नीतीश ने कहा, धन संपत्ति अर्जित करने वाले का नहीं दे सकता साथ

पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कांग्रेस और राजद पर हमला करते हुए आज कहा कि वह विचार से धर्मनिरपेक्षता और पारदर्शिता के समर्थक हैं. कोई धन संपत्ति अर्जित करने के लिए राजनीति करेगा तो वह उसका साथ नहीं दे सकते. विश्वासमत के दौरान नीतीश ने कहा कि बिहार की जनता ने जो […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 28, 2017 1:22 PM

पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कांग्रेस और राजद पर हमला करते हुए आज कहा कि वह विचार से धर्मनिरपेक्षता और पारदर्शिता के समर्थक हैं. कोई धन संपत्ति अर्जित करने के लिए राजनीति करेगा तो वह उसका साथ नहीं दे सकते. विश्वासमत के दौरान नीतीश ने कहा कि बिहार की जनता ने जो जनादेश (मेनडेट) दिया है वह काम करने, जनता की सेवा और पारदशर्तिा के लिए दिया है. कई प्रकार की कठिनाइयां आयीं. हमने गठबंधन धर्म का पालन करते हुए हर समस्या को दूर करने की कोशिश की और एक पार्टी (राजद) द्वारा गठबंधन धर्म के विपरित न जाने कितने व्यक्तव्य दिए गए, मैंने सबको झेला.’

सरकार आगे चलेगी और बिहार की सेवा करेगी : सीएम

नीतीश कुमार ने कहा कि हम विचार से धर्मनिरपेक्षता और पारदर्शिता के समर्थक हैं. किसी भी तरह से कोई धन संपत्ति अर्जित करने के लिए राजनीति करेगा तो हम उसका साथ नहीं दे सकते. यह हमारा संकल्प है. उन्होंने कहा कि बिहार और न्याय के साथ विकास के हित में यह फैसला जदयू ने लिया है. भाजपा और राजग के अन्य घटक दल तथा निर्दलीय विधायक जिन्होंने समर्थन का एलान किया है उन्हें मैं धन्यवाद देता हूं. यह सरकार आगे चलेगी और बिहार की सेवा करेगी.

मेरी प्रतिबद्धता जनता की सेवा करने की, न कि एक परिवार की सेवा की

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि मेरी प्रतिबद्धता जनता की सेवा करने की है, न कि एक परिवार (लालू परिवार) की सेवा की. यह राज भोग और मेवा के लिए नहीं बल्कि सेवा के लिए मिलता है और स्थिति ऐसी थी कि मेरे लिए बचाव करना संभव नहीं था. उन्होंने कहा, ‘हमने जब समझा कि मेरे लिए अब यह चलाना संभव नहीं है तब हमने अपने आपको अलग कर लिया. हमने जो भी फैसला लिया वह बिहार के विकास के हित में लिया है.’ उन्होंने कहा कि धर्मनिरपेक्षता विचार की चीज है. धर्मनिरपेक्षता भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने, शब्द का इस्तेमाल करने के लिए नहीं है.

धर्मनिरपेक्षता का पाठ हमें नहीं पढा सकता कोई नेता
नीतीश ने कहा, ‘हमको धर्मनिरपेक्षता का पाठ इस देश में कोई नेता नहीं पढा सकता है, हम जानते हैं कि इन लोगों की क्या स्थिति है. ये धर्मनिरपेक्षता का इस्तेमाल खुद को बचाने के लिए करते हैं.’ उन्होंने कहा कि बिहार के हित में यह सरकार कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध है. भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टालरेंस की नीति पर, सुशासन के लिए काम करेगी. समाज के हर तबके के हित की रक्षा होगी.

तरक्की की नयी उंचाई को प्राप्त करेगा बिहार

नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार तरक्की की नयी उंचाई को प्राप्त करेगा. उन्होंने कहा कि जनता में तो गरीब, अतिपिछड़े और दलित समाज के लोग दुखी हो रहे थे, जिस प्रकार का व्यवहार सत्ता में आने बाद लोगों के साथ गांव एवं देहात में होने लगा था, लोग परेशान थे. जिन्होंने भी वोट किया वे आज परेशान थे इसलिए आप सबके हित में और राज्य के हित में यह फैसला लिया गया है.

भाजपा के साथ जाने के फैसले पर बोले नीतीश…
भाजपा के साथ जाने को लेकर उनकी धर्मनिरपेक्षता पर प्रश्न उठाए जाने के बारे में नीतीश ने कहा कि जब हम :जदयू और भाजपा: एनडीए में एक साथ थे तब भागलपुर दंगे की अंतिम रपट सौंप दी गयी थी. हम लोगों की सरकार बनी तब दोबारा हमने उसकी जांच करायी. अल्पसंख्यक समुदाय के छात्र-छात्राओं के मैट्रिक प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण होने पर उनके लिए दस हजार रुपये की योजना की घोषणा की. यही नहीं कब्रिस्तान की घेराबंदी की योजना बनायी. अल्पसंख्यक कल्याण के लिए काम किया.

जनमत का भ्रम न पालें

नीतीश ने राजद का नाम लिये बिना उस पर निशाना साधते हुए कहा कि लोगों को जो जनमत का भ्रम है, 2010 के बिहार विधानसभा चुनाव का परिणाम लोगों के सामने है. जनमत का भ्रम न पालें. अहंकार के शिकार मत होइए, याद रखिए. उन्होंने अपने पिछले कार्यकाल की ओर इशारा करते हुए कहा कि अबतक ऐसी परिस्थिति रही है कि केंद्र में दूसरी और राज्य में दूसरी सरकार रही है लेकिन यह पहला अवसर है कि केंद्र और राज्य में एक ही तरह की सरकार है. बिहार तरक्की की उंचाइयों को प्राप्त करेगा.

मैं दिखाउंगा आईना

बिहार न्याय के साथ विकास के रास्ते पर चलेगा और भ्रष्टाचार व अन्याय को हमलोग बर्दाश्त नहीं करेंगे. नीतीश ने कहा, ‘वे लोग जो उनके बारे में बहुत सारी बातें बोलतें हैं, सचेत रहें लोगों को मैं आईना दिखाउंगा.’

इससे पूर्व नीतीश के साथ उनके मंत्रिमंडल में शामिल हुए सुशील कुमार मोदी ने चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि महागठबंधन को जनादेश जनता स्वच्छ और पारदर्शी सरकार के लिए मिला था, न कि बेनामी संपत्ति को बचाने, छल परपंच और लोभ के लिए. उन्होंने कहा कि जब मुख्यमंत्री को लगा कि इन लोगों (राजद एवं कांग्रेस) के साथ रहकर भ्रष्टाचार पर अंकुश नहीं लगाया जा सकता है इसलिए उन्होंने उनसे गठबंधन तोड़कर भाजपा के साथ सरकार चलाने का निर्णय किया इसके लिए वह उन्हें धन्यवाद देते हैं. सुशील और नीतीश के भाषण के दौरान विपक्षी सदस्यों द्वारा टोकाटाकी और हंगामा किया गया.

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