अब राजद को कार्यकर्ताओं की आ रही है याद

पटना: महागठबंधन की सरकार में 20 माह तक सत्ता सुख लेने के बाद फिर राजद कोटे के पूर्व मंत्रियों को अब कार्यकर्ताओं की याद आ रही है. 27 अगस्त को गांधी मैदान में भाजपा के खिलाफ बड़ी रैली होनी है. राजद नेताओं को रैली को सफल बनाने की जिम्मेवारी दी गयी है. इधर, राजद कार्यकर्ताओं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 30, 2017 7:54 AM
पटना: महागठबंधन की सरकार में 20 माह तक सत्ता सुख लेने के बाद फिर राजद कोटे के पूर्व मंत्रियों को अब कार्यकर्ताओं की याद आ रही है. 27 अगस्त को गांधी मैदान में भाजपा के खिलाफ बड़ी रैली होनी है. राजद नेताओं को रैली को सफल बनाने की जिम्मेवारी दी गयी है. इधर, राजद कार्यकर्ताओं को अफसोस हो रहा कि सत्ता में रहने के दौरान पार्टी के मंत्रियों को उनकी याद ही नहीं रही.
पार्टी ने इस दौरान सत्ता का निचले स्तर तक विकेंद्रीकरण भी नहीं किया और सत्ता में आने के बावजूद वह पार्टी के लिए हासिये पर बने रहे. सत्ता में आने के बाद पार्टी प्रमुख लालू प्रसाद ने कार्यकर्ताओं की मांग के बाद अपने मंत्रियों को राजद के प्रदेश कार्यालय में जनता दरबार लगाने का निर्देश दिया था. लालू प्रसाद ने 20 सूत्री सदस्यों के नामों की सूची भी हर जिला व प्रखंडों से मांगी.

पार्टी को अपने कार्यकर्ताओं को खाद्य उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा गठित निगरानी समिति में भी समायोजित भी करना था. 20 माह के कार्यकाल में राजद कार्यकर्ताओं को ऐसे किसी भी पदों पर शामिल नहीं किया गया. सत्ता जाने के बाद राजद कार्यकर्ताओं के बीच इस बात को लेकर पछतावा हो रहा है. लालू प्रसाद के निर्देश के बाद तेजस्वी प्रसाद यादव ने जनता दरबार आरंभ किया. तीन सप्ताह बाद जनता दरबार का आयोजन ही बंद हो गया.

हर जिले से कार्यकर्ताओं की सूची मांगी
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद द्वारा इस साल जिलाध्यक्षों व प्रखंड अध्यक्षों से 20 सूत्री सदस्यों को लेकर हर जिला से कार्यकर्ताओं की सूची मांगी गयी. इसको लेकर पार्टी नेताओं में उत्साह था. सभी जिलों द्वारा सूची जमा किये हुए छह माह से अधिक हो गये पर किसी भी जिले में 20 सूत्री का गठन ही नहीं किया गया. आवेदन बोरे में रखे-रखे सड़ गये. अगर 20 सूत्री का गठन होता तो 15-20 हजार कार्यकर्ताओं को प्रखंड व जिला में स्थान मिलता.

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