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शरद यादव ने अहमद पटेल को दी बधाई, जनता से ”सीधी बातचीत” को लेकर 10 अगस्त से बिहार दौरे पर

पटना: महागठबंधन से नाता तोड़कर बिहार में सरकार बनाने के लिए भाजपा से हाथ मिलाने वाली अपनी पार्टी जदयू से अलग रास्ता अख्तियार करते हुए दल के वरिष्ठ नेता शरद यादव ने गुजरात में राज्यसभा का महत्वपूर्ण चुनाव जीतने पर आज अहमद पटेल को बधायी दी. शरदयादव ने ट्वीट कर आज कड़ी बाधा के बावजूद […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 9, 2017 10:19 PM

पटना: महागठबंधन से नाता तोड़कर बिहार में सरकार बनाने के लिए भाजपा से हाथ मिलाने वाली अपनी पार्टी जदयू से अलग रास्ता अख्तियार करते हुए दल के वरिष्ठ नेता शरद यादव ने गुजरात में राज्यसभा का महत्वपूर्ण चुनाव जीतने पर आज अहमद पटेल को बधायी दी. शरदयादव ने ट्वीट कर आज कड़ी बाधा के बावजूद राज्यसभा के चुनाव में जीत के लिए अहमद पटेल को हृदय से बधाई दी तथा उनकी सफलता की कामना की.

जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शरदयादव ने ट्वीट संदेश में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल का नाम नहीं लिया है पर अपने साथ उनकी तस्वीर लगायी है. उनका यह संदेश ऐसे समय में महत्वपूर्ण है जब जदयू ने बिहार में भाजपा से हाथ मिला लिया है. शरदयादव का यह बधायी संदेश तब आया है जब गुजरात विधानसभा में जदयू के एक मात्र विधायक छोटू वासवा ने बिहार में जदयू के भाजपा के साथ गठबंधन कर सरकार बनाए जाने के बावजूद अहमद पटेल के पक्ष में मतदान किया था.

इस खेल को समझते हुए जदयू ने कहा कि शरद के करीबी रहे अपनी पार्टी के नेता अरुण श्रीवास्तव को गुजरात में संपन्न कराए जा रहे राज्यसभा चुनाव के रिटर्निंग ऑफिसर को चुनाव एजेंट नियुक्ति के लिए अनधिकृत रूप से पत्र लिखे जाने को लेकर उन्हें पार्टी के महासचिव पद से कल मुक्त कर दिया था. इस संबंध में श्रीवास्तव को पत्र जदयू के प्रधानसचिव केसी त्यागी द्वारा कल सौंपा गया था.

केसी त्यागी ने श्रीवास्तव को लिखे पत्र में उनसे कहा था ‘आपसे हुई वार्ता में आपने स्वीकार किया कि गुजरात के राज्य सभा चुनाव के रिटर्निंग अफसर को आपने चुनाव एजेंट नियुक्ति संबंधी एक पत्र लिखा है’. उन्होंने कहा था, आपको पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार द्वारा ऐसे किसी निर्देश जारी करने के लिए अधिकृत नहीं किया गया है. इस स्थिति में आपका यह कृत्य पार्टी विरोधी धोखाधड़ी एवं अनुशासन भंग करने वाला है.

अरुण श्रीवास्तव से त्यागी ने आगे कहा, जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्षनीतीश कुमार ने इसे गंभीर घटना मानते हुए आपको पार्टी के महासचिव पद से विमुक्त कर दिया है. त्यागी ने जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार द्वारा गुजरात में संपन्न राज्यसभा की सभी तीन सीटों के लिए चुनाव के रिटर्निंग ऑफिसर को लिखित एक पत्र को जारी किया है जिसमें केवल त्यागी को पार्टी का अधिकृत एजेंट नियुक्त करने के लिए अधिकृत किया गया था.

इस बीच विक्षुब्ध शरदयादव जो कि बिहार से राज्यसभा सदस्य हैं, नीतीश कुमार के महागठबंधन से नाता तोड़कर बिहार में सरकार बनाने के लिए भाजपा के साथ हाथ मिलाने पर नाराज चल रहे हैं और महागबंधन (जदयू-राजद-कांग्रेस) को मिले जनादेश को लेकर जनता से सीधे संवाद के लिए कल से तीन दिवसीय दौरे पर बिहार आ रहे हैं.

शरद ने अपने ट्विट संदेश में आगामी 10 अगस्त से 12 अगस्त तक के सड़क मार्ग से बिहार के विभिन्न जिलों के अपने इस दौरे के दौरान जनता के साथ संवाद का जिक्र करते हुए बताया है कि आगामी 10 अगस्त को पटना, सोनपुर और मुजफ्फरपुर की यात्रा करेंगे. अगले दिन मुजफ्फरपुर-दरभंगा-मधुबनी की तथा अपनी यात्रा के अंतिम दिन मधुबनी-सुपौल-सहरसा-मधेपुरा की यात्रा करेंगे.

जदयू के दो अन्य सांसद अली अनवर और एमपी वीरेंद्र कुमार भी नीतीश के इस निर्णय को लेकर पूर्व में नाराजगी व्यक्त कर चुके हैं. इस बीच जदयू ने शरद की इस यात्रा से दूरी बनाते हुए आज कहा कि उसका उनकी इस यात्रा से कुछ भी लेना देना नहीं है. जदयू के प्रवक्ता संजय सिंह ने शरदयादव की इस बिहार यात्रा को उनकी व्यक्तिगत यात्रा बताते हुए केवल इतना कहा कि उन्होंने अपनी राह बदल ली है.

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