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हाइकोर्ट के आदेश पर भी नहीं हुई कुर्की
ताक पर नियम. हेलियस ग्रुप का चेयरमैन संजय अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर दो अगस्त तक पटना और वैशाली पुलिस को कुर्की-जब्ती करने का दिया था आदेश पटना : चिट फंड कंपनियों के घोटालों के इतिहास में एक सबसे बड़े घोटाले के रूप में हेलियस फाइनेंस कंपनी के घोटाले का भी नाम आता […]
ताक पर नियम. हेलियस ग्रुप का चेयरमैन संजय अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर
दो अगस्त तक पटना और वैशाली पुलिस को कुर्की-जब्ती करने का दिया था आदेश
पटना : चिट फंड कंपनियों के घोटालों के इतिहास में एक सबसे बड़े घोटाले के रूप में हेलियस फाइनेंस कंपनी के घोटाले का भी नाम आता है. इस कंपनी और इसके चेयरमैन संजय कुमार सिंह समेत अन्य संबंधित कर्मियों पर पूरे देशभर में सैकड़ों एफआइआर दर्ज हैं.
सबसे ज्यादा मामले पटना के अलग-अलग थानों में दर्ज हैं. अन्य जिलों में भी कई मामले हैं. फिर भी इसका चेयरमैन और पूरे घोटाले का मुख्य आरोपी संजय कुमार सिंह पुलिस की पकड़ से अभी तक फरार है. अपनी ऊपर तक पहचान और प्रशासन के आला अधिकारियों के साथ बेहतर साठगांठ के कारण संजय सिंह बेखौफ घूम रहा है.
इसकी ऊंची पहुंच का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि हाईकोर्ट ने इसके एक मामले की सुनवाई करते हुए पटना और वैशाली पुलिस को उसकी संपत्ति की कुर्की-जब्ती करने का आदेश दिया था. इसके लिए 2 अगस्त तक की समयसीमा भी निर्धारित की गयी थी, लेकिन इसकी किसी संपत्ति की कुर्की नहीं हो पायी है.
संजय सिंह की हैसियत और ऊंची रसूख का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि पिछले महीने में उसे पटना पुलिस गिरफ्तार करती है. परंतु सिर्फ दानापुर में दर्ज छोटे से दो मामले में ही रिमांड पर लेती और इन्हीं दोनों मामलों में उसे कोर्ट में पेश करती है, जिसकी वजह से उसे महज तीन दिन में ही बेल मिल जाती है. इसके बाद वह फिर से फरार हो जाता है. जबकि वह पुलिस की नजर में भगोड़ा घोषित हो चुका है.
पटना पुलिस उस पर दर्ज दर्जनों धोखाधड़ी और घपले के मामले की जिक्र तक नहीं करती और न ही इन मामलों में उसे रिमांड पर लेना मुनासिब समझती है. संजय सिंह पर बाढ़ और रूपसपुर थाना में सबसे ज्यादा जमीन विवाद और धोखाधड़ी से जुड़े मामले दर्ज हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, अगर इस मामले में सही से जांच हो जाये, तो आधा दर्जन से ज्यादा पुलिस पदाधिकारियों पर कार्रवाई हो जायेगी. इसमें एक आइजी रैंक के अधिकारी से लेकर थाना प्रभारी तक शामिल हैं.
निखिल प्रियदर्शी मामले में आया था सामने
सालों से फरार संजय सिंह अचानक उस समय सामने आया, जब निखिल प्रियदर्शी और उसकी प्रेमिका के मामले में वह लड़की का चाचा बनकर आ गया. उसने वकायदा पुलिस के समझ लड़की की तरफ से बयान भी दर्ज करवाया.
फिर भी पुलिस इसे गिरफ्तार नहीं करती है. वह निखिल और उसकी प्रेमिका के विवाद का फायदा उठाकर पटना स्थित सगुना मोड़ के पास मौजूद 25 कट्ठे की उस जमीन को फिर से कब्जा करने में कामयाब हो जाता है, जिसे वह चार साल पहले निखिल को पौने चार करोड़ में बेच चुका था. निखिल से पैसे और जमीन दोनों को छीनने के इस खेल में उसका साथ एक आइजी रैंक के अधिकारी और कुछ अन्य अधिकारियों तथा नेताओं ने भी दिया. इसके बदले में सभी को जमीन का टुकड़ा या रुपये कमीशन के तौर पर दिये गये हैं.
पटना/दानापुर : पटना हाइकोर्ट द्वारा हेलियस ग्रुप की जमीन पर निर्माण पर रोक लगाने के बावजूद वहां काम होने की सूचना पर अंचलाधिकारी महेंद्र प्रसाद गुप्ता ने दानापुर थाने में हेलियस ग्रुप ऑफ कंपनी के चेयरमैन संजय कुमार सिंह व दो मजदूरों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी है. मामला दर्ज होते ही पुलिस ने दो मजदूर रंजीत कुमार पटेल व मुकेश कुमार को गिरफ्तार कर लिया.
दोनों बिहटा के रहने वाले हैं. अंचलाधिकारी को जमीन पर तैनात सुरक्षा गार्ड से यह जानकारी मिली थी कि न्यायालय की रोक के बावजूद हेलियस ग्रुप के चेयरमैन संजय कुमार सिंह द्वारा दानापुर कैंट रोड स्थित प्लॉट संख्या 103 व 109 पर अवैध तरीके से निर्माण कराया जा रहा है.
अंचलाधिकारी महेंद्र प्रसाद गुप्ता ने बताया कि हेलियस ग्रुप की जमीन पर निर्माण कार्य पर हाइकोर्ट ने रोक लगा दी है. इसके बाद भी हेलियस के चेयरमैन संजय कुमार सिंह द्वारा प्लॉट संख्या 103 व 109 पर अवैध ढंग से निर्माण कराया जा रहा था. उन्होंने बताया कि संजय कुमार सिंह व दो मजदूरों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करा दी गयी है. दानापुर पुलिस के अनुसार दोनों मजदूरों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है.
थानों से मांगी गयी है दर्ज मामलों की जानकारी : आइजी नैय्यर हसनैन खां के निर्देश पर एसएसपी मनु महाराज ने पटना जिले के थानों से यह जानकारी मांगी है कि अगर हेलियस ग्रुप के चेयरमैन के खिलाफ किसी भी प्रकार का मामला दर्ज है, तो इसकी जानकारी जल्द से जल्द दें.
चेयरमैन हुआ था गिरफ्तार, पर मिल गयी थी जमानत
संजय कुमार सिंह को गैरजमानतीय वारंट के आधार पर कुछ दिन पहले कोतवाली पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था. लेकिन, वह तीन दिन में ही जमानत पर छूट गये थे. संजय कुमार सिंह पर बाढ़ व रूपसपुर थाने में भी प्राथमिकी दर्ज थी, लेकिन इस मामले में प्रोडक्शन वारंट नहीं लगाया गया. जिसका नतीजा यह रहा कि वह जमानत पर रिहा होने में सफल रहा.
इस मामले को आइजी नैय्यर हसनैन खां ने गंभीरता से लिया है और प्रोडक्शन वारंट क्यों नहीं लगाया गया है, इस मामले पर जांच के आदेश दिये हैं. इस मामले में संबंधित पुलिस पदाधिकारी पर गाज गिर सकती है. विदित हो कि पूर्व में ही पटना हाइकोर्ट ने हेलियस ग्रुप के सगुना मोड़ स्थित 121 कठ्ठा जमीन को अपने कब्जे में लेते हुए ऑफिशियल लिक्यूडेटर तक नियुक्त कर दिया है, ताकि पैसा जमा करने वाले लोगों की राशि को सूद समेत लौटाया जा सके.
पूर्व में भी जमीन बिक्री व निर्माण होने की शिकायत पटना हाइकोर्ट द्वारा नियुक्त ऑफिशियल लिक्यूडेटर ने जोनल आइजी, जिलाधिकारी, एसएसपी व अन्य अधिकारियों को पत्र के माध्यम से जानकारी देते हुए निर्माण पर रोक लगाने का आग्रह किया था. अत: निर्माण पर रोक लगा दी गयी थी.
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