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शराब कंपनियों को नहीं दी और मोहलत, अब नष्ट होगी गोदाम में रखी सभी शराब

पटना : राज्य में पांच अप्रैल, 2016 से लागू पूर्ण शराबबंदी कानून के बाद बिहार बेवरेज कॉरपोरेशन लिमिटेड, सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) समेत अन्य सरकारी गोदामों में लाखों लीटर शराब पड़ी हुई है. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक अहम फैसले में कहा है कि वह शराब कंपनियों को और अधिक मोहलत देने के पक्ष […]

पटना : राज्य में पांच अप्रैल, 2016 से लागू पूर्ण शराबबंदी कानून के बाद बिहार बेवरेज कॉरपोरेशन लिमिटेड, सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) समेत अन्य सरकारी गोदामों में लाखों लीटर शराब पड़ी हुई है.
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक अहम फैसले में कहा है कि वह शराब कंपनियों को और अधिक मोहलत देने के पक्ष में नहीं है. शराब कंपनियों को राज्य सरकार पहले भी काफी मोहलत दे चुकी है. बावजूद इसके कंपनियां अपनी शराब गोदामों से हटा नहीं रही हैं, जो पूरी तरह से गलत है.
सुप्रीम कोर्ट ने शराब कंपनियों को किसी भी तरह की मोहलत देने से साफ तौर पर मना कर दिया है. अब इस आदेश के बाद राज्य उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग सभी शराबों को नष्ट करने की तैयार करने में जुट गया है. बिहार बेवरेज कॉरपोरेशन लिमिटेड, सशस्त्र सीमा बल समेत अन्य सरकारी निकायों में लाखों लीटर शराब बंद पड़ी हुई है. प्राप्त सूचना के अनुसार, राज्य सरकार की जिला और राज्य स्तरीय गोदामों में 6 से 7 लाख लीटर शराब बंद पड़ी है. इन्हें इस आदेश के बाद नष्ट कर दिया जायेगा. इसकी प्रक्रिया जल्द शुरू की जा सकती है.
यह है पूरा मामला
गोदामों में बंद शराब को हटाने के लिए संबंधित कंपनियों को राज्य सरकार ने कई बार सभी शराब को गोदामों से हटाने के लिए कहा है, लेकिन किसी न किसी कारण से वह टालते रहे. शराब कंपनियों का कहना था कि उन्होंने यह शराब सप्लाइ कर दी है, इसलिए उन्हें लौटाने के बजाय इसके बदले इसकी कीमत दे दें.
लेकिन, राज्य सरकार की दलील है कि इसका उपयोग नहीं हुआ और इन्हें लौटने के लिए कंपनियों को लगातार कहा जा रहा है. ये कंपनियां इसे लौटा नहीं रही हैं. कंपनी और राज्य सरकार के बीच यह खींचतान का मामला सुप्रीम कोर्ट में चला गया. इसके बाद से राज्य सरकार बार-बार कंपनियों को शराब हटाने की मोहलत देती रही और कंपनी इसे कोर्ट के जरिये बढ़ाती रही.
अब 31 जुलाई को इसे हटाने के लिए अंतिम तारीख निर्धारित की गयी थी. कोर्ट ने सुनवाई के इस तारीख को बढ़ाने से मना करते हुए कंपनी को कोई मोहलत नहीं दी है. इसके साथ ही राज्य सरकार अपने स्तर पर इस मामले में उचित कार्रवाई कर सकती है. पूर्ण शराबबंदी कानून के अनुसार, गोदामों बंद इन शराबों को नष्ट कर दिया जायेगा.

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