पटना : सूबे में बढ़ रहे ध्वनि प्रदूषण को रोक पाने में राज्य सरकार के नाकाम होने और असंवेदनशीलता अपनाये जाने पर पटना हाइकोर्ट ने सख्त नाराजगी जतायी है. पटना हाइकोर्ट ने राज्य सरकार व प्रदूषण नियंत्रण पर्षद से अगली सुनवाई में यह बताने का निर्देश दिया है कि उन्होंने ध्वनि प्रदूषण रोकने के लिए बनाये गये कानूनों के अनुपालन के लिए अब तक क्या किया है. चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन एवं जस्टिस डॉ अनिल कुमार उपाध्याय की खंडपीठ ने अधिवक्ता समीर कुमार की ओर से दायर लोकहित याचिका पर मंगलवार को सुनवाई करते हुए उक्त निर्देश दिया.
याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को बताया गया कि सूबे में ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिए सरकार द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है. इस संबंध में बनाये गये कानून का ना तो सख्ती से अनुपालन कराया जा रहा है और ना ही आमजनों में ध्वनि प्रदूषण को लेकर कोई जागरूकता का ही कार्य किया जा रहा है. इस कारण यह समस्या दिनोंदिन गंभीर एवं विकराल होती जा रही है. सुनवाई के दौरान अदालत को यह भी बताया गया कि इस संबंध में अदालत ने पूर्व में ही राज्य सरकार को इस संबंध में मैकेनिज्म तैयार करने और कानून का अनुपालन सख्ती से करते हुए इसकी रिपोर्ट के साथ मामले में एमेकस क्यूरी को भी अपनी रिपोर्ट अदालत में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था. बावजूद मामले में राज्य सरकार शिथिलता बरत रही है. मंगलवार को सुनवाई के क्रम में एमेकस क्यूरी मृग्यांक मौली ने अदालत के समक्ष अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की.