बाथरूम में एक्स-रे और किचन में रखी गयी हैं दवाएं
नाम का विधायक अस्पताल : विधायक जी जाते हैं आइजीआइएमएस में इलाज कराने आनंद तिवारी पटना : दोपहर के 12:05 बजे हैं हम विधायक अस्पताल परिसर के इंट्री गेट पर खड़े हैं. बारिश का पानी परिसर में जमा है, पानी पूरी तरह से सड़ गया है और उससे उठ रही दुर्गंध से परेशान होकर लोग […]
नाम का विधायक अस्पताल : विधायक जी जाते हैं आइजीआइएमएस में इलाज कराने
आनंद तिवारी
पटना : दोपहर के 12:05 बजे हैं हम विधायक अस्पताल परिसर के इंट्री गेट पर खड़े हैं. बारिश का पानी परिसर में जमा है, पानी पूरी तरह से सड़ गया है और उससे उठ रही दुर्गंध से परेशान होकर लोग नाक बंद कर पानी से होकर ही आवागमन कर रहे हैं. वीरचंद पटेल पथ स्थित ट्रांजिस्ट हॉस्टल के ग्राउंड फ्लोर में चल रहे इस अस्पताल के अंदर जब हम पहुंचे, तो वहां एक भी मरीज नजर नहीं आया.
ओपीडी में बैठी नर्स और ड्रेसर आपस में बातचीत कर रहे हैं. ओपीडी के बगलवाले कमरे में अस्पताल के प्रभारी महोदय का चेंबर है, लेकिन प्रभारी महोदय ड्यूटी पर नहीं दिखे. जब हमने खाली कुरसियों की फोटो मोबाइल से लेनी शुरू की, तो मौके पर ड्रेसर पहुंच गया और साहब किसीकाम से बाहर गये हैं कह अपने मोबाइल से ऊपर के अधिकारियों को फोनकरने लगा.
दवाओं में टेंप्रेचर का पालन नहीं हो रहा
12:20 पर हम ओपीडी के अंदर होते हुए किचन में पहुंचे, जहां बारिश व जगह के अभाव के चलते दवाएं रखी गयी हैं. दवाओं में टेंप्रेचर का पालन नहीं हो रहा, ऐसे में दवाएं खराब हैं या सही यह जांच के बाद पता चलेगा. किचन के सामने बंद पड़े बाथरूम में एक्स-रे मशीन रखी है, जो पूरी तरह से खराब है और पिछले तीन साल से बंद है. बातचीत के दौरान पता चला कि अस्पताल चलाने के लिए सिर्फ चार कमरे मिले हैं. जगह के अभाव में बाथरूम व किचन का सहारा लेना पड़ता है.
बारिश व धूप के चलते सभी मशीनें खराब हो गयी हैं, बेड में लग गये हैं जंग
अस्पताल के मेन गेट पर लबालब बारिश का पानी भरा हुआ है. यहां विधायकों के लिए भरती होनेवाले सभी बेड और पैथोलॉजी जांच मशीनें खुले में पड़ी हुई हैं. बारिश व धूप के चलते सभी मशीनें खराब हो गयी हैं और बेड में जंग लग गये हैं. ब्लड टेस्ट मशीन, सेमी आटोएनालाइजर आदि सभी पैथोलॉजी जांच की मशीनें देख-रेख के अभाव में खराब हो गयी हैं.
नहीं आते हैं विधायक जी इलाज कराने : प्रदेश के विधायकों के लिए बनाये गये इस अस्पताल में कहने को माइनर ओटी, ओपीडी, बेड आदि सुविधाएं कागजों पर चल रही हैं.
लेकिन हकीकत यह है कि यहां विधायक जी इलाज कराने नहीं आते. पूछताछ के दौरान पता चला कि विधायक से लेकर मंत्री तक सभी आइजीआइएमएस या फिर शहर के बड़े प्राइवेट अस्पतालों का सहारा लेते हैं. यही वजह है कि अस्पताल और बदहाल हो चुका है.
मशीन बंद और अस्पताल की स्थिति को लेकर हमने कई बार ऊपर के अधिकारियों से बात की है. महज चार कमरे में अस्पताल का संचालन होने से यह समस्या अधिक हो रही है, जबकि बगल में खाली दो कमरे देने की डिमांड कर चुके हैं. रही बात मरीजों का आना का तो जरूरत पड़ते हैं आते हैं और जो सुविधाएं हैं उसमें बेहतर इलाज किया जाता है.
डॉ राजीव रंजन सिन्हा, प्रभारी विधायक अस्पताल
अस्पताल एक नजर में
ट्रांजिस्ट हॉस्टल के ग्राउंड फ्लोर में चलता है विधायकों का सरकारी अस्पताल
6 डॉक्टर, 3 नर्स, 3 फार्मासिस्ट और 1 ड्रेसर को इलाज के लिए किया गया है नियुक्त
माइनर ओटी, बेड, एक्स-रे, पैथोलॉजी सभी जांच मशीनें हुईं खराब
दो साल पहले ट्रांजिस्ट हॉस्टल में शिफ्ट हुआ है विधायकों का अस्पताल
नहीं आते हैं विधायक इलाज कराने, जाते हैं आइजीआइएमएस या फिर बड़े अस्पताल
देखरेख के अभाव में कई मशीनें हो गयीं खराब