बिहार में कैसा होगा नीतीश-मोदी सरकार का स्वरूप, केंद्र में भी जगह मिलने की अटकलें
पटना/नयी दिल्ली : नीतीश कुमार ने भाजपा की अगुआई वाले एनडीए के सहयोग से छठीं बार बिहार केमुख्यमंत्रीकेतौर पर आज शपथ ग्रहण किया. नीतीश कुमार के साथ ही भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने भी बिहार के डिप्टी सीएम के तौर पर शपथ ग्रहण किया. नीतीशकुमार ने शपथग्रहण के बाद अपने फैसले का […]
पटना/नयी दिल्ली : नीतीश कुमार ने भाजपा की अगुआई वाले एनडीए के सहयोग से छठीं बार बिहार केमुख्यमंत्रीकेतौर पर आज शपथ ग्रहण किया. नीतीश कुमार के साथ ही भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने भी बिहार के डिप्टी सीएम के तौर पर शपथ ग्रहण किया. नीतीशकुमार ने शपथग्रहण के बाद अपने फैसले का बचावकरतेहुए कहा कि उनका फैसला बिहार के हित और विकास के लिए लिया गया है. नीतीश ने भरोसा दिया कि वह राज्य को संपन्नता के रास्ते पर ले जाएंगे. वहीं नीतीश और सुशील मोदी के शपथ लेने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट करके उन्हें बधाई दीऔर लिखा, बिहार की तरक्की और संपन्नता के लिए साथ काम करने की दिशा में उत्सुक हूं.उधर, डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने कहा, हमारी प्राथमिकताराज्य का विकास होगाऔर हम बिहार को नयी ऊंचाई पर ले जाएंगे.
बिहार में पूरी तरह बदला राजनीतिक परिदृश्य
नीतीश कुमार के काफी तेज रफ्तार से किए गये इस दांवपेंच नेबिहार में राजनीतिक परिदृश्य को पूरी तरह बदल दिया है. जदयू के राजद एवं कांग्रेस के साथ बमुश्किल दो साल पुराने गठबंधन से अलग हो जाने के बाद राज्यपाल ने नीतीश कुमार से दो दिन के भीतर सदन में अपना बहुमत साबित करने को कहा है.
शरद यादव और पवन वर्मा को केंद्रीय कैबिनेट में मिल सकती है जगह!
बिहार में सत्ता परिवर्तन के बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल में भी फेरबदल की संभावना जतायी जा रही है. जदयू कोटे से राज्यसभा सांसद शरद यादव और पवन वर्मा मंत्री बन सकते हैं. मीडिया रिपोट्स में सूत्रों केहवालेसेबतायागया है कि एक को केंद्रीय मंत्री का और एक को राज्य मंत्री की जिम्मेदारी मिल सकती है. मोदी मंत्रिमंडल में फेरबदल की संभावना तेज हो चुकी है. इन सबके बीच नीतीश कुमार के फैसले से नाराज चल रहे जदयू के वरिष्ठ नेता शरद यादव आज केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात कर सकते है. चर्चा है कि नीतीश कुमार भी चाहते है कि शरद यादव को केंद्रीय कैबिनेट में जगह मिले. इसी कड़ी में शरद यादव और अरुण जेटली के बीच मुलाकात को अहम माना जा रहा है.
हमारी प्रतिबद्धता बिहार की जनता के प्रति : नीतीश
नीतीश कुमार ने कल रात मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने लालू यादव और पूर्ववर्ती परिदृश्य में उप मुख्यमंत्री रहे तेजस्वी समेत उनके कुछ परिजन पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर गठबंधन साझीदार राजद के साथ तनातनी के बाद यह फैसला किया. नीतीश कुमार ने शपथ ग्रहण करने के बाद संवाददाताओं से कहा, यह सामूहिक निर्णय है. मैं यह सुनिश्चित करता हूं कि हमारी प्रतिबद्धता बिहार की जनता के प्रति है.
2019 के आम चुनाव में दिखेगा असर
जदयू केएनडीए में लौटने से बदले राजनीतिक समीकरणों का असर वर्ष 2019 के आम चुनाव में पड़ सकता है. जहां भाजपा इस घटनाक्रम को लेकर फूली नहीं समा रही, वहीं विपक्षी खेमा व्याकुल हो गया है क्योंकि इस घटना ने भगवा दल के खिलाफ एकजुट होने के प्रयासों को बड़ा झटका दिया है. राज्य विधानसभा में एकमात्र सबसे बड़ी पार्टी राजद को सरकार गठन का ‘मौका नहीं दिए’ जाने को लेकर विरोध दर्ज कराते हुए राजद या कांग्रेस का कोई नेता शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं हुआ.
कांग्रेस के निशाने पर नीतीश
इस बीच दिल्ली में, कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भाजपा के साथ हाथ मिलाने को लेकर कुमार पर निशाना साधते हुए उन पर ‘स्वार्थी राजनीतिक उद्देश्यों’ के लिए काम करने का आरोप लगाया. राहुल गांधी ने कहा, ‘बिहार ने साम्प्रदायिकता विरोधी जनादेश दिया था लेकिन नीतीश कुमार अपने निजी राजनीतिक लाभों के लिए उनके (भाजपा के) पास चले गए.
बिहार में विकास की प्रक्रिया पटरी पर लौट आएगी : सुमो
सुशील मोदी ने शपथ ग्रहण करने के बाद कहा कि राजग की वापसी के साथ राज्य में विकास की प्रक्रिया पटरी पर लौट आएगी. उन्होंने कहा, जदयू-भाजपा गठबंधन बिहार को पहले नयी उंचाइयों पर ले गया था. उस समय, लोगों को यह कहने में गर्व होता था कि ‘मैं बिहारी हूं’. पिछले 20 महीनों में कुछ गलत हुआ लेकिन अब जदयू भाजपा गठबंधन बिहार को फिर से नयी उंचाइयों पर ले जाएगा.
विधानसभा में एनडीए की वर्तमान स्थिति
राजग गठबंधन ने कल राज्यपाल को 132 विधायकों की सूची दी थी. इन विधायकों में जदयू के 71, भाजपा के 53, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के दो, लोजपा के दो, एचएएम का एक और तीन निर्दलीय हैं. 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में राजद के पास 81 विधायक, कांग्रेस के 27 और भाकपा-माले के तीन विधायक हैं.
राजद से सुलह की कोई संभावना नहीं : जदयू
जदयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने कहा कि उनकी पार्टी का बिहार में महागठबंधन की सरकार बनाने का निर्णय ‘एक गलती’ था और उन्होंने राजद के साथ सुलह करने की हर संभावना से इनकार कर दिया. त्यागी ने कहा, ‘राजद के साथ गठबंधन करना एक गलती थी. हमें सूचना मिली थी कि स्वयं को सीबीआइ मामलों से बचाने के लिए वे दिल्ली में केंद्रीय मंत्रियों के संपर्क में थे और नीतीश कुमार सरकार को गिराने की योजना बना रहे थे.’उन्होंने कहा, ‘हमें इस प्रकार के व्यक्ति (लालू प्रसाद) के साथ मिलकर 20 महीने तक सरकार चलाने के अपने निर्णय पर खेद है. हम उनके विधायकों की संख्या को 22 से 80 ले जाने की गलती करने के लिए खुद को दोषी मानते हैं.
मांझी ने नीतीश के फैसले का किया स्वागत
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने राजग के साथ जुड़ने केनीतीश कुमार के फैसले का स्वागत किया. मांझी ने कहा, ‘मैं राजग के साथ जुड़ने के नीतीश कुमार के फैसले पर उन्हें बधाई देता हूं. यदि कोई गलती करता है और उसे स्वीकार करने एवं सुधारने की हिम्मत रखता है तो हमें उसका स्वागत करना चाहिए और उस व्यक्ति का समर्थन करना चाहिए.’नीतीश कुमार ने कल अचानक इस्तीफा दे दिया था लेकिन उन्होंने राजनीतिक दांवपेंच खेलते हुए फिर से सरकार बनाने के लिए कुछ ही घंटों बाद भाजपा के साथ हाथ मिला लिया था. उनके इस फैसले के पीछे की वजह राजद सुप्रीमो के बेटे तेजस्वी यादव के साथ उनकी तनातनी को बताया जा रहा है.
28 को विश्वासमत हासिल करेगी नीतीश सरकार
बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में बनी नयी सरकारशुक्रवारको राज्य विधानसभा में विश्वासमत हासिल करेगी. मंत्रिमंडल समन्वय विभाग के प्रधान सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने संवाददाताओं से कहा, बिहार विधानसभा का एक दिवसीय विशेष सत्र कल बुलाया गया है जिसमें नयी सरकार विश्वास मत हासिल करेगी. मेहरोत्रा ने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और सुशील कुमार मोदी के बेहद संक्षिप्त राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में सत्र के लिए दो एजेंडा तय किए गए हैं.
सत्र के हंगामेदार रहने की आशंका
पहला एजेंडा पूर्ववर्ती महागठबंधन सरकार के 28 जुलाई से 3 अगस्त तक दोनों सदनों का पांच दिवसीय मानसून सत्र बुलाने के फैसले को रद्द करना है. उन्होंने कहा, ‘दूसरा एजेंडा विश्वास मत हासिल करने के लिए कल विधानसभा का एक दिवसीय सत्र बुलाना है.’ राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी ने शपथ लेने के दो दिनों के भीतर मुख्यमंत्री से विश्वास मत हासिल करने के लिए कहा है. चर्चा है कि शुक्रवार का सत्र हंगामेदार रहने की आशंका है क्योंकि राजद आक्रामक रुख अपना सकती है. राजद ने कहा कि सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद उसे सरकार बनाने का मौका नहीं दिया गया.
संसद के दोनों सदनों में भाजपा का समर्थन करेंगे : जदयू
बिहार में नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री बनने के कुछ ही देर बाद जदयू ने आज घोषणा की कि वह संसद के दोनों सदनों में भाजपा की अगुवाई वाले राजग सरकार का समर्थन करेगी. जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी ने कांग्रेस पर भी निशाना साधते हुये कहा कि उसकी कोई साख नहीं रह गयी है और उस पर आरोप लगाया कि वह भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई को लेकर गंभीर नहीं है. उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘हम संसद के दोनों सदनों में भाजपा की अगुवाई वाली राजग सरकार का समर्थन करेंगे.’
केंद्रीय कैबिनेट में शामिल होने पर फैसला पार्टी नेतृत्व करेगी : केसी त्यागी
मोदी सरकार में जदयू के शामिल होने के बारे में सवाल पूछे जाने पर केसी त्यागी ने कहा, ‘यह पार्टी नेतृत्व तय करेगा. हमारी पार्टी के अध्यक्ष और वरिष्ठ भाजपा नेता मुद्दे पर चर्चा करेंगे. इसके बाद ही हम इस पर कुछ कह सकते हैं.’