तेजस्वी ने कहा-यह लोकतंत्र की हत्या है, RJD का हंगामा और विरोध प्रदर्शन शुरू

पटना : बिहार में राजनीतिक उलटफेर की गहमा गहमी के बीच मात्र कुछ ही घंटों में तस्वीर पूरी तरह बदल गयी. बिहार के राजनीतिक समीकरण जिस तेजी से बदले, उसने बड़े-बड़े राजनीतिक पंडितों को अचरज में डाल दिया. किसी ने सोचा नहीं था कि बुधवार शाम 6 बजे तक महागठबंधन के नेता के रूप में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 27, 2017 8:00 AM

पटना : बिहार में राजनीतिक उलटफेर की गहमा गहमी के बीच मात्र कुछ ही घंटों में तस्वीर पूरी तरह बदल गयी. बिहार के राजनीतिक समीकरण जिस तेजी से बदले, उसने बड़े-बड़े राजनीतिक पंडितों को अचरज में डाल दिया. किसी ने सोचा नहीं था कि बुधवार शाम 6 बजे तक महागठबंधन के नेता के रूप में मुख्यमंत्री पद पर बैठे नीतीश कुमार ने साढ़े छह बजे इस्तीफा दिया और नौ बजे तक एनडीए और जदयू के विधायक दल के नेता चुन लिए गये. इस बीच राजद के प्रमुख घटक दल राजद की ओर से देर रात बिगड़े हुए खेल को संभालने की कोशिश शुरू हुई, लेकिन मामला तब तक हाथ से जा चुका था. देर रात 12 बजे के आसपास जब सीएम नीतीश ने राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी के साथ मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया, तो उधर से तेजस्वी यादव ने भी सरकार बनाने का दावा पेश किया. तेजस्वी का कहना था कि राजद सबसे बड़ी पार्टी है, लिहाजा राज्यपाल को उनकी पार्टी को पहले न्योता देना चाहिए.

वहीं, दूसरी ओर नीतीश के शपथ ग्रहण का विरोध करने की राजद कार्यकर्ताओं ने तैयारी कर ली है. लालू आवास पर भारी संख्या में तैनात राजद कार्यकर्ता नीतीश कुमार शर्म करो के नारे लगाते हुए राजभवन मार्च कर विरोध की तैयारी कर रहे हैं. हालांकि, राजभवन के आस पास भारी सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम किये गये हैं. बिहार पुलिस के साथ रैफ के जवानों को तैनात कर दिया गया है. राजद कार्यकर्ता सुबह से लालू आवास पर जमा होना शुरू हो गये. कार्यकर्ताओं का कहना है कि नीतीश ने साजिश कर और बीजेपी के साथ मिलीभगत कर इस तरह का कदम उठाया है.

जानकारी के मुताबिक राजद के गुस्साये कार्यकर्ताओं ने गांधी सेतु को सुबह में जाम कर दिया. भारी संख्या में कार्यकर्ताओं ने सड़क जाम कर दिया और नीतीश को धोखेबाज बताते हुए नारेबाजी की. हालांकि, मौके पर पहुंचे प्रशासनिक पदाधिकारियों के समझाने-बुझाने के बाद मामला शांत हुए.

जानकारी के मुताबिक रात करीब दो बजे तेजस्वी यादव भारी भीड़ और के साथ राजभवन राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी से मिलने पहुंचे. तेजस्वी ने मीडिया से कहा कि यह लोकतंत्र की हत्या है. तेजस्वी ने यह भी कहा कि हमलोगों को सुबह 11 बजे का समय दिया गया लेकिन शपथ ग्रहण का समय बदल दिया गया. राजद के दावों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. एनडीए के नेता सुशील मोदी, नित्यानंद राय और दूसरे नेताओं ने करीब डेढ़ घंटे तक मुलाकात की और उसके बाद करीब आधी रात को वहां से मिल जुलकर निकले.

इन सभी फैसलों पर हालांकि नीतीश कुमार ने मीडिया में कोई बयान नहीं दिया, लेकिन सुशील कुमार मोदी बाहर निकले और चेहरे पर विजयी मुस्कान लिए कहा कि हमलोगों ने 131 विधायकों का समर्थन पत्र राज्यपाल को सौंपा है. उधर, यह कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार के शपथ ग्रहण की पूरी तैयारी हो चुकी है.

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