BSSC पेपर लीक मामले की सीबीआई जांच याचिका को हाइकोर्ट ने किया खारिज

पटना: बहुचर्चित बिहार कर्मचारी चयन आयोग परचा लीक मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग वाली लोकहित याचिका पर पटना हाइकोर्ट ने ऐसा कोई भी आदेश देने से साफ तौर पर इंकार करते हुए याचिका को खारिज कर दिया. अदालत ने स्पष्ट किया कि चूंकि, इस मामले में राज्य सरकार द्वारा एसआईटी. का गठन कर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 3, 2017 1:33 PM

पटना: बहुचर्चित बिहार कर्मचारी चयन आयोग परचा लीक मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग वाली लोकहित याचिका पर पटना हाइकोर्ट ने ऐसा कोई भी आदेश देने से साफ तौर पर इंकार करते हुए याचिका को खारिज कर दिया. अदालत ने स्पष्ट किया कि चूंकि, इस मामले में राज्य सरकार द्वारा एसआईटी. का गठन कर मामले में जांच करायी गयी है और इसमें कई लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है और मामला निचली अदालत में चल रहा है. ऐसे में सीबीआई जांच की आवश्यकता नहीं है. चीफ जस्टिस राजेन्द्र मेनन एवं जस्टिस डा. अनिल कुमार उपाध्याय की खण्डपीठ ने राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव की ओर से दायर लोकहीत याचिका पर गुरुवार को सुनवाई करते हुए उक्त निर्देश दिया.

गौरतलब है कि बिहार कर्मचारी चयन आयोग यानी बीएसएससी की इंटर (12वीं) स्तरीय पदों के लिए प्रारंभिक परीक्षा में प्रश्न-पत्र और उसके उत्तर लीक होने के मामले में अहम सबूत मिलने के बाद बिहार सरकार ने परीक्षा रद्द कर दिया था. मामले की जांच में जुटी विशेष जांच टीम ने आयोग के अध्यक्ष तथा वरिष्ठ आइएएस अधिकारी सुधीर कुमार, सचिव परमेश्वर राम तथा आयोग के डाटा एंट्री ऑपरेटर नीतिरंजन प्रताप को गिरफ्तार किया था. सरकार ने भी इस प्रकरण पर तुरंत कदम उठाते हुए, हो चुकी तथा होने वाली परीक्षा को रद्द कर दिया था. बिहार कर्मचारी चयन आयोग ने इंटर स्तरीय पदों के लिए प्रारंभिक परीक्षा के लिए चारतारीख का एलान किया था. दो परीक्षाएं 29 जनवरी और पांच फरवरी को हो चुकी थीं, जबकि अन्य परीक्षाएं 19 फरवरी और 26 फरवरी को होनी थी.

पहले दो चरणों में हुई परीक्षा के प्रश्न-पत्र और उनके उत्तर सोशल मीडिया पर वायरल हो गये थे. लेकिन आयोग ने किसी भी तरह की लीकेज मानने से इनकार कर दिया था. जबकि पेपर देने आये छात्रों ने सोशल मीडिया पर वायरल प्रश्न-पत्रों में एक सेट को सही बताया था. छात्रों ने परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर जमकर हंगामा किया. छात्रों का हंगामा बढ़ता देख मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को पूरे मामले की जांच करने के निर्देश दिए थे. मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की अगुआई में एक जांच दल गठित किया गया और जगह-जगह छापेमारी की गई और आयोग के अध्यक्ष सचिव, गुजरात प्रिंटिंग प्रेस के मालिक विनीत कुमार उनके कर्मचारियों बिपिन कुमार सहित कई अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया. याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को बताया गया कि मामले में कयी राजनेता सहित आइएएस अधिकारी की संलिप्तता है. इसलिए इसकी सीबीआई जांच कराने पर बडे रैकेट का परदाफाश होगा.

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