पटना : बिहार में एनडीए की मदद से नयी सरकार के गठन के बाद आज पहले दिन अपने कार्यालय में पदभार ग्रहण करने पहुंचे उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने भ्रष्टाचार के सवाल पर दो टूक जवाब दिया. उन्होंने पटना जू में हुए कथित मिट्टी घोटाले के प्रश्न पर मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि वह बदले की भावना से काम नहीं करते हैं, लेकिन अगर प्रमाण, तथ्य और सबूत मिलता है, तो वह किसी को छोड़ेंगे नहीं. पुराना सचिवालय में अपने कक्ष में मीडियाकर्मियों से बातचीत में उन्होंने कहा कि मॉल की मिट्टी बेचने के मामले की विभागीय फाइल को उन्होंने मंगा लिया है. उन्होंने कहा कि वह लालू की तरह बदले की भावना से काम नहीं करते. लालू ने उन्हें बेवजह स्वास्थ्य विभाग की एक मशीन के मामले में पांच साल तक घसीटा था. मैं उस तरह की राजनीति नहीं करता.
उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री के नाते आज कार्यभार ग्रहण किया है. विभागों की समीक्षा बैठक रखी है. सभी विभागों की समीक्षा करेंगे. क्या स्थिति है. हमारी मुख्य प्राथमिकता होगी, जीएसटी को क्रियान्वित करने में आ रही दिक्कतों को देखना.
उन्होंने कहा कि जीएसटी में आ रही कठिनाइयों पर ध्यान देना पहली प्राथमिकता होगी. छोटे व्यापारियों से भी इस मसले पर बातचीत करेंगे. उन्होंने सचिवालय के अपने कक्ष में सभी अधिकारियों की एक बैठक रखी है.
सुशील कुमार मोदी ने कहा कि एक बेहतर शासन का पहला सूत्र है, लगातार समीक्षा करना और कठिनाइयों को दूर करना. नयी नीतियों का निर्धारण करना, ताकि बेहतर परिणाम निकले.
सुशील मोदी ने कहा कि वन विभाग से जुड़ा, जो मिट्टी घोटाले का मामला है, उसे देखेंगे. बालू माफियाओं के खिलाफ रविवार को अभियान चला है. बड़े पैमाने पर राजनीतिक फंडिंग की बात सामने आयी है. उसी कमियों और त्रुटियों को देखा जा रहा है, उसके बाद आगे बढ़ा जायेगा. आगे की प्राथमिकताओं का निर्धारण किया जायेगा.
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