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शरद यादव के करीबी ने नयी पार्टी के गठन के दिये संकेत, जदयू ने बताया अफवाह

पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जदयू के वरिष्ठ नेता शरद यादव के बीच ‘मतभेद’ की अटकलों के बीच समाजवादी नेता और पूर्व विधान पार्षद विजय वर्मा ने शरद के महागठबंधन में बने रहने के लिए एक नयी पार्टी बनाने के संकेत दिए हैं. शरद यादव के विश्वस्त माने जाने वाले और दो […]

पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जदयू के वरिष्ठ नेता शरद यादव के बीच ‘मतभेद’ की अटकलों के बीच समाजवादी नेता और पूर्व विधान पार्षद विजय वर्मा ने शरद के महागठबंधन में बने रहने के लिए एक नयी पार्टी बनाने के संकेत दिए हैं. शरद यादव के विश्वस्त माने जाने वाले और दो बार बिहार विधान परिषद सदस्य रहे विजय वर्मा ने शरद के महागठबंधन में बने रहने के लिए एक नयी पार्टी बनाने के संकेत दिए हैं, पर जदयू के प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने इसे अफवाह बताया है.

जदयू के प्रदेश प्रवक्ता अजय आलोक ने शरद की ‘नाराजगी ‘ को आज खारिज कर दिया. वहीं, विजय वर्मा के मुताबिक शरद जी पुराने साथियों के संपर्क में हैं और राजनीतिक हालात पर विचार कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि नये दल का गठन एक विकल्प है और उस पर संजीदगी से विचार किया जा रहा है. विजय वर्मा ने दावा किया कि शरद जी ने जोर देकर कहा है कि वे धर्मनिरपेक्ष शक्ति वाले महागठबंधन में बने रहेंगे और इसी को जेहन रखते हुए वे कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद और माकपा नेता सीताराम येचुरी से मिले थे. उन्होंने कहा कि शरद जी ने राजग सरकार में मंत्री के तौर पर शामिल होने से इनकार किया है.

यह पूछे जाने पर कि अन्य किन किन लोगों से शरद यादव की बातचीत हुई है विजय वर्मा ने नाम का खुलासा करने से इनकार करते हुए कहा कि उनका सोशल नेटवर्क बहुत बड़ा है. होटल के बदले भूखंड मामले में सीबीआइ की प्राथमिकी पर राजद प्रमुख लालू प्रसाद के पुत्र और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के जनता के बीच स्पष्टीकरण नहीं देने पर नीतीश के महागठबंधन से अलग होकर राजग में शामिल भाजपा और उसके अन्य सहयोगी दलों के साथ प्रदेश में नयी सरकार बनाने लेने पर चुप्पी साधे रहने के बाद जदयू के राज्यसभा सदस्य शरद ने इसको लेकर सार्वजनिक तौर पर नाराजगी जतायी है.

गत 31 जुलाई को संसद के बाहर शरद यादव ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा था कि जनादेश इसके लिए नहीं था और महागठबंधन के बिखरने को अप्रिय और दुर्भाग्यपूर्ण बताया था. शरद के करीबी माने जानेवाले केसी त्यागी ने इसे अफवाह बताते हुए कहा कि उन्हें आश्चर्य (भाजपा के साथ हाथ मिलाने पर) व्यक्त किया है पर कभी नहीं कहा कि मेरा विरोध है. केसी त्यागी ने कहा कि उन्होंने शरद जी को पिछले 40 सालों से बहुत करीब से देखा है और जानते हैं कि भ्रष्टाचार को लेकर वे लालू प्रसाद से अलग हुए थे, ऐसे में वे कैसे लालू के साथ जा सकते हैं.

वहीं, जदयू के प्रदेश प्रवक्ता अजय आलोक ने शरद के पार्टी से नाराज होने की मीडिया रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा कि सावन का महीना है, इसके बाद भादो और शरद आता है, कोई नाराजगी नहीं. इससे पहले जदयू के दो सांसदों अली अनवर और विरेंद्र कुमार ने शरद से मुलाकात की थी. दोनों ने भाजपा के साथ जाने के निर्णय का विरोध किया था. जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार से उनकी पार्टी के भाजपा के साथ मिला लेने से शरद के अशांत होने के बारे में पूछे जाने पर गत सोमवार को कहा था कि यह जरूरी नहीं सभी मुद्दे पर हर कोई राजी हो. किसी की अलग राय हो सकती है. महागठबंधन से अलग होने का निर्णय जदयू की प्रदेश इकाई ने लिया है जिसका उन्हें पालन करना था.

उन्होंने कहा था कि जदयू केवल बिहार में एक क्षेत्रीय दल के तौर पर निबंधित है और उनके लिए पार्टी की प्रदेश इकाई के निर्णय के खिलाफ जाना उनके लिए संभव नहीं था. नीतीश ने कहा था कि आगामी 19 अगस्त को जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक पटना में बुलायी गयी है और उसमें इसको रखा जाएगा. राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने महागठबंधन बिखराव के लिए नीतीश पर प्रहार करते हुए शरद से अपनी पार्टी की आगामी 27 अगस्त को पटना में आयोजित ‘भाजपा हटाओ, देश बचाओ ‘ रैली में शामिल होने का न्योता दिया है और सांप्रदायिक शक्तियों को परास्त करने के लिए देश भ्रमण करने की अपील की है.

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