पटना: वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शुक्रवारको ‘महागठबंधन’ से अलग होने के नीतीश कुमार के फैसले को जनादेश से धोखा करार देते हुए इसकी कड़ी निंदा की औरबिहार में भाजपा के साथ मिलकर उनके नयी सरकार बनाने को ‘अधर्म का गंठबंधन’ करार दिया. सिंधिया ने जोर देकर कहा कि पार्टी इस नापाक गंठजोड़ का कड़ा विरोध करेगी.
जेपी अग्रवाल के साथ यहां सदाकत आश्रम में पार्टी पदाधिकारियों की बैठक में सिंधिया ने महागंठबंधन को छोड़ने और भाजपा से हाथ मिलाने के लिए नीतीश कुमार की कड़े शब्दों में निंदा की. उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में हालांकि नीतीश कुमार का नाम नहीं लिया. सिंधिया ने कहा, लोगों ने पांच वर्ष के लिए कांग्रेस, जदयू और राजद के महागंठबंधन को जनादेश दिया था. यह महागंठबंधन की जिम्मेदारी थी कि वह लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरे, लेकिन कुछ कारणों से कुछ लोग हैं जो भाजपा पर टिप्पणियां (आलोचना) किया करते थे और भाजपा उन पर टिप्पणियां किया करती थी. मौका मिलने ही उन्होंने महागंठबंधन छोड़ दिया और अधर्म का गंठबंधन बना लिया.
नीतीश कुमार के परोक्ष संदर्भ में सिंधिया ने कहा कि पार्टी उस शख्स का बेहद सख्ती से विरोध करेगी जो सत्ता हासिल करने के लिए किसी भी स्तर तक गिर सकता है. उन्होंने कहा, ‘हमारी पार्टी के कार्यकर्ता और नेता इस (धोखे) को प्रत्येक गांव, पंचायत और शहरी इलाकों में वार्ड तक लेकर जायेंगे और लोगों को इस नापाक गठजोड़ के बारे में बतायेंगे.’ इस आरोप पर कि कांग्रेस चाहती तो गंठबंधन बच सकता था. उन्होंने कहा कि जो हो चुका है उस पर अब चर्चा करने या उसका पोस्टमार्टम करने का कोई मतलब नहीं है.
कांग्रेस के नेता ने कहा, ‘क्योंकि यह एक गलत फैसला (महागंठबंधन से संबंध तोड़ने का) था और जनादेश के खिलाफ था इसलिए यह ‘अधर्म का गंठबंधन’ है. यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस राजद के साथ गंठजोड़ में रहेगी, सिंधिया ने कहा, ‘अभी यह हमारी (सिंधिया और अग्रवाल) जिम्मेदारी है कि पार्टी पदाधिकारियों, विधायकों, विधान पार्षदों और आनुषांगिक संगठनों से चर्चा करें. अब जहां तक गंठजोड़ की बात है, इस पर फैसला स्थानीय नेतृत्व, पार्टी प्रभारी और सर्वोच्च नेतृत्व करेगा.
एक सवाल के जवाब में वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ने कहा, पार्टियों में दलबदल और टूट कराना भाजपा के डीएनए में है. पार्टी विधायकों के दलबदल की संभावना के सवालों पर सिंधिया ने कहा, ‘मुझे इन अफवाहों पर पूर्ण विराम लगाने दीजिये. हमारे सभी विधायक आपके (मीडियाकर्मियों के) सामने हैं और पार्टी के लिए काम करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं.’ पार्टी सूत्रों ने हालांकि कहा कि सिंधिया की अध्यक्षता में हुई बैठक में 27 विधायकों में से सिर्फ 18 विधायक ही शामिल हुए.
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