमीन ले ली गयी. 2000-05 के दौरान ओम प्रकाश कत्याल व अमित कल्याल की कंपनी आइसबर्ग इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड ने बिहटा में शराब की फैक्टरी लगायी. 28 सितंबर, 2006 को एके इन्फोसिस्टम प्रा. लि. नाम की कंपनी गठित हुई, जिसमें अमित कत्याल व उनके भाई राजेश कत्याल व अन्य निदेशक थे. इस कंपनी में तेजस्वी प्रसाद यादव, तेज प्रताप यादव, चंदा यादव व रागिनी लालू 2014 जून से निदेशक नियुक्त किये गये. अमित कत्याल ने अपने सारे शेयर तेजस्वी (1500) व राबड़ी देवी (4000) को 2014 में दे दिये.
अमित कत्याल, राजेश कत्याल की कंपनी इन्फोसिस्टम आज पूरी तरह से लालू परिवार के कब्जे में है. कंपनी में मात्र दो निदेशक चंदा यादव व रागिनी लालू है तथा 100 प्रतिशत शेयर राबड़ी देवी व तेजस्वी प्रसाद यादव के पास है.
लालू परिवार का दिल्ली में 115 करोड़ की संपत्ति का मामला, डिलाइट मार्केटिंग, एके इन्फोसिस्टम की तरह ही एक और कंपनी एबी एक्सपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड है. कंपनी के सारे शेयर होल्डिंग, डायरेक्टरशिप व करोड़ों की संपत्ति सहित पूरी कंपनी पर लालू परिवार का कब्जा है. कंपनी को दिल्ली के पॉश इलाके में जमीन खरीदने के लिए मुंबई के पांच बड़े ज्वेलर्स अलका डायमंड इंडस्ट्रीज, रीयल गोल्ड ट्रेडिंग कंपनी, हेमा ट्रेडिंग कंपनी, लक्सेस इंफोटेक, यशवी ज्वेलस ने एक-एक करोड़ का कर्ज बिना किसी ब्याज का 2007-08 में दिया.
लालू प्रसाद जब रेलमंत्री थे उसी समय दिल्ली के न्यू फ्रेंडस कॉलोनी में (डी1088) में 800 वर्ग जमीन मकान सहित 5 करोड़ में खरीदा गया. इस पर 60 करोड़ मूल्य का मकान बन कर तैयार है, जमीन की भी कीमत 55 करोड़ हो गयी है. इस कंपनी के 98 फीसदी शेयर अब केवल तेजस्वी प्रसाद यादव के पास और 700 शेयर चंदा यादव के पास है. रागिनी लालू और चंदा यादव इस कंपनी के निदेशक हैं.
रघुनाथ झा ने केंद्र में मंत्री बनाने के लिए लालू प्रसाद के दोनों बेटों के नाम गोपालगंज में तीन मंजिला मकान के साथ 6 कट्ठा 18 धूर जमीन उपहार में दे दिया. 18 जून, 2005 को उस समय उनके नाबालिग पुत्रों को करोड़ों की संपत्ति उपहार में दे दी गयी. कुछ महीने बाद ही मंत्री बना दिये गये.
2002 में एक लाख की पूंजी लगा कर मीसा भारती 50 करोड़ की संपत्ति की मालिक बन बैठी. एक लाख की पूंजी से 2002 में मीसा भारती की ओर से प्रारंभ मिशेल पैकर्स 2005-06 में बंद हो गयी. कंपनी ने 20 लाख में प्लांट और मशीन बेच दी. बंद पड़ी कंपनी मिशेल पैकर्स एंड प्रिंटर्स प्राइवेट लि. के 10 रुपये के शेयर को 100 रुपये में 25.10.2008 को बेच कर 1 करोड़ 20 लाख अर्जित किये. 100 रुपये के शेयर को 11 माह के भीतर ही मीसा भारती ने वापस 10 रुपये में खरीद लिये.
इस प्रकार लालू परिवार का एक करोड़ 20 लाख रुपया काला धन वीरेंद्र जैन की कंपनी शालिनी के माध्यम से सफेद में बदलने का प्रयास किया. इस 1 करोड़ 41 लाख रुपये से 2008-09 में दिल्ली के सबसे महंगे इलाके बिजवासन में 26 नंबर पालम फार्म खरीदा गया. इस फार्म हाउस की आज कीमत करीब 50 करोड़ से ज्यादा होगी.
गलत कागजों के आधार पर तेज प्रताप को पेट्रोल पंप आवंटित किया गया. स्वास्थ्य मंंत्री तेज प्रताप यादव ने पटना के न्यू बाइपास पर बेऊर के पास गलत कागजों के आधार पर अधिकारियों की मिलीभगत से 2011 में भारत पेट्रोलियम का एक पेट्रोल पंप अपने नाम आवंटित करा लिया.
मीसा भारती ने हवाला आॅपरेटर विवेक नागपाल की कंपनी केएचके होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड को एक लाख में खरीद ली. आज इस कंपनी के पास दिल्ली में 50 करोड़ की जमीन है.
केंद्र में मंत्री बनाने के लिए कांति सिंह, रघुनाथ झा से भी जमीन और मकान लिया. भाजपा सांसद रमा देवी ने भी 23 मार्च 1992 को तेजप्रताप को 13 एकड़ 12 डिसमिल जमीन दान में दी. रमा देवी राजद नेता स्व वृज बिहारी प्रसाद की पत्नी है.
रेलवे में खलासी हृदयानंद चौधरी और बीपीएल ललन चौधरी से मामूली राशि देकर जमीन लिखवा ली. अब्दुलबारी सिद्दीकी, स्व सुधा श्रीवास्तव, स्व बादशाह आजाद से भी जमीन मामूली कीमत पर लिखवा ली.

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