संवाददाता, पटना
शनिवार को पीएमसीएच के पास मेट्रो स्टेशन निर्माण को लेकर पीएमसीएच के सामने 103 साल पुरानी नूरानी दवाखाना सहित चार दुकानें ध्वस्त कर दी गयीं. पटना मेट्रो के निर्माण कार्य में लगे बुलडोजर के सहारे लगभग डेढ़ घंटे में स्ट्रक्चर को तोड़ दिया गया. इस दौरान जिला प्रशासन, डीएमआरसी, पटना मेट्रो के अधिकारी सहित काफी संख्या में पुलिस के जवान उपस्थित थे. स्ट्रक्चर को ध्वस्त करने के समय लोगों का हुजूम उमड़ गया. लोग सौ साल से अधिक पुरानी नूरानी दवाखाना को टूटते देखना चाह रहे थे. किसी तरह की अनहोनी को लेकर मुस्तैदी बरती गयी थी. नूरानी दवाखाना, स्टीलो, पनामा मेडिको सहित कुल चार दुकानें तोड़ी गयीं. दुकानों को हटा जमीन का करना है अधिग्रहण पटना मेट्रो स्टेशन के निर्माण के लिए दुकानों को हटा कर जमीन अधिग्रहण करना है. नुरानी दवाखाना की स्थापना हाजी नुरूल होदा ने की थी. नूरानी दवाखाना ने प्रदेश में देशी चिकित्सा यूनानी को विशेष पहचान दी. वर्ष 1920 में रजिस्टर्ड इस संस्था को देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद, डॉ जाकिर हुसैन सहित अन्य गणमान्य लोगों ने प्रशंसा पत्र दिया था. आश्वासन के बाद भी नहीं मिला मुआवजा जिला प्रशासन की ओर से दुकान ध्वस्त करने के लिए पहले नोटिस जारी हुआ था. इसे लेकर अधिकारियों के साथ दुकानदारों की बातचीत हुई थी. इसमें मुआवजा मिलने का आश्वासन मिला था. इसके बाद दुकान में रखे सामानों को निकालने का काम पहले से हो रहा था. इसके बावजूद शनिवार को अधिकारियों की टीम पुलिस जवानों के साथ बुलडोजर लेकर ध्वस्त करने पहुंच गयी. इस वजह से लकड़ी के सामान, पंखे आदि को नहीं निकाला जा सका. दुकानदार मिसबाहुल होदा ने बताया कि मुआवजा मिलने का आश्वासन के बावजूद राशि नहीं मिली, न स्ट्रक्चर बना कर देने की बात हुई.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है