शराबी को छोड़ने की सेटिंग करना दारोगा और मुंशी को पड़ा महंगा, एएसपी के आदेश पर दोनों हुए गिरफ्तार
पटना : बिहार में शराबबंदी को लेकर लागू शख्त कानून के बीच गिरफ्त में आए पटना में एक शराबी कोछोड़नेकी सेटिंग करना बहादुरपुरथाने के दारोगा और मुंशी को महंगा पड़ गया. इस मामले में पटना के एसएसपी मनु महाराजके निर्देशपर बहादुरपुर थाना के एसआइ देवपाल पासवान और मुंशी पीटीसी विश्वनाथ प्रसाद को गिरफ्तार कर लियागया […]
पटना : बिहार में शराबबंदी को लेकर लागू शख्त कानून के बीच गिरफ्त में आए पटना में एक शराबी कोछोड़नेकी सेटिंग करना बहादुरपुरथाने के दारोगा और मुंशी को महंगा पड़ गया. इस मामले में पटना के एसएसपी मनु महाराजके निर्देशपर बहादुरपुर थाना के एसआइ देवपाल पासवान और मुंशी पीटीसी विश्वनाथ प्रसाद को गिरफ्तार कर लियागया है.
मामला शनिवार रात का है. बताया जा रहा है कि दोनों पुलिसकर्मी एक शराबी को पकड़े जाने के मामले को दबाने में लगे थे. थानेदार थाने पर नहीं थे. उस वक्त ऑन ड्यूटी एसआइ देवपाल पासवान ने शराब के नशे में धुत 44 साल के आलोक रंजन को पकड़ा. लेकिन, इसे गिरफ्तार करने के बजाए उसके साथ सेटिंग में लग गए. शराबी को छोड़ने के एवज में मोटी रकम की डिमांड की गयी. जेल जाने से बचने के लिए शराबी ने भी हामी भर दी. फिर सेटिंग का खेल शुरू हो गया. देवपाल ने थानेदार को उनके मोबाइल पर कॉल किया और कहा कि आलोक को वो छोड़ रहा है क्योंकि ब्रेथ एनालाइजर की टेस्ट में शराब पीने की पुष्टि नहीं हुई है.
बहादुरपुर थानेदार को इस मामले में अपने सहयोगियों पर शक हुआऔरवेखुद ही थोड़ी देर बाद थाने पहुंचे गए. तब तक देवपाल और मुंशी मिलकर आलोक को छोड़ने में लगे थे. लेकिन थानेदार ने मौके पर खुद से जांच करने की बात कहीऔर ब्रेथ एनालाइजर लेकर थानेदार नेस्वयं आलोक की जांच की. जिसमें शराब पीने की पुष्टि हुई. तत्काल मामले की जानकारी एसएसपी को दी गयी. जिसे एसएसपी ने गंभीरता से लिया और आलोक के साथ ही दोनों पुलिसकर्मियोंके खिलाफ एफआइआर दर्ज कर कार्रवाई करने का आदेश दिया.जिसकेबाद शराबी के साथ दोनों पुलिस वालों कोगिरफ्तार कर लिया गया.