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छह बार सीएम बनने वाले राज्य के पहले नेता बने नीतीश
पटना : नीतीश कुमार छह बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले राज्य के पहले नेता बन गये हैं. वहीं इस्तीफा देने के मामले में भी उन्होंने रिकॉर्ड कायम किया है. गैसल रेल दुर्घटना हो या 2000 में बहुमत का जुगाड़ नहीं कर पाने करने का मामला, उन्होंने अपने सिद्धांतों से कोई समझौता नहीं किया. […]
पटना : नीतीश कुमार छह बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले राज्य के पहले नेता बन गये हैं. वहीं इस्तीफा देने के मामले में भी उन्होंने रिकॉर्ड कायम किया है. गैसल रेल दुर्घटना हो या 2000 में बहुमत का जुगाड़ नहीं कर पाने करने का मामला, उन्होंने अपने सिद्धांतों से कोई समझौता नहीं किया. 2014 के लोकसभा चुनाव में जब उनकी पार्टी जदयू को महज दो सीटें ही मिली तो उन्होंने इसे जनता का आदेश समझ मुख्यमंत्री पद छोड़ने का फैसला कर लिया.
इस बार भ्रष्टाचार के मुद्दे पर उन्होंने अपनी कुरसी की तिलांजलि दी. महागठबंधन सरकार से इस्तीफा देकर उन्होंने भ्रष्टाचार के मामले में समकालीन नेताओं के सामने बड़ी लकीर खींच दी. नोटबंदी और बेनामी संपत्ति पर प्रहार के बाद भाजपा भ्रष्टाचार को अपना मुद्दा बनाये जा रही थी. जबकि, बेनामी संपत्ति पर कार्रवाई का नारा खुद नीतीश कुमार का था.
नीतीश कुमार देश के ऐसे राजनेता हैं जिनके दामन पर कोई दाग नहीं है. ऐसे में जब महागठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी राजद के नेता पर भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज हुआ तो उन्होंने जनता के बीच अपनी सफाई देने का सुझाव दिया.
लेकिन, जब राजद ने उनकी सलाह नहीं मानी और उसे दरकिनार कर दिया तो उन्होंने खुद का इस्तीफा देना ही मुनासिब समझा.
बीस महीने की इस सरकार के आरंभ काल से ही ऐसा प्रतीत होने लगा था कि तीनों दलों के बीच कहीं न कहीं कोई बात है. मंत्रियों के काफिले से सायरन युक्त गाड़ियों का हटना, या फिर राजवल्लभ यादव व बिंदी यादव प्रकरण हो या पूर्व सांसद शहाबुद्दीन का मामला, नीतीश कुमार ने कभी भी अपने को कमजोर साबित नहीं होने दिया. शराबबंदी और बालू माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई के मामले में वह पीछे नहीं हटे.
1985 में पहली बार विधायक बने नीतीश कुमार 2000 में राज्य के मुख्यमंत्री बने. तीन मार्च 2000 को मुख्यमंत्री पद संभालने के बाद उनके गठबंधन को बहुमत लायक विधायकों का समर्थन नहीं मिल पाया. इसके चलते सात दिन बाद ही उन्होंने इस्तीफा कर दिया. उनके साथ सुशील कुमार मोदी ने भी शपथ ली थी.
इसके बाद नीतीश कुमार दूसरी बार 24 नवंबर, 2005 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. पूरे पांच साल तक चलने वाली इस सरकार में वह 24 नवंबर, 2010 तक सीएम रहे. तीसरी बार वे 26 नवंबर, 2010 से 19 मई, 2014 तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे. जीतन राम मांझी की सरकार के इस्तीफे के बाद वे पुन: 22 फरवरी 2015 को चौथी बार प्रदेश के मुख्यमंत्री बने. वे 19 नवंबर, 2015 तक मुख्यमंत्री पद पर बने रहे. 2015 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद महागठबंधन सरकार की मुखिया के रूप में नीतीश कुमार ने पांचवीं बार 20 नवंबर, 2015 को मुख्यमंत्री का पदभार संभाला.
विवाद के चलते उन्होंने 26 जुलाई, 2017 को इस्तीफा दे दिया. छठी बार 27 जुलाई, 2017 को नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली.
कब-कब सीएम रहे नीतीश
तीन मार्च, 2000 से 10 मार्च, 2000 तक केवल सात दिन के लिए सीएम रहे.
दूसरी बार 24 नवंबर, 2005 से 24 नवंबर, 2010 तक सीएम रहे.
26 नवंबर, 2010 से 19 मई, 2014 तक सीएम रहे.
22 फरवरी, 2015 से 19 नवंबर, 2015 तक मुख्यमंत्री रहे.
20 नवंबर, 2015 से 26 जुलाई, 2017 तक बिहार की कमान संभाल चुके हैं.
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