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GST काउंसिल की 20वीं बैठक में लिये गये कई फैसले, झाड़ू कर मुक्त, मिट्टी की मूर्ति पर 5% टैक्स

सुशीलकुमारमोदी भी हुए शामिल, दिया सुझाव नयी दिल्ली/पटना :जीएसटी काउंसिल की 20वीं बैठक शनिवार को नयी दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में हुई. इसमें झाड़ू पर लगे पांच प्रतिशत जीएसटी को घटा कर शून्य व मिट्टी से बनी हुई मूर्ति पर 28 प्रतिशत से घटा कर पांच फीसदी जीएसटी लगाने का निर्णय किया गया. उपमुख्यमंत्री सह […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 5, 2017 6:18 PM

सुशीलकुमारमोदी भी हुए शामिल, दिया सुझाव

नयी दिल्ली/पटना :जीएसटी काउंसिल की 20वीं बैठक शनिवार को नयी दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में हुई. इसमें झाड़ू पर लगे पांच प्रतिशत जीएसटी को घटा कर शून्य व मिट्टी से बनी हुई मूर्ति पर 28 प्रतिशत से घटा कर पांच फीसदी जीएसटी लगाने का निर्णय किया गया. उपमुख्यमंत्री सह वित्तमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बताया कि इसी प्रकार अगरबत्ती, हवन सामग्री, साड़ी फॉल पर 12 से घटा कर पांच प्रतिशत टैक्स किया गया. रबड़ बैंड, कंप्यूटर के 20 इंच तक के मॉनिटर और ट्रैक्टर के कुछ विशेष चिह्नित पार्ट्स, गैस लाइटर पर 28 से घटा कर 18 प्रतिशत जीएसटी किया गया. इसके अलावा मानव निर्मित यार्न से जुड़े जॉब वर्क पर लगनेवाले जीएसटी को घटा कर पांच प्रतिशत कर दिया गया.

इस बाबत सुशील कुमार मोदी ने बताया कि बैठक में खादी के कपड़ा और उससे बने पोशाक को कर मुक्त करने, जीएसटी की धारा 9 (4) रिवर्स चार्ज को हटाने व जीएसटी लागू होने के पूर्व दूसरे राज्यों से माल मंगा कर रखनेवाले व्यावसायियों को कंपोजिंग स्कीम से वंचित करने की शर्त को हटाने की मांग की गयी. उन्होंने बताया कि कंपोजिंग स्कीम 75 लाख तक के सालाना टर्न ओवर वाले छोटे व्यापारियों को राहत देने के लिए लाया गया, मगर उक्त शर्त के कारण इसके दायरे में काफी कम व्यावसायी आ सके हैं. इसके अलावा कपड़ा व्यवसायियों की कठिनाइयों को भी बैठक में उठायी गयी, क्योंकि इसके पहले वैट के दौरान वे कर दायरे से बाहर थे.

काउंसिल की बैठक में निर्णय किया गया कि एक लाख से कम के माल की ढुलाई के लिए किसी प्रकार की परमिट की आवश्यकता नहीं होगी. बिहार में पहले 10 हजार तक के माल की ढुलाई पर यह छूट थी. जीएसटी लागू होने के बाद इसे बढ़ा कर 50 हजार किया गया था, मगर आज की बैठक एक लाख तक के माल की ढुलाई के लिए ई-वे बिल की जरूरत को खत्म कर दिया गया है.

बैठक में सुशील मोदी ने सड़क निर्माण, पेयजल आपूर्ति, सिंचाई और ड्रेनेज आदि के वर्क्स कान्ट्रैक्ट पर जीएसटी के तहत लगनेवाले 18 प्रतिशत टैक्स का घटा कर 12 करने का सुझाव दिया. सुशील मोदी ने कहा कि जीएसटी से पहले इनके लिए 8 से 11 प्रतिशत ही टैक्स देना पड़ता था. बैठक में मुनाफाखोरी रोकने के लिए केंद्र और राज्य के अधिकारियों की एक समिति बनाने पर भी सहमति बनी.

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