चौथी सोमवारी पर रुद्राभिषेक को उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

सैकड़ों श्रद्धालुओं ने अंतिम सोमवारी पर चंद्रग्रहण के कारण कर लिया रुद्राभिषेक पटना : सावन की चौथी सोमवारी पर रुद्राभिषेक करने वालों का रेला लगा रहा. राजधानी के प्रसिद्ध महावीर मंदिर, बांसघाट स्थित मां सिद्धेश्वरी काली मंदिर, कंकड़बाग शिव मंदिर और जलेश्वर महादेव मंदिर में रुद्राभिषेक सबसे ज्यादा हुआ. महावीर मंदिर में जहां सबसे ज्यादा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 1, 2017 8:09 AM
सैकड़ों श्रद्धालुओं ने अंतिम सोमवारी पर चंद्रग्रहण के कारण कर लिया रुद्राभिषेक
पटना : सावन की चौथी सोमवारी पर रुद्राभिषेक करने वालों का रेला लगा रहा. राजधानी के प्रसिद्ध महावीर मंदिर, बांसघाट स्थित मां सिद्धेश्वरी काली मंदिर, कंकड़बाग शिव मंदिर और जलेश्वर महादेव मंदिर में रुद्राभिषेक सबसे ज्यादा हुआ. महावीर मंदिर में जहां सबसे ज्यादा 55 रुद्राभिषेक हुए वहीं कंकड़बाग के पंच शिव मंदिर में 40, मां सिद्धेश्वरी काली मंदिर में 12 और जलेश्वर महादेव मंदिर में भी आधा दर्जन रुद्राभिषेक हुए.
महावीर मंदिर प्रबंधन समिति के विरेंद्र कुमार ने बताया कि अंतिम सोमवारी पर चंद्रग्रहण के कारण ज्यादातर श्रद्धालुओं का रूझान चौथी सोमवारी पर ही टिक गया था और इसी वजह से सभी ने इस पर फोकस किया. रुद्राभिषेक अहले सुबह से शाम तक होता रहा. सिद्धेश्वर काली मंदिर न्यास समिति के उपाध्यक्ष डोमन बाबू ने बताया कि मंदिर में 1100 रुपये में एक रुद्राभिषेक पूजा की बुकिंग होती है जिसमें पांच किलो दूध और पूजा सामग्री मंदिर प्रबंधन समिति की ओर से ही दी जाती है.
श्रद्धालुओं का पूरा रूझान यहां रुद्राभिषेक पूजा में देखने को मिलता है. इसके अलावा बोरिंग रोड चौराहा शिव मंदिर, कंकड़बाग पंच शिव मंदिर, राजवंशी नगर शिव मंदिर समेत खाजपुरा शिव मंदिर, जलेश्वर महादेव मंदिर सहित सभी शिव मंदिरों में सुबह से ही भारी भीड़ उमड़ी. सावन को देखते हुए शिव मंदिरों को खूब सजाया गया है.
झालर बत्तियों की रौशनी में मंदिरों की खूबसूरती देखते ही बन रही है. आचार्य पं श्रीपति त्रिपाठी कहते हैं कि सावन में भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. इनकी पूजा से दैविक, दैहिक और भौतिक कष्टों से मुक्ति मिलती है.

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