छल पर टिकी है लालू प्रसाद की बुनियाद : जदयू
आरोप-प्रत्यारोप. आदतन तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करते हैं लालू : राजीव रंजन सिंह पटना : राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद द्वारा पंडारक में हत्या मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आरोपी बनाये जाने के मामले को जदयू ने खारिज किया है. जदयू नेता राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, सांसद आरसीपी सिंह और प्रवक्ता सह […]
आरोप-प्रत्यारोप. आदतन तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करते हैं लालू : राजीव रंजन सिंह
पटना : राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद द्वारा पंडारक में हत्या मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आरोपी बनाये जाने के मामले को जदयू ने खारिज किया है. जदयू नेता राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, सांसद आरसीपी सिंह और प्रवक्ता सह विधान पार्षद नीरज कुमार ने प्रेस कांफ्रेंस कर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद पर जमकर निशाना साधा.
ललन सिंह ने कहा कि लालू प्रसाद पंडारक हत्या का जो मामला उठा रहे हैं वह बेबुनियाद है. वे आदतन तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर, तथ्यों को छिपा कर आधा-अधूरा तथ्य रख रहे हैं. इससे उनके विधिक व राजनीतिक सलाहकार कैसे हैं, इसका पता चलता है और यही उनकी दुर्दशा का भी कारण है.
छल, प्रपंच, पड्यंत्र ही उनकी बुनियाद है. उन्होंने कहा कि पंडारक के रैली ग्राम में 16 नवंबर 1991 को लोकसभा चुनाव के मतदान के दिन एक व्यक्ति की हत्या कर दी गयी थी. 31 जनवरी 1993 को पांच लोगों को अभियुक्त बनाया गया था. इनमें से दिलीप सिंह, योगेंद्र यादव और बौधु यादव के खिलाफ चार्जशीट दायर हुआ और नीतीश कुमार को निर्दोष पाया गया.
इसके बाद पांच अगस्त 2008 को उन्हें दोष मुक्त करार कर दिया गया और अन्य तीन पर आरोप पत्र दाखिल कर कार्रवाई की गयी. मतदान के समय घायल रामबाबू सिंह, सुरेश प्रसाद सिंह व चंद्रमौली लिंह ने नीतीश कुमार के दोषमुक्त होने पर कोई आपत्ति नहीं दर्ज की. योेगेंद्र यादव ने मामले को हाइकोर्ट में चुनौती दी, जिस पर कोर्ट ने स्टे लगा दिया. इसके बाद अशोक कुमार सिंह के परिवाद पत्र पर बाढ़ की अदालत ने 20 जनवरी 2009 को संज्ञान में लिया और नीतीश कुमार के खिलाफ सम्मन जारी करने का आदेश दिया. सीएम ने हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, कोर्ट ने कहा कि जब पहले ही स्टे लगाया जा चुका है तो फिर आदेश की अवहेलना क्यों की गयी.
इस पर बाढ़ कोर्ट के लंबित न्यायिक प्रक्रिया को स्थगित करते हुए हाइकोर्ट ने जवाब मांगा. जवाब देने के बाद संतुष्ट नहीं होने के बाद कोर्ट ने फिर से जवाब देने का निर्देश दिया है. ललन सिंह ने कहा कि अशोक कुमार सिंह ने कोर्ट में कहा कि उनका अपहरण कर जबरन सादा कागज पर साइन लिया गया था.
भ्रष्टाचार पर परदा डालने के लिए नहीं मिला था मेंडेड : ललन सिंह ने कहा कि महागठबंधन को मेंडेड भ्रष्टाचार पर परदा डालने के लिए नहीं मिला था. महागठबंधन को सत्ता अच्छे से शासन चलाने और विकास के लिए दिया गया था. नीतीश कुमार और लालू प्रसाद में यही अंतर है.
जानबूझ कर की महागठबंधन की हत्या : आरसीपी सिंह
जदयू के राष्ट्रीय महासचिव आरसीपी सिंह ने कहा कि महागठबंधन की हत्या जानबूझ कर की गयी है. नीतीश कुमार बेनामी संपत्ति और इंटेग्रिटी से कोई समझौता नहीं कर सकते हैं.
लालू प्रसाद जो आरोप लगा रहे हैं, वह फाइनल हो चुका है. केस की बुनियाद में ही नीतीश कुमार दोषमुक्त हो गये थे. 1994 में जब वे जनता दल से अलग हुए थे तो सरकार ने जांच करायी गयी थी, लेकिन कुछ नहीं निकला था. उन्होंने कहा रेल मंत्री रहते लालू प्रसाद पर स्लीपर घोटाला का आरोप लगा था, जो उस समय रफा-दफा कर दिया गया था, लेकिन बाद में यह घोटाला सामने आया.