रुडी बोले, लालू के दबाव में थे नीतीश, दिग्विजय ने कहा- जनता सिखाएगी सबक
पटना/इंदौर : केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा नेता राजीव प्रताप रुडी ने दावा किया कि बिहार में महागठबंधन की सरकार के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राजद प्रमुख लालू प्रसाद के भारी दबाव में थे. राजीव प्रताप रुडी ने गठबंधन से अलग होने के नीतीश कुमार के कदम को स्वच्छ राजनीति की तरफ ‘बड़ा कदम’ बताया. वहीं […]
पटना/इंदौर : केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा नेता राजीव प्रताप रुडी ने दावा किया कि बिहार में महागठबंधन की सरकार के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राजद प्रमुख लालू प्रसाद के भारी दबाव में थे. राजीव प्रताप रुडी ने गठबंधन से अलग होने के नीतीश कुमार के कदम को स्वच्छ राजनीति की तरफ ‘बड़ा कदम’ बताया. वहीं राज्यसभा सांसद और कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री ने विधानसभा में विश्वासमत नहीं, बल्कि विश्वासघात मत हासिल किया है.
नयी सरकार से बिहार में आयेगा बदलाव
कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रीराजीवप्रताप रुडी ने विश्वास जताया कि जदयू-भाजपा की नयी सरकार में बिहार में बदलाव आएगा. उन्होंने कहा, ‘बिहार की आबादी 11 करोड़ है और नीतीश कुमार ने इन लोगों और राज्य के हित में यह गठबंधन किया है. गठबंधन काफी पहले हो जाना चाहिए था. इस निर्णय से बिहार में बड़ा बदलाव आएगा.’
जनता जरुर सबक सिखायेगी : दिग्विजय
इंदौर : भाजपाकेसाथ दोबारा से हाथ मिलानेऔर बिहार मेंनयीसरकार के गठनको लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेतादिग्विजयसिंह ने नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए यह व्यक्ति (नीतीश) पहले कहता था कि मिट्टी में मिल जाउंगा, पर भाजपा से हाथ नहीं मिलाउंगा. अब इस व्यक्ति ने भाजपा से हाथ मिलाकर बिहार की जनता को धोखा दिया है. लेकिन बिहार की जनता क्रांतिकारी है और वह नीतीश को जरुर सबक सिखायेगी. उन्होंने कहा, नीतीश कुमार ने विधानसभा में विश्वासमत नहीं, बल्कि विश्वासघात मत हासिल किया है.
भाजपा पर निशाना
दिग्विजय सिंह ने कहा, बिहार के ताजा घटनाक्रम के बाद भाजपा का चाल, चरित्र और चेहरा भी बेपर्दा हो गया है. उन्होंने एक सवाल पर यह जताने की कोशिश की कि नीतीश के भाजपा के पाले में जाने से वर्ष 2019 के आम चुनावों में विपक्षी एकता पर कोई असर नहीं पड़ेगा. उन्होंने कहा, भारत का प्रजातंत्र और जनता बहुत परिपक्व है. इसलिए (वर्ष 2019 के आम चुनावों को लेकर) अभी से कोई अनुमान लगाना उचित नहीं है. उन्होंने कहा, हमारे देश का कोई मुस्लिम युवा कभी अल-कायदा में भर्ती नहीं हुआ था. लेकिन युवा आज आइएसआइएस में क्यों भर्ती हो रहे हैं क्योंकि वर्ष 2014 के बाद से उनके मन में यह बात आ रही है कि उन्हें न्याय नहीं मिल रहा है.
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