बिहार में एनडीए सरकार : 2019 में भाजपा से मुकाबले की विपक्ष की क्षमता पर सवाल!

पटना: भाजपा के समर्थन से आज नीतीश कुमार ने एक बार फिर बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. उनके इस कदम से विपक्षी एकता को बड़ा झटका लगा है. अब 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा से मुकाबले की विपक्ष की क्षमता पर भी सवाल उठने लगे हैं.बुधवार की शाम दिये अपने इस्तीफे के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 27, 2017 10:19 PM

पटना: भाजपा के समर्थन से आज नीतीश कुमार ने एक बार फिर बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. उनके इस कदम से विपक्षी एकता को बड़ा झटका लगा है. अब 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा से मुकाबले की विपक्ष की क्षमता पर भी सवाल उठने लगे हैं.बुधवार की शाम दिये अपने इस्तीफे के 15 घंटे बीतते-बीतते 66 साल के नीतीश एक बार फिर शपथ लेकर मुख्यमंत्री बन बैठे. बिहार के कार्यवाहक राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी ने राजभवन में नीतीश को मुख्यमंत्री और भाजपा नेता सुशील मोदी को मंत्री पद की शपथ दिलाई. सुशील नयी सरकार में उपमुख्यमंत्री पद संभालेंगे.

भाजपा के साथ नीतीश के हाथ मिलाने से विपक्ष स्तब्ध
दोस्त से दुश्मन और फिर दुश्मन से दोस्त बनी भाजपा के साथ जदयू अध्यक्ष नीतीश के हाथ मिलाने से विपक्ष स्तब्ध रह गया. दोनों पाटर्यिां 2013 तक 17 साल गठबंधन में रही थीं. लेकिन 2013 में नीतीश ने उस वक्त भाजपा से नाता तोड़ लिया जब 2014 के लोकसभा चुनावों के लिए नरेंद्र मोदी को भाजपा की प्रचार समिति का अध्यक्ष बनाया गया. बाद में मोदी को प्रधानमंत्री उम्मीदवार घोषित कर दिया गया था. बहरहाल, कांग्रेस के घटते प्रभाव के बीच नीतीश को 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए विपक्ष के संभावित चेहरे के तौर पर देखा जा रहा था, लेकिन शायद उन्होंने इस लोकप्रिय विचार को स्वीकार करने का फैसला किया कि ‘मोदी लहर’ दो साल बाद भी जारी रहेगी.

शुक्रवार को बहुमत साबित करेंगे नीतीश
राज्यपाल ने नीतीश से कहा है कि वह कल विधानसभा में अपना बहुमत साबित करें. शपथ ग्रहण के बाद नीतीश ने पत्रकारों से कहा, ‘हमने जो भी फैसला किया है वह बिहार और यहां के लोगों के हित में है. इससे विकास एवं न्याय सुनिश्चित होगा.’ उन्होंने कहा, यह एक सामूहिक फैसला है. मैं सुनिश्चित करता हूं कि हमारी प्रतिबद्धता बिहार के लोगों के प्रति है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा और भाजपा नेता अनिल जैन कुछ ही देर चले शपथ ग्रहण समारोह में मौजूद थे, जहां सिर्फ नीतीश और सुशील मोदी को शपथ दिलाई गयी.

शपथ ग्रहण के बाद जदयू ने की घोषणा
शपथ ग्रहण के तुरंत बाद जदयू ने घोषणा की कि वह संसद के दोनों सदनों में राजग का समर्थन करेगा. राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद, तेजस्वी और उनके परिवार के कुछ अन्य सदस्यों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद नीतीश ने कल शाम इस्तीफा दिया.

भाजपा के साथ मिलकर छठी बार सीएम बने नीतीश

सीबीआइ की ओर से केस दर्ज करने के बाद तेजस्वी ने उप-मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने से इनकार कर दिया था. उन्होंने नीतीश की इस सलाह की भी अनदेखी की कि वह जनता के बीच अपने आरोपों के बारे में स्पष्टीकरण दें. नीतीश ने इसी को अपने इस्तीफे की वजह बताया और भाजपा के साथ मिलकर छठी बार मुख्यमंत्री बने. नीतीश के इस कदम से विपक्ष की ओर से तीखी प्रतिक्रियाओं का आना स्वाभाविक था.

कांग्रेस कानीतीश पर आरोप
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा, ‘उन्होंने (नीतीश) सांप्रदायिकता के खिलाफ लड़ाई में हमसे हाथ मिलाया था, लेकिन नीतीश कुमार ने अपनी राजनीति के लिए उनसे हाथ मिला लिया, जिनके खिलाफ वह लड़े थे. ‘उन्होंने कहा, अपने स्वार्थ को लेकर लोग कुछ भी कर सकते हैं. कोई सिद्धांत नहीं है, कोई विश्वसनीयता नहीं है. वे सत्ता के लिए कुछ भी कर सकते हैं.

पीएम ने दी बधाई
प्रधानमंत्री मोदी ने नीतीश कुमार को बधाई दी और कहा कि वह बिहार की समृद्धि के लिए मिलकर काम करने को उत्सुक हैं. बिहार में सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद राजद को सरकार बनाने का मौका नहीं दिए जाने के विरोध में राजद और कांग्रेस के किसी भी नेता ने शपथ-ग्रहण समारोह में शिरकत नहीं की. शपथ ग्रहण के बाद सुशील मोदी ने कहा कि राजग की वापसी से राज्य में विकास की प्रक्रिया फिर से पटरी पर आएगी. उन्होंने कहा, ‘जदयू-भाजपा गठबंधन बिहार को नयी उंचाइयों पर लेकर गया था. उस वक्त राज्य के लोग गर्व से कहते थे कि ‘मैं बिहारी हूं ‘. लेकिन पिछले 20 महीने में कुछ गलत हो गया था. लेकिन अब जदयू-भाजपा गठबंधन एक बार फिर बिहार को नयी उंचाई पर ले जाएगा.

राजद पर जदयू का हमला
राजद के इस दावे कि उसके पास सबसे ज्यादा विधायक हैं, पर जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा, ‘उन्हें बड़े-बड़े दावे करना बंद कर देना चाहिए और यदि उनके पास वाकई संख्याबल है तो उन्हें बहुमत परीक्षण में इसे साबित करना चाहिए. हमारे पास संख्याबल है और हम इसे साबित करेंगे.’ राजग ने कल राज्यपाल को 132 विधायकों की सूची सौंपी थी. इनमें जदयू के 71, भाजपा के 53, रालोसपा के 2, लोजपा के 2, ‘हम ‘ के 1 और 3 निर्दलीय विधायक हैं. 243 सदस्यों वाली विधानसभा में राजद के 80, कांग्रेस के 27 और भाकपा-माले के तीन विधायक हैं.

राजद के साथ जाना एक गलती : केसी त्यागी
केसी त्यागी ने कहा कि बिहार में महागठबंधन सरकार बनाने का पार्टी फैसला एक ‘गलती’ थी और उन्होंने राजद के साथ विवाद सुलझने की संभावना से साफ इनकार किया. कल आधी रात के बाद राज भवन तक राजद विधायकों के विरोध मार्च का नेतृत्व करने वाले तेजस्वी ने आज धमकी दी कि उनकी पार्टी पूरे बिहार में नीतीश के खिलाफ प्रदर्शन करेगी और कहा कि उन्हें ”घूमने में भी मुश्किल आएगी.” तेजस्वी ने एक ट्वीट में कहा, ”मेरे कामकाज से हमारे गठबंधन सहयोगी और भाजपा घबरा गयी. मेरे खिलाफ बदले की भावना से की गई कार्रवाई से यह साबित होता है.

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