नदियों की जमीन की अवैध बिक्री की होगी जांच : मंत्री

पटना : राजस्व व भूमि सुधार मंत्री रामनारायण मंडल ने कहा कि नदियों की असर्वेक्षित भूमि की अवैध बिक्री की जांच होगी. जांच में दोषी पाये जानेवाले अधिकारियों पर भी कार्रवाई होगी. सात अगस्त को प्रभात खबर ने इस आशय की खबर प्रकाशित की थी. बुधवार को सूचना भवन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में मंत्री […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 10, 2017 7:46 AM
पटना : राजस्व व भूमि सुधार मंत्री रामनारायण मंडल ने कहा कि नदियों की असर्वेक्षित भूमि की अवैध बिक्री की जांच होगी. जांच में दोषी पाये जानेवाले अधिकारियों पर भी कार्रवाई होगी. सात अगस्त को प्रभात खबर ने इस आशय की खबर प्रकाशित की थी.
बुधवार को सूचना भवन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में मंत्री रामनारायण मंडल ने कहा कि नदी की धारा बदलने से निकलने वाली जमीन का सर्वे हाेगा, जिससे इस बात का पता चल जायेगा कि कितनी सरकारी जमीन है. सरकारी जमीन की अवैध बिक्री मामले में कार्रवाई होगी. उन्होंने कहा कि जनता के हित से संबंधित जो काम है, वह किया जायेगा. विभाग ऐसी व्यवस्था कर रहा है कि जमीन से संबंधित मामले को लेकर लोगों को कम-से-कम परेशानी हो. विभाग में 4,353 राजस्व कर्मचारियों और 1,500 अमीनों की नियुक्ति प्रक्रिया दिसंबर तक पूरी होगी.
ऑनलाइन दाखिल-खारिज के िलए एक्ट में होगा संशोधनप्रधान सचिव विवेक सिंह ने कहा कि राज्य में पहली बार दाखिल-खारिज, लगान व भूमि स्वामित्व प्रमाणपत्र मिलने की व्यवस्था ऑनलाइन हो रही है.
इसके लिए एक्ट में संशोधन की जरूरत है. माॅनसून सत्र में इससे संबंधित विधयेक लाया जायेगा. इसके अलावा रैयती जमीन की मापी को कानूनी अधिकार, लगान निर्धारण जमीन से संबंधित सभी चीजों की जानकारी एक फाॅर्म में होने की सुविधा संबंधित विधयेक भी पेश किया जायेगा. इसके लिए फॉर्म में बदलाव करने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि 46 शहरी अंचलों में भू-अभिलेखों का डिजिटलाइजेशन पूरा हो गया है. 19 जिलों में डिजिटलाइज्ड राजस्व मानचित्र मिल रहा है.
अंचलों में पंचायत सरकार भवन में हलका कर्मचारियों के लिए जगह मांगी गयी है. उन्हें टैबलेट मुहैया कराया जायेगा, ताकि वे ऑनलाइन रिपोर्टिंग कर सके. प्रधान सचिव ने कहा कि 21-22 को राष्ट्रीय कार्यशाला आयोजित होगी. इसमें इसरो, भारत सरकार के अधिकारी सहित जमीन से जुड़े विशेषज्ञ महत्वपूर्ण जानकारी देंगे. रैयतों के हितों की रक्षा के लिए भू-अभिलेखों का अपडेट हो रहा है. अभियान बसेरा, दखल-दिहानी की मॉनीटरिंग हो रही है.

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