पटना : बिहार में बीते दो दिनों में तेजी से बदले सियासी घटनाक्रम के बीच राजद और कांग्रेस ने अपनी नयी भूमिका तय कर ली है. बिहार विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान आज तेजस्वी यादव की ओर से नीतीश कुमार पर दागे गए तीखे तीरसेयहस्पष्ट हो गया है कितेजस्वीराजनीतिमें पहले से ज्यादापरिपक्व हो गये है और वे विपक्ष के नेता के तौरआने वाले दिनों में बेहद आक्रामकभूमिकामेंनजर आयेंगे. राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादवनेभी कलपार्टीविधायक दल की बैठकमें यह स्पष्ट कर दियाहै कि तेजस्वी यादव सदन में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका निभायेंगे. साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि तेजस्वी यादव हमसे ज्यादा बेहतर तरीके अपनी बात को जनता और मीडिया के सामने रखते है.
वहीं, विधानसभा में आज बहुमत साबित करने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विधानसभा पहुंचे और सभा की कार्यवाही शुरू होने के बाद राजद की तरफ से तेजस्वी यादव को विरोधी दल का नेता मनोनीत किया गया है और विधानसभा अध्यक्ष को प्रस्ताव दिया गया, जिसे उन्होंने मंजूर कर लिया है. नेता विपक्ष बनते ही तेजस्वी यादव ने नीतीश के खिलाफजमकर हमला बोला. तेजस्वी यादव ने कहा कि जनता ने महागठबंधन को पांच साल के लिए चुना था लेकिन उन्होंने हमारे साथ, बिहार की जनता के साथ धोखा देकर महागठबंधन को तोड़ दिया. तेजस्वी ने कहा कि नीतीश जी का इस्तीफा और भाजपा का तुरंत समर्थन ये सब पूरी प्लानिंग की गयी थी और नैतिकता की बात करते हैं, ये कौन-सी नैतिकता है आपकी? कौन-सी विचारधारा है इसे अब पूरी दुनिया जानना चाहती है.
चर्चा है कि तेजस्वी यादव कीओरसे आज जिस तरह से सदन में भाषण दिया है उससे साफ है कि आनेवाले दिनों में वे नीतीश सरकारकेखिलाफ आक्रामक तेवर में नजर आयेंगे. उधर, महागठबंधनकेटूटने के बाद कांग्रेस नेताओं ने भी राजद के साथ गठबंधन जारी रखने की बात करते हुए नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला है. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को नीतीश कुमार के शपथ ग्रहण के बाद जिस तरह से उनपर हमला बोला है उससे साफ है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ बिहार प्रदेश कांग्रेस के नेताबेहद आक्रामकमुद्राअख्तियार करने का मन बना चुके है.
बता दें कि नीतीश कुमार पहले ही दावा कर चुके है कि सदन में उनको 132 विधायकों का समर्थन है. ऐसे में उनकाे विश्वास मत हासिल करने में मुश्किल नहीं होगी. जिसके बाद राजद और कांग्रेस के पास नीतीश सरकार के खिलाफ विपक्ष में बैठ कर आक्रामक तेवर अपनाने के सिवाय कोई अन्य बेहतर विकल्प भी नहीं दिख रहा है. इसी के मद्देनजर राजद और कांग्रेस ने तेजस्वी यादव के नेतृत्व में विपक्ष की भूमिका में बैठकर सदन के माध्यम से जनता के बीच अपनी बात को रखने का प्रयास करेंगे.