नीतीश के फैसले से शरद ”नाराज”, मान-मनव्वल का दौर जारी

नयी दिल्ली : बिहार में सत्तारुढ़ जदयू का एक धड़ा महागठबंधन से बाहर निकलने और भाजपा के साथ फिर से मिलकर नयी सरकार बनाने के नीतीश कुमार के फैसले से नाखुश है और पार्टी के दो सांसदों ने सरेआम इसकी आलोचना की है. जदयू के राज्यसभा सांसद अली अनवर और एमपी वीरेंद्र कुमार ने नीतीश […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 27, 2017 8:37 PM

नयी दिल्ली : बिहार में सत्तारुढ़ जदयू का एक धड़ा महागठबंधन से बाहर निकलने और भाजपा के साथ फिर से मिलकर नयी सरकार बनाने के नीतीश कुमार के फैसले से नाखुश है और पार्टी के दो सांसदों ने सरेआम इसकी आलोचना की है. जदयू के राज्यसभा सांसद अली अनवर और एमपी वीरेंद्र कुमार ने नीतीश कुमार के कदम से नाखुश बताए जाने की खबरों के बीच यहां पार्टी के वरिष्ठ नेता शरद यादव से मुलाकात की.जदयू के पूर्व प्रमुख और राज्यसभासांसद शरद यादव ने घटनाक्रम पर अब तक टिप्पणी नहीं की है.

उनसे जुड़े करीबी सूत्रों ने कहा है कि वह बिहार के मुख्यमंत्री के कदम को लेकर नाखुश हैं क्योंकि वह चाहते थे कि कांग्रेस सहित तीन दलों का गठबंधन बना रहे.अली अनवर ने कहा कि मेरी जमीर मुझे नीतीश कुमार के कदम का समर्थन करने की इजाजत नहीं देता. उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि जदयू-भाजपा गठबंधन के खिलाफ उनके सख्त दृष्टिकोण सेशरद यादव सहमत हैं. उन्होंने कहा कि शरद यादव ने उनसे कहा कि अन्य नेताओं से बातचीत के बाद वह मुद्दे पर औपचारिक रुख अख्तियार करेंगे.

वहीं केरल के जदयू अध्यक्ष एमपी वीरेंद्र कुमार ने नीतीश कुमार के फैसले पर ‘हैरानी’ जतायी और कहा कि राज्य इकाई राजग खेमे में जाने के मुख्यमंत्री के फैसले को नहीं अपनाएगी. उन्होंने जदयू के सभी सांसदों से फैसले की निंदा करने और पार्टी छोड़ने की अपील की है. हालांकि केरल में पार्टी का जनाधार नहीं है और इसके नेताओं ने जोर दिया है कि बिहार में उनका समूह एकजुट रहेगा.

अली अनवर ने कहा कि नये गठबंधन को लेकर उनके ऐतराज को पार्टी के खिलाफ बगावत के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए और वह संगठन के भीतर अपना विचार व्यक्त करेंगे. अनवर ने कहा, शरद यादवने हमें अपने आवास पर बुलाया था. वह भाजपा के साथ गठबंधन के खिलाफ हमारे दृष्टिकोण से सहमत हुए. उन्होंने दावा किया कि राजद का साथ छोड़ने और भाजपा के साथ गठबंधन करने केनीतीश कुमार के फैसले पर पार्टी के भीतर चर्चा नहीं हुयी और शरद यादव को भी भरोसे में नहीं लिया गया. उन्होंने कहा कि शरद जी ने मीडिया के उन खबरों का खंडन किया है कि वे केंद्र में मंत्री बनने जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि उनकी नीतीश जी से कोई बात नहीं हुई है.

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वहीं, जदयू में एक सूत्र ने दावा किया कि भाजपा और कांग्रेस के कुछ नेताओं ने शरद यादव से बात की है लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि उनके बीच क्या बातचीत हुयी. बहरहाल, नीतीश कुमार के नजदीकी जदयू के एक वरिष्ठ नेता ने भरोसा जताया कि शरद यादव पार्टी में दरार की हद तक नहीं जाएंगे. इन सबके बीच प्राप्त जानकारी के मुताबिक केंद्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली नेशरद यादव से फोन पर बातकीहै. जेटली शरद यादव के पुराने मित्र बताये जाते हैं.

इन सबके बीच चर्चा है कि नीतीश के फैसले से नाराज बताए जा रहे शरद यादव ने कांग्रेस उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की. उधर, जदयू सांसद वीरेंद्र कुमार तो यहां तक कह चुके हैं कि अगर उन्‍हें जबरदस्‍ती एनडीए का समर्थन करने को कहा गया तो वो इस्‍तीफा दे देंगे. इससेपूर्व गुरुवार को शपथ ग्रहण समारोह में जदयू के वरिष्‍ठ नेता शरद यादव की गैर मौजूदगी चर्चा का विषय रही. इस पूरे सियासी घटनाक्रम के बीच शरद यादव ने खामोशी अख्तियार कर रखी है.

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