पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार ने विश्वास मत हासिल कर लिया. शुक्रवार सुबह 10 बजे विधानसभा के परिसर का नजारा काफी खुशनुमा था. गेट से प्रवेश करते ही विशेष चेकिंग. गाड़ियों के साथ माननीय के अंगरक्षकों को गाड़ी से उतारने के साथ, महागठबंधन सरकार के कई पूर्व मंत्रियों की भी गाड़ियों की विशेष चेकिंग. उसके बाद अंदर प्रवेश. अंदर का माहौल पूरी तरह उत्सवी. बिल्कुल समय पर पहुंचते विधायकों का काफिला. विधानसभा के विशेष सत्र की कार्रवाई 11 बजे शुरू हो गयी. आसन के समक्ष बोलने की बारी आयी, तो तेजस्वी यादव ने सबसे पहले बोला और नीतीश कुमार के साथ भाजपा से कई सवाल पूछे. तेजस्वी ने अपने आपको इनोंसेंट बताते हुए नीतीश कुमार से पूछा कि हे राम से निकलकर जय श्री राम में जाने वाले नीतीश जी अब पूरे देश को क्या जवाब देंगे.
आज का दिन बिहार के राजनीतिक इतिहास और विधानसभा का यह विशेष सत्र, खास तौर पर याद किया जायेगा.सातसाल बाद एक बार फिरनीतीशकुमारऔरसुशील मोदी की जोड़ी एक साथ थी. विधानसभा ने नीतीश कुमार को बहुमत का आंकड़ा आसानी से मिल गया. विधानसभा परिसर में चर्चाओं का बाजार गरम रहा.विधायक एक दूसरे से कह रहे थे, अब नीतीश कुमार बिहार में खुलकर काम करेंगे. 131 विधायकों ने समर्थन में वोट किया. नीतीश कुमार ने सदन में बोलते हुए कहा कि मुझे देश का कोई नेता सेक्यूलरिज्म का पाठ नहीं पढ़ा सकता. मुझे मालूम है, अपना पाप छुपाने के लिए लोग सेक्यूलरिज्म का सहारा लेते हैं. नीतीश ने वक्त आने पर सबको आईना दिखाने की भी बात कही. नीतीश ने कहा कि गांव-देहात से जो संदेश मिल रहा था, वह काफी चौंकाने वाला था. लोगों से दुर्व्यवहार किये जा रहे थे. बिहार के हित में, जनता के लिए, न्याय के साथ बिहार के विकास के लिए मैंने यह फैसला लिया है. उन्होंने कहा कि पहली बार केंद्र और राज्य में एक प्रकार की सरकार है, बिहार का जबरदस्त विकास होगा. नीतीश ने विपक्षसे भागलपुर दंगा, जमीन पर कब्जा के साथ और भी बहुत सारी बातें कही. उन्होंने कहा कि उन्हें जनमत को लेकर चैलेंज न किया जाये, जनमत का भ्रम न पालें. सबको जवाब मिलेगा. नीतीश ने कहा कि सत्ता सेवा के लिए होती है, राज भोग के लिए नहीं.
उधर, सदन में इससे पूर्व कांग्रेस नेता सदानंद सिंह ने अपना पक्ष रखा था. विधानसभा के अंदर तेजस्वी ने यह कहा कि नीतीश जी आपको सुशील मोदी के पास बैठने में शर्म नहीं आयी. आपमें हिम्मत होती, तो मुझे बरखास्त करते. जब विधानसभा पोर्टिको में पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पहुंचे, तो उन्होंने पत्रकारों से कहा कि 28 साल के एक नौजवान ने सिर नहीं झुकाया और दूसरी ओर एक मजे हुए खिलाड़ी ने घुटने टेक दिये. तेजस्वी ने नीतीश पर जनादेश को अपमानित करने का आरोप लगाया. तेजस्वी ने कहा कि सदन में मेरे पूछे गये सवालों का जवाब नीतीश कुमार के पास नहीं था. जय श्री राम के साथ ही जाना था,इसलिए इतना नाटक किया गया. तेजस्वी ने कहा कि पूरे बिहार की जनता अपने-आपको ठगा महसूस कर रही है. हमने आज विश्वासमत के खिलाफ वोट दिया है, कांग्रेस ने भी दिया है.
विधानसभा परिसर में कांग्रेस के पांच विधायकों के जदयू में होने की चर्चा जोरों पर रही. विधायक कौन-कौन से हैं, कोई नहीं बता पाया. जैसे ही सभी नेता विधानसभा में बाहर निकले एनडीए के नेताओं ने एक दूसरे को बधाई देना शुरू किया. परिसर में पूरी तरह उत्सवी माहौल उत्पन्न हो गया. परिसर में चर्चा मंत्री पद को लेकर भी रही और जदयू और भाजपा के लोगों ने अपने-अपने हिसाब से कयास लगाने शुरू किये. इस बार विधानसभा के परिसर में अंदर की कार्रवाई की प्रसारण की व्यवस्था नहीं की गयी थी. हां और न, जैसे दो कक्षों का निर्माण किया गया था, जहां विधायक अपना मत दे रहे थे. कार्रवाई खत्म होने के बाद विधानसभा को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया.
गौर हो कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने बुधवार को राजद का साथ छोड़ दिया था. उन्होंने राजद के साथ छोड़ते हुए बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके फैसले का स्वागत करते हुए ट्वीट कियाथा, जिसका नीतीश ने भी जवाब दिया. 26 जुलाई की शाम बिहार का राजनीतिक घटनाक्रम नाटकीय तेजी से बदलना शुरू हुआ जो आधी रात तक जारी रहा. इसके बाद नीतीश कुमार ने बीजेपी के साथ मिलकर 27 जुलाई को बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और आज नीतीश कुमार को विधानसभा में अपना बहुमत साबित कर दिया.
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