विधायक का भतीजा सोनू बालू माफियाओं का मास्टरमाइंड

सुरेंद्र, इरफान और रंजीत का खुलासा पूछताछ के दौरान पुलिस को मिली कई अहम जानकारी पटना : विधायक भाई वीरेंद्र का भतीजा सोनू तमाम बालू माफियाओं का मास्टरमाइंड है. यह रिमांड पर लिये गये सुरेंद्र, इरफान व रंजीत के बयान के बाद उजागर हुआ है. सूत्रों के अनुसार पुलिस ने इन तीनों को दो दिनों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 8, 2017 7:24 AM
सुरेंद्र, इरफान और रंजीत का खुलासा
पूछताछ के दौरान पुलिस को मिली कई अहम जानकारी
पटना : विधायक भाई वीरेंद्र का भतीजा सोनू तमाम बालू माफियाओं का मास्टरमाइंड है. यह रिमांड पर लिये गये सुरेंद्र, इरफान व रंजीत के बयान के बाद उजागर हुआ है.
सूत्रों के अनुसार पुलिस ने इन तीनों को दो दिनों के रिमांड पर लिया था और पूछताछ के बाद सोमवार को वापस जेल भेज दिया गया. इन तीनों ने ही यह जानकारी दी है कि विधायक का भतीजा सोनू के कहने पर ही ये लोग पोकलेन मशीन चलाते थे. सोनू ही उनका मालिक था और उसने ही कई लोगों को अलग-अलग जगह बालू खनन के लिए जिम्मेवारी दे रखी थी. उसके ही इशारे पर पूरा काम होता था और उससे होने वाली कमाई सोनू तक पहुंचती थी. बाकी को कमीशन मिलता था.
इन तीनों ने पुलिस को यह भी जानकारी दी है कि उस इलाके में बालू खनन का काम वे लोग कई दिनों से कर रहे है, लेकिन उन्हें पुलिस वाले ने भी रोका-टोका नहीं. पुलिस वालों को भी सोनू ही मैनेज करता था.
इन लोगों से पूछताछ में यह भी खुलासा हुआ है कि बालू खनन, लोड कराना और फिर उसे बाजार तक पहुंचने का पूरा नेटवर्क सोनू ही मैनेज करता था. बाकी जितने भी लोग जुड़े थे, वे सभी केवल कमीशन पर काम करते थे. सोनू दिन भर में एक बार बालू खनन के जगह पर आता और फिर तुरंत ही वहां से निकल जाता था, उसके आने व जाने का समय कर्मचारियों को कभी भी पता नहीं होता था. इसके साथ ही वह जब पहुंचता था तो हथियारों के साये में रहता था.
होगी कुर्की-जब्ती
विधायक भाई वीरेंद्र के भतीजे सोनू व अन्य बालू माफियाओं की संपत्ति की कुर्की-जब्ती पुलिस करेगी. जल्द ही इन सभी के गिरफ्तारी वारंट के लिए पटना पुलिस आवेदन देगी और गिरफ्तारी वारंट प्राप्त होते ही फिर इश्तेहार व कुर्की-जब्ती की प्रक्रिया की जायेगी.
इसके साथ ही इन सभी को पकड़ने के लिए एसआइटी लगातार इनके संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर रही है. एसआइटी उन लोगों के नामों की भी खोजबीन कर रही है, जो सोनू के पार्टनर थे. क्योंकि एसआइटी को शक है कि इतना बड़ा नेटवर्क अकेला सोनू नहीं चला सकता है. इसके अलावा जिन अन्य बालू माफियाओं का नाम सामने आया है, वह सभी सोनू के अन्तर्गत ही काम करते थे.

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