पटना : जदयू के वरिष्ठ नेता और पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने ट्वीटर पर अपनी नतिनी के साथ रक्षाबंधन की तस्वीर शेयर करते हुए समस्त देशवासियों को इसके लिए बधाई एवं शुभकामनाएं दी है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शरद यादव ने भारतीय राजनीति पर अपनी बात रखते हुए कहा है कि भारत में सबको साथ लेकर चलने की राजनीति जरूरी है. समन्वय की इस विरासत को बचाने को हम वचनबद्ध हैं. शरद ने कहा है कि आगामी 17 अगस्त को उनके द्वारा बुलाये गये सम्मेलन का मकसद भी यही है. शरद यादव ने मीडिया से बातचीत में कहा है कि इसलिए सम्मेलन का नाम ‘सहज विरासत बचाओ सम्मेलन’ रखा गया है. शरद यादव की ओर से बुलाया गया यह सम्मेलन जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की होने वाली बैठक से दो दिन पहले हो रहा है.
राजनीतिकपंडितों कीमानें,तो इस सम्मेलन से पहले जिस तरह यादव विपक्ष के तमाम बड़े नेताओं से संपर्क में जुटे हुए हैं, उसको लेकर राष्ट्रीय स्तर की सियासत में हलचल मची हुई है. बताया जा रहा है कि 10 अगस्त से बिहार दौरे पर पहुंचने वाले शरद जनता से भी बिहार में जदयू के वर्तमान राजनीतिक फैसले पर चर्चा करेंगे. शरद यादव के सम्मेलन में विपक्षी नेताओं के अलावा, सामाजिक कार्यकर्ता, दलित और अल्पसंख्यक नेताओं के शामिल होने की बात कही जा रही है. शरद यादव बिहार यात्रा के बाद उठे सवालों और अपने अनुभवों को 17 अगस्त के सम्मेलन में शेयर करेंगे. राजनीतिक जानकारों की मानें तो शरद यादव के इस सम्मेलन को लेकर तमाम तरह के कयास लगाये जा रहा है.
इससे पूर्व शरद यादव ने बिहार में जदयू के राजनीतिक फैसले को सही नहीं बताते हुए, इस पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की थी. फिर बाद में स्वयं उन्होंने अलग पार्टी बनाने की बात को अफवाह करार दिया. उन्होंने कहा था कि वह जदयू के संस्थापक सदस्यों में से हैं, इसलिए यह सब बातें झूठी हैं. जानकारों की मानें, तो शरद यादव जदयू की कार्यकारिणी से पहले अपने सम्मेलन के जरिये विपक्षी नेताओं से रायशुमारी बनाने में लगे हैं.
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