बीज उत्पादन में बिहार होगा आत्मनिर्भर : प्रेम
पटना : कृषि मंत्री डॉ प्रेम कुमार ने विभागीय अधिकारियों के साथ मंगलवार को समीक्षा की और कहा कि बीज के मामले में राज्य आत्मनिर्भर बनेगा. राज्य में उपयोग के बाद यदि बीज बचता है तो उसे अन्य राज्यों को बेचा जायेगा. समीक्षा बैठक में विभागीय अधिकारियों के अलावा प्रधान सचिव सुधीर कुमार कृषि निदेशक […]
पटना : कृषि मंत्री डॉ प्रेम कुमार ने विभागीय अधिकारियों के साथ मंगलवार को समीक्षा की और कहा कि बीज के मामले में राज्य आत्मनिर्भर बनेगा. राज्य में उपयोग के बाद यदि बीज बचता है तो उसे अन्य राज्यों को बेचा जायेगा.
समीक्षा बैठक में विभागीय अधिकारियों के अलावा प्रधान सचिव सुधीर कुमार कृषि निदेशक डॉ हिमांशु राय मौजूद थे. मंत्री ने सोमवार को भी समीक्षा की थी. मंत्री ने राज्य के सभी प्रखंडों में बीज निगम का डीलर बनाने को कहा. बैठक में बिहार राज्य बीज निगम की उपलब्धियों की जानकारी दी गयी.
वित्तीय वर्ष 2016-17 में बीज निगम द्वारा बीज उत्पादक एवं राजकीय प्रक्षेत्रों से धान का 90,472 क्विंटल रॉ बीजों का उत्पादन हुआ, जिससे 77,076 क्विंटल प्रसंस्कृत बीज तैयार किया गया. निगम की बीज प्रसंस्करण क्षमता 4.30 लाख क्विंटल है. चालू वित्तीय वर्ष में इसे बढ़ाकर 8.30 लाख क्विंटल करने का निर्देश मंत्री ने दिया.
बीज निगम की भंडारण क्षमता 3.62 लाख क्विंटल है. मंत्री ने भंडारण क्षमता बढ़ाने का निर्देश दिया. निगम भंडारण क्षमता का विकास करेगा. भंडारण क्षमता 3.62 लाख क्विंटल से बढ़कर 8.72 लाख क्विंटल हो जायेगी. निगम का 20 स्थानों पर 20 संग्रह केंद्र है तथा 159 बीज डीलर के माध्यम से निगम का बीज बेचा जाता है.
कृषि ने निदेश दिया की निगम द्वारा सभी 534 प्रखंडों में प्रखंड स्तर पर अनुज्ञप्तिधारी बीज डीलर बनाया जाये.बैठक में विघटित बाजार समितियों की भी समीक्षा हुई. नोडल पदाधिकारी ने मंत्री को बताया की वर्तमान 95 बाजार समिति तथा 53 निर्मित बाजार प्रागंण है.
गुलाबबाग मुजफ्फरपुर तथा दरभंगा में बाजार समिति के जीर्णोद्धार का निदेश दिया गया. सभी बाजार प्रागंण को इलेक्ट्रॉनिकली जोड़ना है, जहां उत्पादों का मूल्य दर्शाया जायेगा. मूल्य तालिका में जिला. राज्य व देश के विभिन्न बाजारों का मूल्य रहेगा. मंत्री ने निदेश दिया की सभी बाजार प्रांगणों में आधारभूत सुविधा की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये ताकि किसानों तथा कृषि से जुड़े व्यवसायियों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो.