बिहार पुलिस का खौफनाक चेहरा उजागर, लेबनानी नागरिक को बताया था आतंकी, हाईकोर्ट से मिली जमानत

पटना : बिहार पुलिस का खौफनाक चेहरा एक बार फिर उजागर हुआ है. पटना हाइकोर्ट ने सीतामढ़ी से किये गये एक लेबनानी नागरिक को जमानत दे दी है. हालांकि, उसे 13 महीनों तक जेल की हवा खानी पड़ी. पुलिस ने नेपाल के रास्ते भारत में दाखिल हुए लेबनानी नागरिक को न सिर्फ गिरफ्तार किया, बल्कि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 7, 2017 10:45 AM

पटना : बिहार पुलिस का खौफनाक चेहरा एक बार फिर उजागर हुआ है. पटना हाइकोर्ट ने सीतामढ़ी से किये गये एक लेबनानी नागरिक को जमानत दे दी है. हालांकि, उसे 13 महीनों तक जेल की हवा खानी पड़ी. पुलिस ने नेपाल के रास्ते भारत में दाखिल हुए लेबनानी नागरिक को न सिर्फ गिरफ्तार किया, बल्कि उसे आतंकी तक करार दे डाला.

क्या है मामला

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जमानत पर रिहा होने के बाद लेबनानी नागरिक फदी फजल ने बताया है कि पिछले वर्ष आठ जुलाई को नेपाल घुमने के दौरान अनजाने में वह सीतामढ़ी की सीमा में प्रवेश कर गया था. सीतामढ़ी के मोहनपुर चौक पर उसे तत्कालीन थानेदार विशाल आनंद ने भारत का वीजा नहीं होने के आरोप में लेबनानी नागरिक को गिरफ्तार कर लिया. इस दौरान तलाशी के दौरान फदी फजल के पास से पुलिस को हार्ड डिस्क मिला. इसी हार्ड डिस्क के आधार पर फदी फजल को आतंकी करार दे दिया गया. साथ ही जांच के लिए एसआई विजय कुमार गुप्ता को नियुक्त कर दिया गया. मामले को रफा-दफा करने के लिए एसआई ने लेबनानी नागरिक से रिश्वत की मांग की. पीड़ित द्वारा रिश्वत की मांग पूरी नहीं किये जाने के बाद एसआई ने फदी फजल के परिजनों से भी रिश्वत की मांग की. करीब 13 माह जेल में रहने के बाद मामला हाइकोर्ट पहुंचा, जहां से लेबनानी नागरिक फदी फजल को जमानत मिल गयी. वहीं सीतामढ़ी के एसपी हरि प्रसाद ने कहा कि यह मामला अदालत में है, ऐसे में इस पर बहुत कुछ बोलना संभव नहीं है.

निलंबित किया गया एसआई

सीतामढ़ी के आरक्षी अधीक्षक के मुताबिक, फदी फजल को ना तो जबरन गिरफ्तार किया गया था और ना ही उसे आतंकी घोषित किया गया. वहीं, दूसरी ओर आरोपित एसआई विजय कुमार को निलंबित कर दिया गया है.

आइजी ने मांगी रिपोर्ट

पुलिस मुख्यालय ने फजल के आरोपों को लेकर मुजफ्फरपुर के जोनल आइजी सुनील कुमार को जांच के आदेश दे दिये हैं. इसके बाद मामले की जांच सीतामढ़ी के एसपी कर रहे हैं. साथ ही, मुख्यालय ने भी जोनल आइजी से इस संबंध में एक विस्तृत रिपोर्ट भी मांगी है.

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